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Updated: 25 सितम्बर, 2018 07:02 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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'ओडिशा में पहले से ही बेहतर चल रही स्वास्थ्य सेवाओं के बदले आयुष्मान भारत लागू करने के बजाय पीएम मोदी को तेल की बढ़ती कीमतों पर ध्यान देना चाहिए.' यही कहते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से मना किया था. लेकिन अब ओडिशा के ही एक अस्पताल की जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, उन्होंने ओडिशा में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है. ये वीडियो देखकर आप भी यही कहेंगे कि अगर ऐसे हालात हैं तो अपनी जिद को छोड़कर नवीन पटनायक को आयुष्मान भारत को लागू करना चाहिए.

आयुष्मान भारत, अस्पातल, ओडिशा, नवीन पटनायकबिजली ना होने की वजह से मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

क्या है मामला?

ओडिशा के मयूरभंज के रॉरुन ब्लॉक अस्पताल में बिजली की सही व्यवस्था नहीं है. मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी और यहां तक कि मोमबत्ती की रोशनी में किया जा रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि डॉक्टरों के अनुसार इस अस्पताल में 180 से 200 मरीज रोज आते हैं, लेकिन बावजूद इसके बिजली की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. कभी तो डॉक्टरों को बिजली में मरीजों को देखना नसीब होता है तो कभी उन्हें टॉर्च या मोमबत्ती से काम चलाना पड़ता है. आप भी देखिए इसका वीडियो, जिसमें डॉक्टर मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी में इलाज कर रहे हैं.

ओडिशा समेत 5 राज्यों ने आयुष्मान भारत योजना को लागू करने से मना कर दिया है, जिनमें पंजाब, दिल्ली, केरल और तेलंगाना भी शामिल हैं. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने आयुष्मान योजना को न लागू करने के पीछे तर्क दिया है कि राज्य में पहले से ही लागू बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना आयुष्मान भारत योजना से बहुत बेहतर है. नवीन पटनायक के तर्क पर हाल ही में सामने आए वीडियो और तस्वीरों ने सवाल खड़ा कर दिया है.

सेहत के नाम पर राजनीति !

नवीन पटनायक ने तो ये कह दिया है कि बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना आयुष्मान भारत से बेहतर है, लेकिन राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत खस्ता ही दिख रही है. पीएम मोदी ने तो नवीन पटनायक पर निशाना साधते हुए यह भी कह दिया है कि हर किसी को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिख रहा है, लेकिन ओडिशा सरकार को ये बात समझ नहीं आ रही. अमित शाह ने तो यहां तक कह दिया है कि नवीन पटनायक नहीं चाहते कि गरीबों को आयुष्मान भारत का लाभ मिले. उन्हें अपनी कुर्सी प्यारी है और वोटबैंक खोने का डर सता रहा है.

खैर, अभी तो ये भी नहीं कहा जा सकता कि आयुष्मान भारत योजना के बाद हालात कितने बदलेंगे, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि ओडिशा के मौजूदा हालात सही नहीं हैं. बेशक आयुष्मान भारत योजना का भाजपा को राजनीतिक लाभ मिलेगा, लेकिन इसका विरोध कर रहे राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनकी स्कीम बेहतर है, वरना अपने ही राज्य के लोगों का मुख्यमंत्री पर से भरोसा उठ जाएगा. आयुष्मान भारत योजना कितनी सफल होगी ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इसके फायदे गिनाने में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में इसके खिलाफ खड़े राज्यों को ये साबित करना जरूरी है कि उनके यहां स्वास्थ्य सेवाएं पहले से ही काफी अच्छी हैं.

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