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Updated: 15 अगस्त, 2018 01:27 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
  @msTalkiesHindi
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लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पांचवां भाषण एक तरीके से सरकार के 4 साल प्लस की सेल्फ-ऑडिट-रिपोर्ट रहा. बीजेपी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी का ये आखिरी संबोधन रहा. विरोधी दलों की सरकारों से तुलना करते हुए मोदी ने अब तक के कार्यकाल का पूरा हिसाब किताब तो दिया ही, संदेश भी साफ था- 2019 के चुनावी इम्तिहान में पास हुए तो वो विकास की गति को और तेज करेंगे और 2022 तक देश को सबसे आगे ले जाएंगे.

अपने भाषण के जरिये प्रधानमंत्री मोदी ने तीन बड़ी बातें की जिनमें 2019 में बीजेपी के मैनिफेस्टो की झलक मिलती है - 2022 में अंतरिक्ष में तिरंगा, गरीबों-वंचितों खातिर आयुष्मान भारत योजना का क्रियान्वयन और सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन.

मगर, सबसे बड़ी हैरानी की बात ये रही कि प्रधानमंत्री मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक का तो बड़े फख्र से जिक्र किया, लेकिन जिस बात को लेकर पूरा देश एक लंबे अरसे तक मुश्किलों से जूझता रहा उसे पूरी तरह गोल कर गये - नोटबंदी.

modiनरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का जिक्र तक नहीं किया

कहा था - हिसाब दूंगा, ये लो...

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अब तक के एनडीए शासन के कामकाज का लेखा जोखा तो देश के सामने रखा ही, पिछली सरकारों की खिंचाई भी की.

प्रधानमंत्री ने कहा, - 'अगर शौचालय बनाने में 2013 की रफ्तार से चलते तो शायद तो कितने दशक बीत जाते... अगर गांव में बिजली पहुंचाने की बात करें, तो 2013 के हिसाब से एक दो दशक और लग जाते... अगर 2013 की रफ्तार से ऑप्टिकल फाइबर लगाने का काम करते तो गांवों में पहुंचाने में पीढ़ियां निकल जातीं...'.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज रिकॉर्ड अन्न उत्पादन कर रहा है, लेकिन जिस रफ्तार से 2013 में गैस कनेक्शन दिया जा रहा था, अगर वही पुरानी रफ्तार होती तो देश के हर घर में सालों तक भी गैस कनेक्शन नहीं पहुंच पाता.

भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाये जाने के वादों के सिलसिले में प्रधानमंत्री ने जिस बड़ी उपलब्धि का जिक्र किया वो रहा - दिल्ली के गलियारों से बिचौलियों का गायब हो जाना.

न्यू इंडिया 2022

मंगलयान और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने देश को दुनिया के विकसित मुल्कों से भी आगे ले जाने की बात जोर देकर कही. प्रधानमंत्री ने देश के वैज्ञानिकों द्वारा 100 से ज्यादा सैटेलाइट छोड़े जाने का जिक्र करते हुए कहा कि अब देश के सामने मानव सहित अंतरिक्ष में जाने का लक्ष्य है.

2022 तक जो देश की आजादी का 75वां साल होगा, मोदी ने उम्मीद जतायी कि देश का कोई बेटा या बेटी अंतरिक्ष में तिरंगा लेकर जाएगा - और उसके साथ ही भारत मानव को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाला देश बन जाएगा.

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने विजन 2020 के साथ भारत की तरक्की के सपने देखे थे, मोदी का विजन 2022 उसी कड़ी में दो कदम आगे बढ़ कर देखा जाना चाहिये.

narendra modiमहिला अपराधों को लेकर चिंतित थे नरेंद्र मोदी

बेटियों को जरूर बढ़ाएंगे

प्रधानमंत्री के भाषण में महिलाओं खिलाफ बढ़ते अपराधों के खासकर मुजफ्फरपुर और देवरिया जैसी घटनाओं के प्रति गंभीर चिंता दिखी, "महिलाओं के खिलाफ कभी-कभी राक्षसी शक्तियां उभरकर सामने आती है... बलात्कार पीड़ादायी है... पीड़ित से ज्यादा पीड़ा हम करोड़ों देशवासियों को होनी चाहिए...  मध्य प्रदेश के कटनी में बलात्कारी के खिलाफ केस चला और पांच दिन में फांसी की सजा सुनाई गई... राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ... फांसी की खबरें जितनी ज्यादा प्रचारित होंगी, बलात्कारियों के मन में भय पैदा होगा... राक्षसी प्रवृत्ति वालों के मन में भय पैदा होना चाहिए... फूल जैसे नादान बच्चों की परवरिश ऐसी हो कि उनके मन में महिलाओं का सम्मान करने का भाव पैदा हो...".

