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Updated: 30 दिसम्बर, 2018 03:17 PM
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राजनीति में चोर-सिपाही का खेल कभी खेला जाता रहा होगा, फिलहाल चोर और चौकीदार का खेल चल रहा है. अब तो एक राजदार भी लग गया है - और प्रवर्तन निदेशालय के दावों को मानें तो वो राज भी खोलने लगा है.

राजस्थान की चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था - 'राजदार आ गया है... राजदार राज खोलेगा.'

गाजीपुर और वाराणसी दौरे पर गये प्रधानमंत्री मोदी जब चोरों को जेल भेजने की बात कर रहे थे, तो दिल्ली की अदालत में ऑगस्टा वेस्टलैंड डील के बिचौलिये के हवाले से राज खुलने लगे थे. देखना है कि इस राज की आंच कहां तक जाती है और कौन झुलसता है?

मिसेज गांधी कौन?

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को 7 दिन के लिए ED की कस्टडी में भेज दिया है. प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से मिशेल की 8 दिन की हिरासत मांगी थी. ED ने कोर्ट को बताया कि मिशेल के साथ दूसरे लोगों की हुई बातचीत में किसी 'बड़े आदमी' का जिक्र है जिसे 'R' कह कर संबोधित किया गया है - और यही जानने के लिए हिरासत की जरूरत है. ईडी से पहले मिशेल सीबीआई की रिमांड पर था.प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में मिशेल से मिली जिस जानकारी का दावा किया है उसके दूरगामी राजनीतिक असर हो सकते हैं. खबर है कि ईडी की पूछताछ में मिशेल ने 'मिसेज गांधी' का नाम लिया है. हालांकि, ईडी का कहना है कि अभी वो ये नहीं कह सकता कि ये बात किस संदर्भ में उठी है. ईडी का दावा है कि मिशेल ने 'इटली की महिला,' 'इटली की महिला के बेटे' और 'महिला के बेटे के प्रधानमंत्री बनने' जैसी कई बातों का जिक्र किया है.

ईडी ने कोर्ट से मांग की थी कि मिशेल को उसके वकील से न मिलने दिया जाए क्योंकि उसे बाहर से सिखाया जा रहा है. दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि सरकारी एजेंसिंया दबाव में काम कर रही हैं.

कोर्ट ने मिशेल के वकील की अपने क्लाइंट से मिलने पर तो रोक नहीं लगायी, लेकिन मुलाकात के दौरान एक खास दूरी बनाये रखने का निर्देश जरूर दिया. साथ ही मिशेल और वकील की मुलाकात के लिए 15 मिनट की समय सीमा तय कर दी गयी है.

ईडी से पहले मिशेल कोर्ट के आदेश पर सीबीआई रिमांड पर था. जानकारियां जुटाने के साथ ही जांच एजेंसियां 8 फरवरी 2008 की उस बातचीत को भी डिकोड करने की कोशिश कर रही हैं जिसमें मिशेल किसी लंच को लेकर 'डॉग' और 'हड्डी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है. ऐसा लग रहा है कि मिशेल किसी थर्ड पर्सन की बात कर रहा है, लेकिन ये नहीं समझ आ रहा है कि डॉग कोई कोड वर्ड है या किसी शख्स के लिए हिकारत भरा संबोधन.

चौकीदार और राजदार कहां तक जाएंगे?

गाजीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की कर्जमाफी को धोखा भरा लालीपॉप के रूप में समझाया - और राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है' नारे पर अपने तरीके से जोरदार हमला बोला.

Christian Michel Jamesराजदार के राज क्या गुल खिलाएंगे?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा - 'आपका ये चौकीदार, बहुत ईमानदारी से दिन-रात एक कर रहा है... आप अपना विश्वास और आशीर्वाद इसी तरह बनाए रखिये... क्योंकि चौकीदार की वजह से कुछ चोरों की रातों की नींद उड़ी हुई है...'

फिर बोले, 'मुझ पर आपका विश्वास और आशीर्वाद ही एक दिन इन चोरों को सही जगह तक लेकर जाएगा'

हिमाचल प्रदेश के चुनाव में प्रधानमंत्री कांग्रेस नेताओं को 'जमानत पर छूटे हुए लोग' कह कर निशाना बनाते थे. हाल ही में राजस्थान की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद कहा था कि अब तक जो राज रहा, वो राजदार यानी मिशेल के आ जाने के बाद खुलने लगेगा. कोर्ट में मिशेल को लेकर ईडी के दावे को इसी संदर्भ में समझा जा सकता है.

कोर्ट में ईडी के दावे पर कांग्रेस का कहना है कि सरकारी एजेंसियां दबाव में काम कर रही हैं. कहने का मतलब ये कि मिशेल से जबरन ऐसी बातें कबूलवाने की कोशिश हो रही है जिनसे कांग्रेस नेताओं को टारगेट किया जा सके.

इससे पहले इंडिया टुडे से बातचीत में क्रिश्चियन मिशेल का कहना रहा कि वो अपने पुराने बयान पर कायम है कि डील में यूपीए सरकार की लीडरशिप शामिल नहीं थी. बातचीत में मिशेल ने ये भी कहा था कि उसके सामने एक डील साइन करने का भी प्रस्ताव रखा गया था जिसमें कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बातें थीं, लेकिन उसने डील ठुकरा दी. प्रत्यपण के खिलाफ अपनी अपील में मिशेल की दलील थी कि डील को लेकर जो मुद्दा है वो पूरी तरह राजनीतिक है - और उसके साथ अमानवीय सलूक हो सकता है. कोर्ट ने मिशेल की दलील खारिज कर दी थी.

कोड वर्ड से सिर्फ जांच एजेंसियां भी नहीं जूझ रही हैं, देश की राजनीति को भी दो चार होना पड़ रहा है. जांच एजेंसियों के सामने डॉग और हड्डी जैसे शब्द डिकोड करने की चुनौती है तो राजनीति में चोर, चौकीदार और सही जगह जैसे टर्म उलझते जा रहे हैं.

चोरों के सही जगह से आशय जेल ही लगता है, लेकिन जेल भेजने की बातें भी चुनावी जुमला ही लगती हैं. जेल जाने के प्रसंग में आम नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिया है. केजरीवाल का कहना है - 'दिल्ली सरकार की 400 फाइल की जांच केंद्र सरकार ने की, लेकिन कुछ नहीं मिला... मोदी जी ने हमें ईमानदारी का सर्टिफिकेट दिया है... मैं कहता हूं मोदी जी अपनी 4 फाइल दिखा दें, जेल न हो जाये तो कहना.'

2014 और हरियाणा चुनाव में बीजेपी नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के लिए भी जेल का ऐसे ही जिक्र किया करते थे. खुद अरविंद केजरीवाल भी दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री को आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर जेल भेजने का दावा करते रहे.

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस नेताओं को जमानत के लिए कोर्ट तक पहुंचाने का क्रेडिट लिया था - और अब बगैर नाम लिये चोरों को सही जगह पहुंचाने की बात कह रहे हैं. क्या ऐसा वाकई होने वाला है? या फिर ये '₹15 लाख' की तरह ही कोई जुमला है? क्या ये सब देश हित में जरूरी उपाय है या फिर सियासी दुश्मनी में बदले की कार्रवाई?

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