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Updated: 18 फरवरी, 2018 05:31 PM
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मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सामने ताजा चुनौती कोलारस और मुंगावली विधानसभा के उपचुनाव हैं. कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए ये बड़ी चुनौती इसलिए भी है क्योंकि ये दो इलाके उन्हीं के संसदीय क्षेत्र गुना का हिस्सा हैं. कांग्रेस इसे इसी साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रिहर्सल का टूल मान कर चल रही है.

2018 के फाइनल एग्जाम के लिए कांग्रेस ने जो प्लान किया है वो काफी दिलचस्प है. ये राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले युवाओं के लिए रोजगार गारंटी स्कीम जैसा तो है ही - बेस्ट आइडिया देने वालों के लिए कांग्रेस सबसे बड़ा ऑफर लेकर भी आई है.

कॉफी विद राहुल गांधी!

कॉफी विद राहुल गांधी - ये कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए सबसे बड़ा ऑफर है. कांग्रेस ने बड़ी संख्या में नौजवानों का इंटरव्यू लिया है और उन्हीं में से कुछ लोग हॉट सीट के लिए चुने जाने हैं.

राजनीति का टैलेंट हंट चला रहीं कांग्रेस की सोशल मीडिया विंग की इंचार्ज दिव्या स्पंदना ने बेहतरीन आइडिया वाले युवाओं को राहुल गांधी के साथ बैठ कर कॉफी पीने का ऑफर दिया है.

rahul, scindiaकौन बैठेगा हॉट सीट पर?

कांग्रेस के इस सोशल मीडिया सेल में शामिल होने वाले युवाओं के लिए खास पैमाने भी तय किये गये हैं. ऐसे युवाओं को सोशल मीडिया पर सक्रियता और ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर प्रमोशन की जरूरी कसौटी पर खरा उतरना जरूरी है.

जिन लोगों ने इस काम मे रुचि जाहिर की है - उनमें बड़ी संख्या में छात्र, एनजीओ में काम करने वाले वॉलंटियर और वकालत के पेशे से जुड़े लोग भी शुमार हैं.पता चला है कि कांग्रेस इन युवाओं को मध्य प्रदेश में बूथ स्तर पर तैनान करने जा रही है. ये युवा स्थानीय मीडिया से संवाद स्थापित करने से लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस का पक्ष रखने में सक्रिय रहेंगे. कांग्रेस इन्हें प्रवक्ताओं की तरह ही इस्तेमाल करेगी, ऐसे संकेत मिले हैं.

यूपीए सरकार में युवाओं को रोजगार न दे पाने के लिए राहुल गांधी गलती स्वीकार कर चुके हैं. 2009 में यूपीए की केंद्र की सत्ता में वापसी में मनरेगा की महती भूमिका मानी जाती है. नौ साल बाद लगता है कांग्रेस मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वैसा ही प्लान लेकर आयी है. इससे पहले कांग्रेस की ओर से शशि थरूर के नेतृत्व में प्रोफेशनल्स के लिए भी एक फोरम बनाया गया है.

शिवराज सिंह चौहान को काउंटर करने की रणनीति

कोलारस और मुंगावली उपचुनाव में पिछड़े वर्ग को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई उपाय किये हैं. इनमें मंत्रिमंडल विस्तार कर पिछड़े वर्ग के तीन विधायकों को मंत्री बनाया जाना भी शामिल है.

shivraj chauhanकांग्रेस की कड़ी चुनौती से मुकाबला

बीते दिनों मध्य प्रदेश में हुए अटेर, चित्रकूट विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव और नगर निकायों के चुनावों में बीजेपी की हार ने वैसे भी शिवराज को परेशान और अलर्ट कर दिया है. शिवराज किसी भी सूरत में बीजेपी नेतृत्व के मन में राजस्थान जैसी धारणा नहीं बनने देना चाहते. शिवराज किस कदर मेहनत कर रहे हैं फील्ड में उनकी मौजूदगी के हिसाब से समझा जा सकता है. 10 महीने बाद संभावित विधानसभा चुनावों में भी रणनीति तकरीबन ऐसी ही होगी ये तो मान कर चलना चाहिये.

कांग्रेस भी बीजेपी और शिवराज सिंह की हर राजनीतिक चाल पर नजर रखे हुए है. गुजरात में बीजेपी विरोधी तिकड़ी के कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर की गुजरात में दस्तक बता रही है कि कांग्रेस का इरादा क्या है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस मान कर चल रही है कि अल्पेश को आगे कर कुछ हद तक शिवराज को काउंटर किया जा सकता है.

अल्पेश ने भी राज्य में साझा ओबीसी मोर्चा खड़ा करने का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश में अल्पेश ने हाल ही में कहा था, "हमारा मोर्चा ओबीसी समुदाय के गरीब, किसानों और बेरोजगार युवाओं से समर्थन जुटाएगा. इन वर्गों की अपेक्षाओं के कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में शामिल होने पर ये मोर्चा पार्टी का समर्थन करेगा."

पकौड़ा विमर्श में मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने युवाओं को पकौड़ा बेचने के काम को छोटा न समझने की सलाह दी थी. अल्पेश भी गुजरात में तब से सक्रिय हैं जब आनंदी बेन राज्य की मुख्यमंत्री रहीं.

आनंदी बेन की सलाह पर अल्पेश की टिप्पणी रही, "वो मेरी आंटी हैं, मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि गुजरात में महिलाएं पकौड़े बनाने और खाने को पसंद करती हैं. मैं भी पकौड़े पसंद करता हूं लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि टॉप मैनेजमेंट और टेक्नीकल इंस्टीट्यूट्स से निकले छात्रों को पकौड़े बेचने के लिए कहा जाए. ये सरकार का दायित्व है कि वो देश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए. मैं राज्यपाल से अनुरोध करूंगा कि वो सरकार को कोई तार्किक सलाह दें."

अल्पेश ठाकोर की मानें तो जल्द ही हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी भी मध्य प्रदेश का रुख करने वाले हैं. साफ है कर्नाटक से फ्री होकर राहुल गांधी अपना आजमायी हुई गुजरात टीम के साथ मध्य प्रदेश में भी धावा बोलने वाले हैं. हॉट सीट की तैयारी कर रहे युवाओं को उम्मीद करनी चाहिये उससे पहले ही उन्हें 'कॉफी विद राहुल गांधी' में बुलाया जाएगा.

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