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Updated: 01 मई, 2022 01:44 PM
बिजय कुमार
बिजय कुमार
  @bijaykumar80
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देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ कौन होंगे, इसको लेकर पिछले चार महीनों से ज्यादा से अटकलें लगाई जा रही हैं. 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को इस पद का प्रमुख दावेदार माना जा रहा है. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि उनके रिटायरमेंट के आसपास उनके नाम की घोषणा की जा सकती है. क्योंकि, साल 2019 में भी ऐसा ही कुछ हुआ था. जब उम्मीद की जा रही थी कि जनरल बिपिन रावत पहले सीडीएस बनेंगे. उनके नाम की घोषणा भी उनके सेना प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त होने से ठीक एक दिन पहले हुई थी. हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से पिछले साल दिसंबर से फिर से पुरानी व्यवस्था अस्थायी रूप से शुरू हो गई थी.

Who is the new CDSनरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सैन्य ढांचे में सुधार की दृष्टि से बनाया गया सीडीएस का पद काफी महत्वपूर्ण है.

चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी देख रही है कॉर्डिनेशन

सीडीएस का पद आने से पहले देश में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी हुआ करती थी. जिसका जनरल एमएम नरवणे को चेयरमैन बनाया गया था. सीडीएस का पद आने से पहले चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी ही तीनों सेनाओं के बीच कॉर्डिनेशन का काम करती थी. इस कमेटी में तीनों सेना के प्रमुख शामिल होते हैं. क्योंकि, जनरल एमएम नरवणे सबसे वरिष्ठ थे, इसलिए उन्हें इस कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया था. जिसके बाद से ऐसा लगने लगा था कि वही आगे चलकर देश के नए सीडीएस बनेगें.

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सैन्य ढांचे में सुधार की दृष्टि से बनाया गया सीडीएस का पद काफी महत्वपूर्ण है, पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने सशस्त्र बलों में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मोदी सरकार ने 2016 में उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों से आगे बढ़ाते हुए नया थल सेना प्रमुख नियुक्त किया था और दिसंबर 2019 में सीडीएस के रूप में उनकी नियुक्ति स्वाभाविक रूप से देश के पूर्वी और पश्चिमी दोनों क्षेत्रों में कठिन परिस्थितियों से निपटने के उनके अनुभव को देखते हुए की गयी थी.

क्या हैं सीडीएस की नियुक्ति के मानदंड?

सीडीएस की नियुक्ति के लिए बुनियादी मानदंड बेहद सरल हैं. तीनों सेवाओं - भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना का कोई भी कमांडिंग ऑफिसर सीडीएस के पद के लिए पात्र है. सरकार को सैन्य अधिकारी की योग्यता-सह-वरिष्ठता के आधार पर निर्णय लेना होता है. सीडीएस का पद धारण करने वाले व्यक्ति की आयु 65 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. वर्तमान में तीन सेवारत प्रमुखों में से, भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं. वरिष्ठता के अलावा, सीडीएस के पद पर पदोन्नत होने के लिए जनरल नरवणे के पक्ष में चीन के साथ सीमापर तनाव की स्थिति भी है. पश्चिमी क्षेत्र में लद्दाख से लेकर पूर्वी क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश तक, चीन आक्रामक रूप से यथास्थिति को एकतरफा बदलने का प्रयास कर रहा है. ऐसी स्थिति में भारतीय सेना की बड़ी भूमिका होगी. जिससे सरकार अगले सीडीएस के लिए थल सेना से जुड़े अधिकारी पर विचार कर सकती है.

सीडीएस नियुक्ति से जुड़ी ख़बरें

जनरल रावत के अपॉइंटमेंट को देखते हुए, जिन्होंने सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद शीर्ष पद संभाला था. जनरल नरवणे सीडीएस बनने के लिए सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं. नरवणे के अलावा दो और दावेदारों का नाम सामने आ रहा है. पहला नाम है पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया और पूर्व नौसेना प्रमुख, एडमिरल करमबीर सिंह.

सरकार सीडीएस के पद पर एक सेवानिवृत्त थ्री-स्टार अधिकारी की नियुक्ति की संभावना पर भी विचार कर रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि सेवानिवृत्त थ्री-स्टार सेना अधिकारी जिसको पश्चिमी और उत्तरी कमान दोनों की जानकारी और अनुभव हो. वो सीडीएस के पद का प्रबल दावेदार हो सकता है. लेकिन, रक्षा मंत्रालय की ओर से सार्वजनिक तौर पर ऐसा कोई बयान नहीं आया है. लेकिन, माना जा रहा है कि सरकार ने हाल ही में सीडीएस के पद पर नियुक्ति के लिए बनाए नियमों में कुछ बदलाव किया है.

सीडीएस की अहमियत और नियुक्ति में हो रही देरी पर सवाल

लद्दाख में चीन के साथ दो सालों से सैन्य टकराव जैसी स्थिति बनी हुई है. जिसको देखते हुए थल सेना, वायुसेना और नौ सेना को थियेटर कमांड में एकीकृत करने के साथ-साथ खरीद, योजना, प्रशिक्षण और सिद्धांतों के सन्दर्भ में उनके बीच आवश्यक तालमेल बनाने के लिए सीडीएस की जल्द नियुक्ति बेहद जरूरी है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने हाल ही में सीडीएस की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर सवाल भी उठाया था. उन्होंने ट्वीट किया "सीडीएस जनरल बिपिन रावत को सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद परिस्थितियों में मारे गए 4 महीने से अधिक का समय हो गया है. आश्चर्य है कि सरकार उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति कब करने जा रही है? देरी क्यों? क्या इस नियुक्ति के संबंध में कोई संस्थागत प्रक्रिया नहीं है?" 

लेखक

बिजय कुमार बिजय कुमार @bijaykumar80

लेखक आजतक में प्रोड्यूसर हैं.

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