महिला आरक्षण भले ही ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ हो, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने की दिशा में एक उत्साहवर्धक ऐलान जरूर किया है - 'सेना में महिलाओं को भी अब स्थाई कमीशन मिलेगा.'

ये महिला आरक्षण की भरपाई तो नहीं कर सकता लेकिन उस दिशा में सरकार का एक मजबूत कदम जरूर माना जाना चाहिये. साथ ही, समझना चाहिये कि महिला आरक्षण को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है.

अगली बार, मुस्लिम वोट पर अधिकार

मॉनसून सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोनिया गांधी की तरह ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महिला आरक्षण बिल लाने और उसका पूरा सपोर्ट करने को लेकर पत्र लिखा था, लेकिन पूरे सेशन में ऐसी कोई चर्चा नहीं नजर आयी. बल्कि, बीजेपी नेताओं द्वारा पत्र के काउंटर में पत्र और न्यू डील जैसी बातें जरूर हुईं. लगता है प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी से दो कदम आगे बढ़ कर उस मॉडल पर चोट करने की कोशिश की है जिसमें माना जाता है कि मुस्लिम वोट तो मतदान से ठीक पहले तय होता है और एकमुश्त बीजेपी के खिलाफ पड़ता है.

महिला वोट का दायरा बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिम वोट बैंक में सेंध तो लगा ही दी है, एक बार फिर से उन्होंने तीन तलाक से त्रस्त आधी आबादी से सीधे कनेक्ट होने की कोशिश की.

बीजेपी तो वैसे भी मुस्लिम वोट में फूट डालो और हथिया लो की नीति को आगे बढ़ा रही है.

मोदी ने कहा भी, "तीन तलाक की कुप्रथा के कारण मुस्लिम महिलाओं को अन्‍याय का सामना करना पड़ा है... सरकार इसे खत्‍म करने का प्रयास कर रही है... लेकिन तीन तलाक बिल को कुछ लोग पारित नहीं होने दे रहे हैं... मैं मुस्लिम महिलाओं और बेटियों को विश्‍वास दिलाता हूं कि उन्हें न्‍याय दिलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ूगा..."

एससी-एसटी एक्ट का क्रेडिट

प्रधानमंत्री ने एससी-एसटी एक्ट पर कांग्रेस को क्रेडिट लेने से पछाड़ने की कोशिश करते हुए मॉनसून सत्र को सामाजिक न्याय से जोड़ कर पेश किया. प्रधानमंत्री ने कहा, "बाबा साहब ने जो संविधान बनाया है, वह सभी को न्‍याय देता है... हमने सभी के लिए सामाजिक न्‍याय सुनिश्चित किया है... हाल ही में संपन्‍न संसद का मानसून सत्र सामाजिक न्‍याय प्रति प्रतिबद्ध था... संसद के इस सत्र में ओबीसी आयोग को बनाने वाला बिल पास हुआ..."

प्रधानमंत्री के भाषण में दक्षिण भारत पर भी खास नजर दिखी, "तमिलनाडु के राष्ट्र कवि सुबमण्यम भारती ने लिखा था - भारत पूरी दुनिया के हर तरह के बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा... इन महापुरुषों के सपनों को पूरा करने के लिए आजादी के बाद बाबा साहेब आंबेडकर के नेतृत्व में भारत ने एक समावेशी संविधान का निर्माण किया... ये एक नये भारत के निर्माण का संकल्प लेकर आया... हमारे लिए कुछ जिम्मेदारियां लेकर आया... हमारे लिए सीमा रेखाएं तय करके आया... हमें ये प्रेरणा मिलती है कि गरीबों को न्याय मिले, सभी को आगे बढ़ने का अवसर मिले..."

मॉनसून सत्र न सिर्फ मोदी सरकार का सबसे कामयाब सेशन रहा बल्कि 18 साल बाद इतना प्रोडक्टिव देखा गया. इसमें विपक्ष का रोल खासकर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की भी बड़ी भूमिका रही. इसी कड़ी में सरकार का एक और पक्ष भी दिखा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तमाम महत्वपूर्ण व्यक्तियों के बीच अगली पंक्ति में बैठे नजर आये. पहले गणतंत्र दिवस समारोह में राहुल गांधी को पीछे जगह दिये जाने को लेकर खासा बवाल हुआ था. तब सरकार ने सुरक्षा का हवाला दिया था.

