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Updated: 27 अप्रिल, 2022 10:44 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने भी अपना सरकारी बंगला छोड़ दिया है. तेज प्रताप को 2 M, स्टैंड रोड पर सरकारी आवास मिला हुआ है. तेज प्रताप के अलावा बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को अलग अलग सरकारी आवास मिले हुए हैं.

पहले दोनों भाई, मां राबड़ी देवी के साथ 10, सर्कुलर रोड पर ही रहते थे, लेकिन बाद में तेज प्रताप यादव अपने नये बंगले में शिफ्ट हो गये थे. शादी के बाद भी तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राजश्री, राबड़ी देवी के साथ ही रह रहे हैं. हाल ही में राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर ही इफ्तार पार्टी रखी गयी थी और उसमें नीतीश कुमार की शिरकत बिहार की राजनीति के हिसाब से काफी अहम हो गयी है.

नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री आवास छोड़ कर नये बंगले में शिफ्ट होने की खबर सुर्खियों में रही है और उसकी खास वजह भी रही - क्योंकि इफ्तार पार्टी में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार ने पटना एयरपोर्ट पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उसी दिन देर शाम सर्कुलर रोड वाले बंगले में पूरे लाव लश्कर के साथ शिफ्ट हो गये. नीतीश कुमार के नये बंगले का पता 7, सर्कुलर रोड है और उसी के बगल में 10 नंबर के बंगले में लालू यादव का परिवार रहता है.

अब तेज प्रताप यादव फिर से 10, सर्कुलर रोड यानी मां राबड़ी देवी के घर पर पहुंच गये हैं. मां के साथ रहने के फैसले के पीछे वो खास वजह भी बता रहे हैं. तेज प्रताप यादव का कहना है कि उनके खिलाफ उसी घर में साजिश रची जा रही है - और इसीलिए वो मां के पास पहुंच गये हैं.

लेकिन उसी जगह को लेकर तेज प्रताप यादव पर बहुत बड़ा आरोप लगा है. आरोप भी उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के यूथ विंग के ही एक पदाधिकारी ने लगाया है. झगड़ा सुलझाने और इंसाफ दिलाने के लिए अब लालू यादव के जेल से छूट कर पटना पहुंचने का इंतजार हो रहा है. लालू यादव को हाल ही में चारा घोटाले के एक मामले में जमानत मिली है.

तेज प्रताप पर युवा आरजेडी नेता ने इफ्तार पार्टी के दिन ही बंद कमरे में नंगा करके पीटने का इल्जाम लगाया है. मामला इतना गंभीर हो चला है कि दोनों भाइयों में तनाव गहरा हो चुका है. तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बड़े भाई की हरकत से बेहद खफा बताये जाते हैं.

और तेज प्रताप यादव ने आरजेडी ही छोड़ देने का ही ऐलान कर दिया है. लालू यादव के परिवार का ये झगड़ा (Lalu Yadav Family Feud) गंभीर तो पहले ही लगता था - अब ये खतरनाक शक्ल अख्तियार करने लगा है.

इफ्तार पार्टी में तेज प्रताप ने क्या क्या किया?

राबड़ी देवी के आवास आयोजित इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार का पहुंचना राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण समझा गया. ये भी देखा गया कि जब तक नीतीश कुमार वहां रहे, तेज प्रताप यादव छोड़ कर एक पल के लिए भी नहीं हटे - और बाद में मुख्यमंत्री के साथ सीक्रेट बातचीत होने का दावा भी किया था.

tejashwi yadav, tej pratap yadavलालू परिवार में जो कुछ हो रहा है वो फेमिली पॉलिटिक्स का ही साइड इफेक्ट है, लेकिन ये खतरनाक रास्ते पर बढ़ रहा है.

लेकिन उसके बाद पार्टी के भीतर से ही तेज प्रताप यादव पर ऐसा इल्जाम लगा है कि बचाव का कोई रास्ता न देख, लालू यादव के बड़े बेटे ने अपनी पार्टी आरजेडी से ही इस्तीफा देने की घोषणा कर डाली है.

'कमरा बंद किया और नंगा करके पीटा': तेज प्रताप यादव इस बार बहुत बुरे फंसे लगते हैं. पिटाई का आरोप लगने पर तेज प्रताप यादव ने रूठ जाने का पुराना तरीका अपनाने की कोशिश की, लेकिन भाई तेजस्वी के इग्नोर करने और मां राबड़ी देवी का सपोर्ट न मिलने पर परेशान हो गये.

