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Updated: 09 दिसम्बर, 2015 04:36 PM
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काशी कभी क्योटो बन पाएगा या नहीं, ये बाद की बात है. फिलहाल काशी को क्योटो जैसे सजाया जरूर जा रहा है. देव दीपावली के करीब दो हफ्ते बाद ही बनारस के घाटों पर एक बार फिर वैसी ही छटा देखने को मिलने वाली है.

नाव पर चर्चा

चाय पर चर्चा चुनावों में हुई होगी, ये नये मिजाज की मुलाकात है. बनारस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जापानी समकक्ष शिंजो अबे के साथ नाव पर चर्चा करते नजर आएंगे.

शिंजो आबे 12 दिसंबर की दोपहर वाराणसी पहुंचेंगे और नौसेना की बोट से ही एक घाट से दूसरे घाट तक जाएंगे. एक दिन पहले से ही दशाश्वमेध घाट के आस पास के दस घाटों पर सेना और नौसेना के जवान मोर्चा संभाल लेंगे और दो दिनों तक मछुआरों को भी उन घाटों पर जाने की इजाजत नहीं होगी.

इस दौरान घाट देव दीपावली की तरह सजे तो होंगे ही आसमान में एयरफोर्स हवाई निगरानी करेगी - घाटों, मंदिरों और गंगा किनारे की इमारतों पर शार्प शूटर तैनात होंगे. ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे तो कोने कोने की पल पल की खबर रखेंगे.

अब सबसे बड़ी बात ये है कि नाव पर चर्चा किस खास बात को लेकर होगी?

तोहफा

शिंजो आबे इस बार मोदी के लिए तोहफे में बुलेट ट्रेन देने वाले हैं. जापानी प्रधानमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार हिरोतो इजुमी और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने शिंजो आबे के भारत दौरे की रूपरेखा को अमली जामा पहना दिया है. भारत के साथ ये डील पक्की हो जाती है तो आठ साल पहले ताइवान के बाद ये दूसरा सौदा होगा. ऐसी ही डील जापान इस साल इंडोनेशिया के साथ करने जा रहा था, लेकिन चीन ने उसे झटका दे दिया. चीन ने भारत के साथ भी ऐसी कोशिश की लेकिन यहां उसकी दाल नहीं गली.

मोदी और शिंजो अबे के संयुक्त वक्तव्य के जारी होने के बाद इस प्रोजेक्ट के 2017 तक शुरू होने और 2023 तक पूरे होने की अपेक्षा है. यानी 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले काम शुरू होगा और 2024 से पहले पूरा.

तोहफे में मिली ये बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अहमदाबाद से मुंबई की 505 किलोमीटर दूरी आठ घंटे से घटाकर दो घंटे में अंदर ही समेट देगी.

रिटर्न गिफ्ट

शिंजो आबे को जो दावत दी जा रही है उसमें छप्पन भोग तो मिलेगा ही - बतौर रिटर्न गिफ्ट काशी के कलाकारों द्वारा कई चीजें भी तैयार की गई हैं.

1. बनारस की गुलाबी मीनाकारी दुनिया भर में मशहूर है. एक कारीगर कुंज बिहारी ने गणेश की प्रतिमा बनाई है तो दूसरे कलाकार बलराम दास ने राष्ट्रीय पक्षी मोर तैयार किया है.

2. तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा की कुर्सी पर एक खास कुशन रखा जाता है जिसे दोरजे कहते हैं. दोरजे कारीगर बदरुद्दीन अंसारी ने हैंडलूम का वैसा ही दोरजे जापानी प्रधानमंत्री के लिए तैयार किया है.

3. शिंजो अबे के लिए बापू-अंगवस्त्रम तैयार किया है जिसमें महात्मा गांधी चरखा चलाते नजर आते हैं. कलाकार बच्चे लाल मौर्या ने इस पर बापू का प्रिय भजन भी शब्दों में उकेर दिया है.

4. जापानी मेहमान के लिए शिल्पकार प्रेम शंकर विश्वकर्मा ने केमा की लकड़ी से भगवान बुद्ध की एक मूर्ति तैयार की है.

5. स्टोन अंडरकट वर्क के एक्सपर्ट बच्चेलाल ने एक ऐसा हाथी गढ़ा है, जिसमें एक हाथी के अंदर दो हाथी नजर आते हैं.

मोदी जब 2014 का चुनाव जीत कर आए तो उनकी तुलना शिंजो आबे से ही की गई. उन दिनों शिंजो अबे सिर्फ तीन लोगों को ट्विटर पर फॉलो करते थे - एक अपनी पत्नी अकी अबे, दूसरे जापानी विद्वान नाओकी इनोसे और तीसरे नरेंद्र मोदी. हालांकि, अब अबे 11 लोगों को फॉलो करने लगे हैं.

आजकल रेल मंत्रालय भी ऐसे काम कर रहा है जैसे जापान की पुलिस करती है. सड़क पर परेशान लोगों के लिए बड़ी मददगार के तौर पर जानी जाने वाली जापानी पुलिस की तरह ही प्रभु का रेल मंत्रालय बुलेट की स्पीड से मदद पहुंचा रहा है - चाहें तो एक ट्वीट कर आप भी आजमा सकते हैं.

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