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Updated: 10 अप्रिल, 2019 02:29 PM
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लोकसभा चुनाव से महज एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को तगड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राफेल मामले में दोबारा सुनवाई करने का फैसला किया है. भले ही सुप्रीम कोर्ट का राजनीति या किसी पार्टी या सरकार से कोई लेना देना नहीं होता है, लेकिन पहले चरण के लोकसभा चुनावों के महज एक दिन पहले ये फैसला आने की वजह से राजनीति पर इसका असर पड़ना तय था और पड़ा भी.

यही वजह है कि विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने ये फैसला आते ही पीएम मोदी और भाजपा को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया. एक ओर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को झटका लगा, वहीं दूसरी ओर, विपक्षी पार्टियों के नेता हमलावर हो गए. लोकसभा चुनाव से पहले सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए जिस महागठबंधन का सपना देखा था, वो तो पूरा नहीं हुआ, लेकिन राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने भी एक महागठबंधन ही बना दिया. सारी विपक्षी पार्टियों ने एक-दूसरे पर छींटाकशी को भुलाते हुए पीएम मोदी को घरेना शुरू कर दिया. चलिए देखते हैं कौन क्या कह रहा है.

राफेल डील, सुप्रीम कोर्ट, महागठबंधन, लोकसभा चुनाव 2019लोकसभा चुनाव से महज एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को तगड़ा झटका लगा है.

शुरुआत करते हैं राहुल गांधी से. राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा है- 'सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि राफेल डील में कोई न कोई भ्रष्टाचार हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने खुद मना है कि चौकीदार ने चोरी की है. अगर छानबीन होगी तो नरेंद्र मोदी और अनिल अंबानी का नाम सामने आएगा. पीएम मोदी ने एयरफोर्स का पैसा चोरी कर के 30 हजार करोड़ अनिल अंबानी को दिए हैं.' उन्होंने तो पीएम मोदी को भ्रष्टाचार पर बहस तक करने की चुनौती दे दी है.

राहुल गांधी हर मौके पर नरेंद्र मोदी पर राफेल मामले में घोटाला करने का आरोप लगाते रहे. उनके अनिल अंबानी से मिले होने की बात कही और चोर तक कह डाला. जैसे ही कांग्रेस को ये पता चला कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर दोबारा सुनवाई करने का फैसला किया है तो कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा- 'ये भारत के लिए एक बड़ी जीत है. हम राफेल पर डाली गई रिव्यू याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. सत्यमेव जयते.'

सुरजेवाला भी मोदी को आड़े हाथों लेने से नहीं चूके और ट्वीट करते हुए लिखा- 'मोदी जी, आप भाग सकते हैं और झूठ बोल सकते हैं जितना आप चाहें, लेकिन जल्द ही या थोड़ी देर से सच सामने आ ही जाता है. राफेल स्कैम के सबूत एक-एक कर सामने आने लगे हैं. और अब वहां कोई आधिकारिक गोयपनीय एक्ट नहीं है, जिसके पीछे आप छुप जाएं.' उन्होंने आगे लिखा है- 'मोदी जी, चिंता ना करें, अब इस मामले पर एक छानबीन होने वाली है, भले ही आपको अच्छा लगे या ना.'

अरविंद केजरीवाल भी पीछे नहीं रहे. उन्होंने भी पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा- मोदी जी हर जगह कह रहे थे कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राफ़ेल में क्लीन चिट मिली है. आज के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हो गया कि मोदी जी ने राफ़ेल में चोरी की है, देश की सेना से धोखा किया है और अपना जुर्म छिपाने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया.

पीएम मोदी को आड़े हाथों लेने से मायावती भी नहीं चूकीं और बिना देर किए ट्वीट के जरिए मोदी पर हमला कर दिया. उन्होंने लिखा- राष्ट्रीय सुरक्षा की आड़ में राफेल रक्षा सौदे में भारी गड़बड़ी/भ्रष्टाचार को छिपाने की पीएम श्री मोदी सरकार की कोशिश विफल. सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी सरकार पूरी तरह घिरी. संसद के भीतर व बाहर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के लिए श्री मोदी माफी मांगे व रक्षा मंत्री इस्तीफा दें.

इस मौके पर पीएम मोदी के घेरने से यूथ कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. यूथ कांग्रेस ने ट्वीट किया- चोर चौकीदार के लिए बड़ा झटका, जो न्याय से बचने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था. अब छुपने के लिए कोई जगह नहीं बची. न्याय होगा.

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लीक दस्तावेजों के आधार पर रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई का विरोध किया था. उनके अनुसार वह बेहद गोपनीय दस्तावेज हैं और इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत गोपनीय दस्तावेज को कोर्ट में पेश नहीं कि जा सकता. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन दस्तावेजों को आधार मानते हैं सुनवाई दोबारा शुरू करने का फैसला किया है. इस फैसले से विपक्षी पार्टियों में तो एक खुशी की लहर सी दौड़ गई है. खासकर इसलिए, क्योंकि ये फैसला चुनावों से पहले आया है, जिसे भाजपा को हर हाल में मैनेज करना ही होगा. राफेल मामले पर सुनवाई के बाद फैसला जो भी आए, लेकिन अभी तो भाजपा टेंशन में है और विपक्षी पार्टियों के लिए ये मौका किसी जश्न से कम नहीं है.

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