खबरों के मुताबिक, युवा आरजेडी के महानगर अध्यक्ष रामराज यादव का आरोप है कि तेज प्रताप यादव ने इफ्तार पार्टी वाले दिन ही उनकी बुरी तरह पीटा था. रामराज यादव का ये भी आरोप है कि कमरे को बंद कर दिया गया और उनके कपड़े जबरन उतार दिये गये - और उसके बाद उनकी पिटाई हुई.

अपनी शिकायत के साथ आरजेडी दफ्तर पहुंच कर रामराज यादव ने इस्तीफे की पेशकश कर दी. बोले कि वो ऐसी राजनीति नहीं करना चाहते. बताते हैं कि जिस वक्त रामराज यादव पार्टी दफ्तर पहुंचे थे, तेजस्वी यादव भी वहीं थे. लेकिन तेजस्वी यादव ने अपने भाई की न तो कोई तरफदारी की न ही किसी तरह का बचाव करने की कोशिश की.

अब रामराज यादव मांग कर रहे हैं कि तेज प्रताप यादव को ही आरजेडी से निकाला जाये. रामराज यादव का ने मीडिया से बातचीत में मामला लालू यादव तक पहुंचा देने की बात कही है. उनका कहना है कि लालू यादव के पटना आने पर वो सबूतों के साथ अपनी शिकायत दर्ज कराएंगे. कहते हैं, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर लगे कैमरे की जांच कर बताया जाये कि इफ्तार पार्टी के दिन कमरे में उनको क्यों बंद किया गया था?

कुर्सी पकड़ ली तो छोड़े ही नहीं: तेज प्रताप और तेजस्वी में नाराजगी की एक और वजह बतायी जा रही है - और वो है इफ्तार पार्टी में तेज प्रताप का तेजस्वी यादव की कुर्सी पर कब्जा जमा लेना.

इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के साथ बैठने का इंतजाम किया गया था. जैसे ही नीतीश कुमार पार्टी में पहुंचे तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को बिठाकर बगल में बैठ गये, लेकिन तभी और भी मेहमान आने लगे और तेजस्वी यादव को स्वागत के लिए उठ कर जाना पड़ा.

ये मौका देख तेज प्रताप फटाफट नीतीश कुमार की बगल में बैठ गये और तब तक जमे रहे जब तक मुख्यमंत्री वहां से चले नहीं गये. जब तेजस्वी लौट कर आये तो भी तेज प्रताप ने जगह नहीं छोड़ी और तेजस्वी इधर उधर घूम कर टाइमपास करने लगे. बाद में तेजस्वी के लिए भी बैठने का इंतजाम किया गया, लेकिन बड़े भाई का ऐसा करना बिलकुल भी अच्छा न लगा - और तभी मारपीट के इल्जाम ने दोनों भाइयों के बीच में नये सिरे से तनातनी का माहौल बना दिया है.

ये झगड़ा कहां ले जाने वाला है

अपनी तरफ से लालू यादव ने ऐसा इंतजाम कर रखा था कि दोनों भाइयों में झगड़े की नौबत ही नहीं आये. लालू यादव ने बहुत पहले ही तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था - और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तो तेजस्वी यादव पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी रहे.

अब नये सिरे से तेज प्रताप यादव ने जो बवाल शुरू किया है, वो लालू यादव के परिवार के लिए नयी मुसीबत बन चुका है - लालू यादव फिलहाल जेल में हैं और तेज प्रताप ने ऐसी हरकत कर दी है जिस पर तेजस्वी यादव के लिए स्टैंड लेना मुश्किल हो रहा है - और आगे की राह ज्यादा ही खतरनाक दिखाई दे रही है.

जगदानंद सिंह ने हाथ खड़े किये: तेज प्रताप यादव पर लगे आरोपों को लेकर न तो तेजस्वी यादव को कुछ बोलते बन रहा है, न बिहार आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह को. मीडिया के पूछने पर तेजस्वी यादव मामले को ये कह कर इधर-उधर टालते नजर आये कि देखते हैं और देखेंगे.

जगदानंद सिंह ने तो हाथ ही खड़े कर दिये हैं. कहते हैं, मेरे हाथ मे कुछ नहीं है जिससे मैं कोई एक्शन ले सकूं. जगदानंद सिंह का कहना है, रामराज यादव से मैंने देखने की बात कही थी, लेकिन तेज प्रताप यादव पर एक्शन लूं, ये मेरे हाथ में नहीं है - सबका मालिक जनता है... और जनता सब फैसला करती है.

जगदानंद सिंह की मजबूरी समझी जा सकती है. काफी दिनों से वो तेज प्रताप यादव के निशाने पर रहे हैं. एक बार तो हालत ये हो गयी थी कि वो नाराज होकर घर ही बैठ गये थे. बाद में लालू प्रसाद को फोन करके मनाना पड़ा था.

