New

होम -> सियासत

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 05 मई, 2023 10:05 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी के साथ वो हुआ जिसकी कल्पना न तो उन्होंने कभी खुद की होगी और न ही उनके मुल्क पाकिस्तान ने. असल में बिलावल की हिंदुस्तान यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर थी, लोग जानना चाह रहे थे कि करीब 12 साल बाद भारत आए पाकिस्तान पर भारत क्या रुख रखता है. जवाब भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने दिया है और दो टूक दिया है. जयशंकर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को आतंकी देश का प्रवक्ता तो कहा ही. साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया कि आतंक के पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ बैठकर बातचीत नहीं कर सकते. जैसी बातें  हिंदुस्तान की तरफ से एस जयशंकर ने की है उससे पाकिस्तान और पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी की खूब जमकर किरकिरी हुई है. 

S Jaishankar, External Affairs Minister, SCO, Goa, Bilawal Bhutto, Pakistan, Pakistan, Shahbaz Sharifबिलावल भुट्टो को लूप में लेकर भारत ने पाकिस्तान को फिर बेनकाब कर दिया है

दरअसल जयशंकर मीडिया से मुख़ातब हुए जहां उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गए तमाम सवालों के जवाब बिना किसी लाग लपेट के दिए हैं. बिलावल भुट्टो जरदारी को लेकर हुए एक सवाल का जवाब देते हुए एस जयशंकर ने बताया कि एससीओ बैठक में बिलावल के साथ विदेश मंत्री के तौर पर बर्ताव किया गया. अपनी पत्रकार वार्ता में बिलावल को आतंकी इंडस्ट्री का प्रवक्ता बताते हुए भारत की तरफ से ये भी कहा गया कि पाकिस्तान की किसी भी बात पर भरोसा नहीं किया जा सकता. 

दुनिया जानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है. पूर्व में तमाम मौके ऐसे आए हैं जब भारत ने मुखर होकर पाकिस्तान पोषित आतंकवाद को मुद्दा बनाया है और उसे आड़े हाथों लिया है. वहीं बात अगर पाकिस्तान की हो. तो एक ऐसे वक़्त में, जब आतंकवाद के मद्देनजर पूरी दुनिया उसकी तरफ अंगुली उठा रही हो. कभी पाकिस्तान ने न तो अपनी गलती ही मानी न ही कभी उसपर खुलकर बात की. 

पत्रकारों की तरफ से कहा गया कि पाकिस्तान आतंकवाद पर भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है. इस पर जयशंकर ने कहा कि एससीओ के  सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर बिलावल के साथ बिलकुल सही बर्ताव किया गया. लेकिन वह आतंकवाद की इंडस्ट्री के प्रवक्ता हैं. ऐसे में आतंक के पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ बैठक बातचीत नहीं कर सकते. यहां आकर इस तरह की दोगली बातें करने की जरूरत नहीं है.

आतंकवाद पर अपना पक्ष रखते हुए जयशंकर ने ये भी कहा कि आतंकवाद को लेकर हम सभी में गुस्सा है. पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके घटते विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से घट रही है. चूंकि एक बार फिर बिलावल ने जम्मू और कश्मीर के अलावा धारा 370 को मुद्दा बनाया था इसपर जयशंकर ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का था. है और हमेशा भारत का  अभिन्न अंग रहेगा. जयशंकर ने पीओके का मुद्दा उठाया और पाकिस्तान से सवाल किया कि आखिर पाकिस्तान पीओके में अवैध कब्जे कब खाली कर रहे हैं. 

वहीं चीन के साथ अपने संबंधों पर भारत का पक्ष रखते हुए एस जयशंकर ने कहा कि सीमा पर हालात सुलझने तक चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते. चीन बार-बार कह रहा है कि सीमा पर शांति और स्थिरता है. लेकिन सीमा पर असामान्य स्थिति बनी हुई है. हमारी इस पर चर्चा हुई. हमें सीमा पर सेनाओं को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर काम करना चाहिेए. भारत और चीन के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमा पर गतिरोध बना रहेगा. 

बहरहाल, भले ही अपनी हिंदुस्तान यात्रा को लेकर बिलावल बहुत उत्साहित रहे हों. लेकिन जिस तरह भारत की तरफ से उन्हें आईना दिखाया गया कहना गलत नहीं है कि ये किरकिरी सिर्फ उनकी नहीं बल्कि एक देश के रूप में पाकिस्तान की है. गोवा में जो बिलावल के साथ हुआ है वो पाकिस्तान के लिए नसीहत से कम नहीं है.

पाकिस्तान को इस बात को भी समझ लेना चाहिए कि शुरुआत हिंदुस्तान ने कर दी है और वक़्त रहते यदि वो नहीं संभला तो कहीं मुंह दिखाने काबिल नहीं रहेगा. इसके अलावा चीन भी अब तक इस बात को समझ गया होगा कि मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में हिंदुस्तान को कमज़ोर समझना अपने में एक भारी भूल है. 

ये भी पढ़ें -

मणिपुर जल रहा है, लोग मर रहे हैं और तांडव का कारण हमेशा की तरह 'कब्ज़ा' है!

शरद पवार की पलटी हुई रोटी सिकेगी या जलेगी, ये अबूझ पहेली है

जिस सूरत ने आप को गुजरात में सपने दिखाए, उसी ने तोड़ दिए...

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय