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Updated: 07 सितम्बर, 2020 04:06 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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कंगना रनौत जिस तरीके से शिवसेना से आमने सामने भिड़ी हुई हैं - कम से कम दो बातों के संकेत तो मिल ही रहे थे. अब वो तस्वीर पूरी तरह साफ भी हो चुकी है. पहली बात, कंगना रनौत अकेले नहीं बल्कि बड़े सपोर्ट के बूते मोर्चे पर डटी हुई हैं. दूसरी बात, शिवसेना में भी अब वो बात नहीं रही जो बड़ी से बड़ी फिल्मी हस्तियों को कुछ भी इधर उधर हो जाने पर दरबार में हाजिरी लगानी पड़ती थी.

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत भी जब तक मराठा मानुष के नाम पर जंग लड़ रहे थे, बात और थी - लेकिन कंगना रनौत पर निजी और घटिया टिप्पणी करके अपने साथ साथ वो शिवसेना और उद्धव ठाकरे की भी मुसीबत बढ़ा लिये.

सुशांत सिंह राजपूत केस में बीजेपी भी अब खुल कर मैदान में उतर चुकी है. पहले तो कंगना रनौत ही संजय राउत से अकेले दो-दो हाथ करती नजर आ रही थीं, लेकिन अब बीजेपी के कई नेता सपोर्ट में खड़े हो गये हैं - और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का मोर्चे पर आकर डट जाना.

साथ ही, चुनावी मार्केट में बिहार बीजेपी की तरफ से एक इमोशनल पोस्टर भी आ चुका है - जिसे बीजेपी सुशांत सिंह राजपूत केस में बिहार के युवाओं के बीच रिमाइंडर के तौर पर पेश करने वाली है.

बीजेपी का रिमाइंडर वाला पोस्टर अलार्म

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने संजय राउत के उस ट्वीट पर सवाल पूछा है जिसमें वो इशारों इशारों में कंगना रनौत के साथ साथ उनको सपोर्ट करने वालों को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. धमकाने का संजय राउत का अंदाज भी वैसे ही शायराना है जैसे बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर तनाव के दौर में किया करते रहे.

संजय राउत ने ट्विटर पर लिखा - 'मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न करना...' ऐसा लगता है जैसे संजय राउत ने ये ट्वीट एक एक टेलीविजन एंकर को निशाने पर रख कर किया है जो कंगना रनौत की तरह मुंबई पुलिस को ललकार रहे थे. साथ ही, इसमें उन सभी के लिए मैसेज भी है जो कोई भी कंगना रनौत को मुंबई पुलिस के खिलाफ PoK से लेकर तालिबान जैसी टिप्पणियों का परदे के पीछे समर्थन करते आ रहे हैं.

किसी जमाने में हमले और पलटवार का ये शायराना अंदाज समाजवादी पार्टी के नेता अमर सिंह का खास अंदाज हुआ करता रहा, लेकिन फिलहाल तो संजय राउत और संबित पात्रा ये तरीका अपना रहे हैं. संबित पात्रा ने संजय राउत के ट्वीट के जवाब में सीधे सीधे पूछ लिया है - आखिर वो क्या है हवेली में जिसे छुपा रहे हो?

देवेंद्र फडणवीस या उनके जैसे बड़े नेता सवाल तो उठाते रहे लेकिन सुशांत सिंह केस को लेकर उद्धव ठाकरे या आदित्य ठाकरे पर वैसे नहीं हमलावर देखे गये जैसे नारायण राणे या उनके बेटे नितेश राणे आक्रामक बने हुए थे.

'पेंग्विन' और 'बेबी पेंग्विन' जैसे शब्दों का इस्तेमाल बीजेपी विधायक नितेश राणे के ट्वीट में भी देखने को मिलता रहा - लेकिन हाल के संबित पात्रा के ट्वीट में भी प्रतीकों का धड़ल्ले से इस्तेमाल देखने को मिला है.

