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Updated: 18 मार्च, 2018 07:13 PM
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गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने बहुत बढ़ चढ़ कर वादा किया था - 'वो देश के प्रधानमंत्री हैं. वो हिंदुस्तान को रिप्रजेंट करते हैं. वो प्रधानमंत्री पद का सम्मान करते हैं... कोई उन पर निजी हमले नहीं करेगा.' फिर बताया गया कि किस तरह राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं को ऐसा करने से बचने की हिदायत दी थी.

मगर, कांग्रेस महाधिवेशन में तो राहुल गांधी एक झटके में सारे वादे तोड़ दिये. मोदी-मोदी करते तीन-तीन मोदी को एक जैसा बता डाला. ये सब तब जब राहुल गांधी ने संकेत भी दिये कि 2019 में कांग्रेस पार्टी वैसे ही चुनाव लड़ेगी जैसे गुजरात की बिसात पर बीजेपी को शह दिया था.

फिर गुजरात मॉडल

2014 में नरेंद्र मोदी गुजरात मॉडल लेकर आये थे. अब मालूम हुआ है कि 2019 में राहुल गांधी भी अपना गुजरात मॉडल लेकर आ रहे हैं. मोदी का गुजरात मॉडल विकास को लेकर था, तो राहुल गांधी का चुनावी जंग को लेकर है.

sonia gandhiराहुल भी गुजरात मॉडल लाने वाले हैं...

कांग्रेस महाधिवेशन में मंच की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि स्टेज खाली है - और उसे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए खाली रखा गया है. कांग्रेस का स्टेज देश के सभी युवाओं के लिए खाली है बगैर किसी भेदभाव के.

राहुल गांधी ने कहा - 'गुजरात में हमने छोटा-सा उदाहरण दिया. युवा कार्यकर्ताओं को टिकट दिया. नतीजा ये हुआ कि गुजरात में मोदी जी सी-प्लेन में दिखाई दिये थे. हमने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ताकत दे दी तो मोदी जी सी-प्लेन नहीं सबमरीन में दिखेंगे.

'न्यू इंडिया' बनाम 'इंडिया विजन'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों न्यू इंडिया की बात करते हैं. न्यू इंडिया का जिक्र खासतौर पर वो 21वीं सदी में पैदा हुए और पहली बार अगले आम चुनाव में वोट देने जा रहे युवाओं के लिए करते हैं - और उन्हीं के लिए अच्छे दिनों के नेक्स्ट लेवल की बातें करते हैं.

rahul gandhiतो क्या वो चुनावी वादा था...

राहुल गांधी न्यू इंडिया की काट में इंडिया विजन लेकर आ रहे हैं. राहुल ने कहा कि इसके लिए मिल कर काम करना है. राहुल ने कहा कि दुनिया में एक अमेरिका का विजन और दूसरा, चीन का. राहुल बोले, "हम चाहते हैं कि 10 साल के अंदर एक इंडिया विजन भी दिखे."

इसके लिए राहुल गांधी ने भाईचारा, अहिंसा और प्यार के साथ ही रोजगार और किसानों के लिए काम करने की बातें की.

महाभारत की लड़ाई

राहुल गांधी ने 2019 के चुनाव की तुलना महाभारत के युद्ध से की. राहुल ने कहा कि महाभारत का युद्ध भारत के भविष्य के लिए लड़ा गया था. महाभारत के युद्ध में राहुल ने कांग्रेस को पांडव के मुकाबले बीजेपी और संघ को कौरवों की लड़ाई बताया.

राहुल ने कहा, "बीजेपी और आरएसएस कौरवों की तरह ही सत्ता के लिए लड़ने के लिए बने हैं. कांग्रेस पांडवों की तरह सच्चाई के लिए लड़ने के लिए बनी है."

राहुल गांधी ने अमित शाह पर भी ये कहते हुए बड़ा हमला बोला कि वो हत्या के एक आरोपी को पार्टी का अध्यक्ष बना डाले. शाह के साथ राहुल गांधी ने उनके बेटे को भी घसीटा.

मगर, इन सब से इतर राहुल गांधी खुद ही अपना वादा तोड़ डाले. गुजरात चुनाव के दौरान खुद राहुल गांधी और उनकी टीम समझाती रही कि कांग्रेस ने 'विकास पागल हो गया है' कैंपेन क्यों वापस लिया. राहुल गांधी ने खुद कहा था कि जब उन्होंने देखा प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं - मैं विकास हूं, मैं हू गुजरात हूं, फिर उन्होंने कैंपेन वापस लेने का फैसला किया. राहुल गांधी और उनकी टीम ने बार बार समझाने की कोशिश की कि वे प्रधानमंत्री पद का सम्मान करते हैं इसलिए वैसा कैंपेन चालू नहीं रख सकते.

राहुल ने साफ साफ कहा कि 'मोदी' नाम करप्शन का प्रतीक बन गया है. बतौर कांग्रेस अध्यक्ष पहली बार महाधिवेशन को संबोधित कर रहे राहुल बोले, "मोदी ने मोदी को 33000 करोड़ रुपये दिए, रिटर्न में मोदी ने मोदी को पैसे दिए और मोदी ने चुनाव जीत लिया."

सीनियर नेताओं के बराबर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के महत्व और मौका देने का वादा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "पिछली सरकार के कुछ साल में हमने देश के लोगों की भावना का सम्मान नहीं किया. इसकी सजा लोगों ने हमें दी. कुरुक्षेत्र की लड़ाई सच्चाई के लिए हुई थी... हजारों साल बाद भी यही सवाल है कि क्या भारत झूठ का साथ देगा या सच का?"

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