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Updated: 20 जून, 2018 02:33 PM
आलोक रंजन
आलोक रंजन
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श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने पिछले साल मारी गईं पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की तुलना कुत्ते से कर के विवाद उत्पन्न कर दिया है. उनके इस विवादित बयान से एक बार फिर कुत्ते की एंट्री भारतीय राजनीती में हो गयी है. उन्होंने अपने विवादित बयान में कहा कि लोग ये सवाल उठा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी, गौरी लंकेश की हत्या पर चुप क्यों हैं, उन्होंने आगे कहा कि अगर कर्नाटक में कुत्ते की मौत जाए तो क्या मोदी जिम्मेदार हैं? इसके साथ उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार की नाकामी पर कोई सवाल नहीं पूछता उसके बजाए वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी, गौरी लंकेश की हत्या पर बोलें. हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्टिकरण दिया कि गौरी लंकेश की तुलना कुत्ते से नहीं की थी. उनके अनुसार वे गौरी लंकेश की तुलना कुत्ते से नहीं करना चाहते थे, वह केवल इतना जानना चाहते थे कि प्रधानमंत्री को राज्य में होने वाली हर मौत पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए या नहीं.

pramod muthalik'अगर कर्नाटक में कुत्ते की मौत जाए तो क्या मोदी जिम्मेदार हैं?'- प्रमोद मुथालिक

सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक का नाम गौरी हत्या विवाद में उस समय उछला जब उनका फोटो परशुराम वाघमारे के साथ आया. वाघमारे वही व्यक्ति है जिसे इस केस के जांच अधिकारी संभावित किलर मानते हैं. मुथालिक ने अपने और वाघमारे के संबंध को एक सिरे से नकार दिया, यह कहकर कि वो कई लोगों के साथ फोटो खिंचवाते हैं जिन्हें वे नहीं जानते. लेकिन बीजापुर के सेना कार्यकर्ता, राकेश जिन्हें गौरी मर्डर केस में पूछताछ के लिए बुलाया गया था उन्होंने कहा कि वाघमारे सेना कार्यकर्ता था.

प्रमोद मुथालिक के द्वारा दिया गया विवादित बयान भारतीय राजनीति में कुत्ते की तुलना किसी व्यक्ति विशेष से करने वाले उदाहरणों को फिर से हमारे सामने ले आता है. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व में दी गई इसी तरह की टिपण्णी हमारी यादों को ताजा कर देती है.

- अक्टूबर 2015 में केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने एक विवादित बयान दिया था. दादरी हिंसा, साहित्यकारों की हत्या और बल्लभगढ़ की दलित बच्चों की हत्या वाली घटना पर प्रधानमंत्री की ओर से बयान न दिए जाने पर लोग सवाल उठा रहे थे. इसपर वीके सिंह ने कहा था की क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों को केंद्र सरकार से जोड़ना ठीक नहीं है. यह एक पारिवारिक मामला था. हर मुद्दे पर केंद्र सरकार को कोसना बंद करें. कोई कुत्ते को पत्थर मार दे, उसमें केंद्र सरकार क्या कर सकती है.

- 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में गुजरात के दंगों पर विवादास्पद बयान दिया था. बवाल तब मचा था जब 2002 गुजरात दंगों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने जो कहा, उसके बाद यह सवाल उठने लगा था कि क्या मोदी ने दंगों में मारे गए लोगों की तुलना कुत्ते के बच्चे (पिल्ले) से कर दी थी. जब उनसे सवाल किया गया कि क्या जो कुछ हुआ उसका उन्हें दुख है, तो उन्होंने कहा, 'दुख तो होता ही है. अगर कुत्ते का बच्चा भी कार के नीचे आ जाए तो भी दुख होता है.' बवाल होने पर मोदी ने ट्विटर के जरिए सफाई दी थी.

- मई 2018 में कर्नाटक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरूपम ने गवर्नर वजूभाई वाला पर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि वजूभाई वाला ने वफादारी का नया कीर्तिमान स्थापित किया है. अब शायद हिंदुस्तान का हर आदमी अपने कुत्ते का नाम वजूभाई ही रखेगा क्योंकि इससे ज्यादा वफादार तो कोई हो ही नहीं सकता.

- हाल ही में भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने राज्यपालों को लेकर विवादित बयान दिया है. अंजान ने राज्य के राज्यपाल की तुलना कुत्ते से की है. उन्होंने कहा कि क्या राज्यपाल के लिए संवैधानिक पद की जरूरत है? राज्यपाल केन्द्र सरकार के भौंकते हुए कुत्तों की तरह काम कर रहे हैं, चाहे किसी की भी सरकार हो.

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आलोक रंजन आलोक रंजन @alok.ranjan.92754

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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