आखिर 'धृतराष्ट्र', 'संजय', दिव्य चक्षु, जैसे शब्दों के इस्तेमाल के साथ 'पुत्र मोह' में 'इंद्रप्रस्थ' गंवाने जैसी बातें भी तो पेंग्विन और बेबी पेंग्विन जैसी ही लगती हैं. संजय राउत ने 'संजय उवाच' के साथ एक ट्वीट किया था जिसका जवाब संबित पात्रा ने 'कृष्ण उवाच' वाले ट्वीट के साथ दिया था.

इस बीच बिहार चुनाव को लेकर बीजेपी के 'कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ' की ओर एक पोस्टर जारी किया गया है. ये पोस्टर सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर रिमाइंडर वाले अलार्म जैसा लगता है क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत की तस्वीर के साथ पोस्टर पर लिखा भी है - 'ना भूले हैं, ना भूलने देंगे.'

bihar bjp ssr posterये महज पोस्टर नहीं, सुशांत सिंह राजपूत केस में बीजेपी का रिमाइंडर अलार्म है

शिवसेना ने फिर गलती कर डाली है

सुशांत सिंह राजपूत केस में शिवसेना और महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार से सबसे बड़ी राजनीतिक चूक सीबीआई जांच को लेकर हुई. शरद पवार ने अपनी तरफ से स्थिति संभालने की कोशिश की और अब तो महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी बोल दिया है कि मुंबई पुलिस सीबीआई जांच में सहयोग कर रही है. हालांकि, शरद पवार ने ये संशय भी जाहिर कर दिया था कि सुशांत सिंह केस की सीबीआई जांच का हाल भी कहीं दाभोलकर मर्डर केस जैसा न हो जाये.

शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की एक टिप्पणी ने बॉलीवुड की खामोश हस्तियों को भी बोलने का मौका दे दिया है - और वे कंगना के सपोर्ट में लामबंद होने लगी हैं. लगे हाथ संजय राउत ने बीजेपी को भी खुल कर सामने आने का बहाना पकड़ा दिया है.

संजय राउत की कंगना रनौत पर निजी टिप्पणी को लेकर नये सिरे से कोहराम मच गया है - फिल्म स्टार दीया मिर्जा ने शिवसेना प्रवक्ता से माफी मांगने की डिमांड कर रही हैं. दरअसल, एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान संजय राउत काफी गुस्से में आये और चैनल के रिपोर्ट पर झल्लाते हुए कंगना रनौत को 'हरामखोर लड़की. बोल दिया.

कंगना रनौत ने भी अपनी तरफ से संजय राउत के ट्वीट का पुरानी घटनाओं की याद दिलाते हुए जवाब दिया है - 'साल 2008 में मूवी माफिया ने मुझे एक साइको घोषित कर दिया था... 2016 में वे मुझे चुड़ैल बोले - और 2020 में मुझे हरामखोर लड़की का खिताब दे दिया.'

कंगना रनौत का कहना है कि चूंकि इन लोगों ने मेरे साथ ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैंने कहा कि सुशांत की हत्या के बाद मैं मुंबई में असुरक्षित महसूस करती हूं - और पूछती हैं - 'इस वक्त डिबेट करने वाले योद्धा कहां हैं?'

इससे ठीक पहले कंगना रनौत को खामोश करने के लिए संजय राउत ने 'मराठी मानुष' और 'किसके बाप की मुंबई... और महाराष्ट्र' जैसे जुमलों के साथ बहस को नयी दिशा देने की कोशिश की - और पितृपक्ष के मौके को देखते हुए साथ में ये भी बता दिया कि महाराष्ट्र के दुश्मनों के श्राद्धकर्म तक चैन से नहीं बैठेंगे. ध्यान रहे, संजय राउत ने आखिर में एक शब्द भी जोड़ा था - प्रॉमिस.

संजय राउत के 'बाप...' वाले बयान के बाद हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज भी कंगना रनौत के सपोर्ट में खड़े हो गये. बोले, मुंबई शिवसेना या संजय राउत के बाप की नहीं है. कंगना रनौत अपनी मुहिम जारी रखें.

अनिल विज की तरह दिल्ली बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा ने भी कंगना रनौत का सपोर्ट में ट्विटर पर लिखा है. प्रवेश वर्मा दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों को लेकर अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा के साथ विवादों में थे.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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