लेकिन तब दफ्तर आते ही जगदानंद सिंह ने तेज प्रताप यादव के करीबी आकाश यादव की छुट्टी कर दी. कामकाज संभालते ही जगदानंद सिंह ने गगन कुमार को युवा आरजेडी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था. जब तेज प्रताप ने शोर मचाना शुरू किया तो जगदानंद सिंह ने अध्यक्ष के अधिकारों का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने किसी को हटाया ही नहीं, बल्कि खाली पड़े पद पर नियुक्ति की है.

तेज प्रताप ने अपनी तरफ से जगदानंद सिंह को हटाने के लिए मुहिम चलायी और शोर भी खूब मचाया, लेकिन जिसके रूठ जाने पर लालू यादव को मनाना पड़ा हो और जिसके साथ तेजस्वी खड़े हों, फिर तेज प्रताप कर भी क्या सकते हैं?

कुछ ही दिनों बाद तेज प्रताप यादव ने नया शिगूफा छोड़ दिया. कहने लगे कि उनके पिता लालू यादव को बंधक बना लिया गया है. तेज प्रताप के इस आरोप के दायरे में तेजस्वी यादव के साथ मीसा भारती भी आ गयीं क्योंकि लालू यादव तब उनके ही घर पर रहे थे.

पहले देखा जाता रहा कि मीसा भारती हमेशा ही तेज प्रताप के पक्ष में खड़ी रहती थीं, लेकिन भाई की इस हरकत के बाद वो भी अपना हाथ पीछे खींच लीं. इफ्तार पार्टी वाले दिन मीसा भारती भी भाई तेजस्वी यादव के साथ काफी सक्रिय देखी गयीं.

लालू परिवार की नयी मुश्किल काफी गंभीर है: तेज प्रताप यादव पर नेताओं और कार्यकर्ताओं से दुर्व्यवहार के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन ये मामला ज्यादा ही गंभीर हो गया है.

ये आरोप सिर्फ तेज प्रताप पर ही नहीं लगा है, दरअसल, राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर पार्टी के ही एक नेता ने बंद कमरे में नंगा करके पीटे जाने का आरोप लगाया है - और ये तब हुआ है जब राबड़ी देवी के साथ साथ तेजस्वी प्रताप भी अपने परिवार के साथ वहीं रह रहे हैं.

लालू यादव के सामने पहली बार चुनौती तब सामने आयी थी जब पप्पू यादव ने उनकी विरासत पर दावा ठोक दिया था. तब लालू यादव ने साफ किया था कि वारिस तो बेटा ही होगा क्योंकि बेटा वारिस नहीं होगा तो क्या भैंस चराएगा.

लालू यादव ने विरासत छोटे बेटे को सौंप दी, लेकिन बड़ा बेटा उसे आज तक हजम नहीं कर पा रहा है. सुनने में आता है कि तेज प्रताप के करीबी सलाह दे देते हैं कि अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं तो पार्टी अध्यक्ष की कुर्सी पर तो उनका ही हक बनता है - और ये बात सुन कर वो खुश हो जाते हैं.

लालू यादव के परिवार में वर्चस्व की ये लड़ाई अक्सर ही किसी न किसी रूप में देखने को मिलती रही है. पहले एक दावेदार मीसा भारती भी हुआ करती थीं, लेकिन तेजस्वी यादव के कद बढ़ते जाने के बाद वो संयम से काम लेने लगीं. बाद में काफी दिनों तक तेज प्रताप का भी सपोर्ट किया, लेकिन अब उस मामले में भी हाथ पीछे खींच लिया है.

पहले तो तेज प्रताप की बातों को बचपना समझ कर इग्नोर किया जाता रहा, लेकिन शादी के बाद से लेकर तलाक की नौबत आने तक वो विवादों में ही रहे. काफी दिनों तक उनके वृंदावन में रहते भी देखा गया था - बांसुरी बजाना या भक्तिभाव में रहना तो ठीक है, लेकिन तेज प्रताप का ताजा हिंसक रूप डरावना लग रहा है.

पटना में सत्ता के गलियारों में तेज प्रताप की ताजा गतिविधियों को लेकर तरह तरह की आशंकाएं जतायी जाने लगी हैं. लालू यादव के जेल में होने की वजह से तेज प्रताप को काबू करना मुश्किल हो रहा है - और इफ्तार पार्टी वाले दिन की हरकतों के बाद तेजस्वी यादव भी मुंह मोड़ लिये हैं.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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