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Updated: 12 जून, 2015 02:54 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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राहुल गांधी अगले हफ्ते छत्तीगढ़ जाएंगे. ये एक और किसान पदयात्रा होगी. ये जानकारी उनके ट्विटर पोस्ट में दी गई है.

छत्तीसगढ़ में भी राहुल गांधी किसानों से मिलेंगे. बातचीत करेंगे. समस्याएं सुनेंगे. कुछ वादे करेंगे. किसानों को यकीन दिलाएंगे कि वे निराश न हों. आश्वस्त करेंगे कि विपक्ष में होने के नाते वो किसानों की बात सरकार तक पहुंचाएंगे. किसानों को समझाएंगे कि ये सूटबूट की सरकार है इन्हें किसानों की फिक्र नहीं है. ये सरकार किसानों की जमीन हड़पना चाहती है.

सुरजीत की खुदकुशी

रामलीला मैदान से तेलंगाना, विदर्भ, पंजाब और अमेठी होते हुए राहुल गांधी की किसान यात्रा का अगला पड़ाव छत्तीसगढ़ है. राहुल गांधी एक बार फिर किसानों को भरोसा दिलाएंगे कि उन्हें नाउम्मीद होने की कतई जरूरत नहीं वो खुद निश्चित तौर पर उनका मामला संसद में उठाएंगे. मॉनसून सत्र में बहुत देर भी नहीं है.

बात 28 अप्रैल की है. किसानों की समस्या ठीक से समझने के लिए राहुल गांधी दिल्ली से रेलगाड़ी में सवार हो कर अंबाला गए. बाद में जब राहुल गांधी सरहिंद अनाज मंडी पहुंचे तो उनकी मुलाकात सुरजीत सिंह से हुई. सुरजीत से उन्होंने किसानों के दुर्दशा की पूरी दास्तां सुनी. राहुल ने उन्हें निराश न होने को कहा - और उनकी समस्या संसद में उठाने का भरोसा भी दिलाया.

सुरजीत ने राहुल की बात पर यकीन भी किया और इंतजार भी. सुरजीत लंबा इंतजार नहीं कर सके. सुरजीत सिंह के सब्र का बांध टूट गया. आखिरकार सुरजीत ने देश के दूसरे हिस्सों के किसानों की तरह खुदकुशी का रास्ता अख्तियार कर लिया.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर सुरजीत सिंह की मौत पर दुख जताया है.

फतेहगढ़ साहिब जिले के दादू माजरा गांव के सुरजीत पर करीब 10 लाख का कर्ज था. वो 60 साल के हो चुके थे. बताते हैं कि कुछ दिनों से डिप्रेशन में भी थे.

राहुल के इस दौरे पर काफी विवाद भी हुआ. खबरें आईँ कि राहुल किसी किसान के घर रुकना चाहते थे. पार्टी कार्यकर्ताओं ने खूब खोजा लेकिन कोई योग्य किसान नहीं मिला. बाद में राहुल गांधी ने फ्लाइट पकड़ी और दिल्ली लौट आए.

राहुल गांधी की किसान यात्राओं को लेकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. हरसिमरत ने राहुल के पंजाब दौरे को सियासी ड्रामेबाजी करार दिया.

अब तो लोग सवाल पूछेंगे ही - अगर वो सियासी ड्रामेबाजी थी तो सुरजीत की मौत क्या है?

जवाब तो देना ही होगा

जवाब तो हरसिमरत कौर को तो देना ही होगा. अमेठी के किसानों का मसला उठा रहीं स्मृति ईरानी को भी देना होगा. दिल्ली में किसानों का मुद्दा उठाने वाले अरविंद केजरीवाल को भी देना होगा.

दिल्ली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह ने अरविंद केजरीवाल और उनके साथियों की आंखों के सामने खुदकुशी कर ली. ये बात अलग है कि उनकी नजर नहीं पड़ी - क्योंकि उन्हें साफ तौर पर कुछ ठीक से दिखाई नहीं दिया कि गजेंद्र सिंह पेड़ पर चढ़ कर गले में फंदा डाल वास्तव में कर क्या रहे हैं?

किस हाल में हैं कलावती

बाद में आप नेता आशुतोष को फूट फूट कर रोते पूरे देश ने लाइव देखा. ये बात अलग है कि उनकी शोर मचाती सिसकियों से निकले हर शब्द मोदी सरकार को ही कोस रहे थे. अब कोई नहीं पूछ रहा कि जिन कलावती से राहुल गांधी मिले थे उनके बारे में उन्होंने बाद में क्या किया. अब कोई नहीं पूछ रहा कि जिन दलित परिवारों के घरों में राहुल गांधी ने खाना खाया था उनके घरों में रोज दोनों वक्त खाना बनता है भी या नहीं ये बात राहुल गांधी को पता भी है या नहीं.

आम आदमी पार्टी की रैली के दौरान गजेंद्र सिंह की खुदकुशी के घाव भरे नहीं हैं. सुरजीत ने खुदकुशी कर उस जख्म को फिर से हरा कर दिया है.

मुद्दा ये नहीं है कि गजेंद्र की मौत के लिए राहुल क्यों जवाब दें? या सुरजीत की मौत के लिए केजरीवाल क्यों जिम्मेदार ठहराए जाएं? या हरसिमरत और स्मृति की जिम्मेदारी बनती है भी या नहीं?

देश के बाकी किसानों को भी थोड़ी देर के लिए भूल जाते हैं. बात बस इतनी है कि उस किसान ने भी खुदकुशी कर ली जिसे राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया था. फिर राहुल गांधी कि किसान यात्रा का मतलब क्या है? ऐसी किसान यात्रा तो फालतू ही है.

लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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