वाजपेयी वाली कश्मीर पॉलिसी कायम रहेगी

ऐसे में जबकि पाकिस्तान में नयी सरकार इमरान खान के नेतृत्व में सत्ता संभालने जा रही है और कश्मीर में भी सरकार गठन के प्रयास जारी हैं, मोदी ने वाजयेपी वाली कश्मीर पॉलिसी पर कायम रहने की बात दोहरायी, "जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक इकाइयों को और मजबूत करने के लिए लंबे समय से टल रहे पंचायत और निकाय चुनाव भी जल्द कराए जाने की तैयारी चल रही है... जम्मू-कश्मीर के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का आह्वान था- इंसानियत, कश्मीरियत, जम्हूरियत..."प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की हर समस्या का समाधान गले लगाकर ही किया जा सकता है और उनकी सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है.

आयुष्मान भारत आने वाला है

देशवासियों की सेहत को लेकर सबसे बड़ी स्कीम आयुष्मान भारत का जिक्र तो पहले भी आया है, मोदी ने बताया कि 25 सितंबर से इसे लागू किया जा रहा है. प्रधानमंत्री बोले, "केंद्र सरकार आरोग्‍य योजना शुरू करने जा रही है... 10 करोड़ परिवारों को पांच लाख रुपये तक इलाज की सुविधा मिलेगी... आने वाले 5 से 6 सप्‍ताह के अंदर इस तकनीक का परीक्षण देशभर में शुरू होगा... "

टैक्स देना पुण्य का काम

इमानदारी से टैक्स अदा करने वालों की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री ने समझाया कि ये पुण्य का काम है. मोदी ने कहा कि जब इमानदार करदाता खाने बैठता है तो उस वक्त उसे इस बात का गर्व होना चाहिये के एक व्यक्ति के कर से देश के तीन गरीब को भोजन मिलता है.

प्रधानमंत्री बिचौलियों को खत्म करने की बात की, 3 लाख कंपनियां बंद कर दिये जाने का भी जोर देकर जिक्र किया, लेकिन नोटबंदी को भाषण में जगह नहीं दी. नोटबंदी मोदी सरकार का ऐसा कदम रहा है जिसके अलग अलग समय पर अलग अलग मकसद बताये गये. ऊपर से लोगों को इसकी वजह से जितनी मुश्किलें झेलनी पड़ीं, वैसा कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया.

2017 के यूपी चुनावों के बाद बीजेपी नेताओं का कहना था कि नोटबंदी को लेकर विपक्ष के दुष्प्रचार का जवाब मिल गया है, लेकिन मोदी  के ताजा भाषण में नोटबंदी को जगह न मिलने को आखिर क्या समझा जाये?

सबका साथ, सबका विकास

2019 के लिए बीजेपी का स्लोगन भले ही बदल गया हो लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने पुराने नारे सबका साथ सबका विकास को फिर से दोहराया. बीजेपी का नया स्लोगन है - साफ नीयत, सही विकास.

मोदी ने इस कड़ी में सबके लिए घर के साथ साथ सभी घरों में बिजली, रसोई गैस, पानी और शौचालय होने का भरोसा दिलाया. इतना ही नहीं सभी के लिए स्किल, सेहत, स्वास्थ्य बीमा और कनेक्टिविटी की बाद भी दोहरायी.   

विकास, विकास और विकास

प्रधानमंत्री के भाषण में तरह तरह से बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के राष्ट्रवादी एजेंडे की छाप दिखी जिसमे सर्जिकल स्ट्राइक का क्रेडिट करीने से पिरोया हुआ था - 'सेना जब संकल्प लेकर निकलती है तो सर्जिकल स्ट्राइक से दुश्मन के दांत खट्टे करके लौटती है.'

अपनी शैली के मुताबिक मोदी ने एक नया त्रिसूत्रीय फॉर्मूला भी पेश किया जिस पर उनका आगे जोर रहेगा - Perform, Reform, Transform.

कविताओं और महान विभूतियों के विचारों से लैस मोदी ने अपना संकल्प नये सिरे से दोहराया - "मक्खन पर लकीर खींचने नहीं आये हैं - पत्थर पर लकीर खींचने आये हैं."

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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