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Updated: 09 सितम्बर, 2015 07:09 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
  @msTalkiesHindi
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महीना भर भी नहीं बीता है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलेमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने 16 अगस्त को किशनगंज की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टारगेट किया था. उस इलाके को नीतीश कुमार का गढ़ माना जाता है. जिसे बचाने के लिए उन्होंने बीजेपी से रिश्ता तक खत्म कर लिया. सभा में जबरदस्त भीड़ देख ओवैसी के जोश में इजाफा होना लाजिमी था. ओवैसी ने भी कह डाला कि नीतीश और लालू ने कांग्रेस के साथ मिल कर बिहार को बर्बाद कर दिया. उन्हें बताना होगा कि सीमांचल का विकास अब तक क्यों नहीं हुआ?

कितना दूं? ये लो...

ठीक वैसे ही जैसे नीतीश कुमार केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष पैकेज मांगते रहे. एक दिन आरा पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1.25 लाख करोड़ के मेगा पैकेज की घोषणा कर दी, ये पूछ कर कि - कितना दूं?

अब नीतीश ने भी बिलकुल मोदी वाले अंदाज में एक पैकेज देने का फैसला किया है. इसमें चूंकि ओवैसी नीतीश के रोल में रहे, इसलिए नीतीश ने मोदी की भूमिका निभाई है.

इस पैकेज के तहत बिहार के करीब ढाई हजार मदरसों में से 609 को वित्तीय सहायता देने की घोषणा हुई है. इन मदरसों में से ज्यादातर अररिया, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, सीवान, समस्तीपुर और बांका में हैं - यानी वही इलाके जिसको लेकर ओवैसी से नीतीश और उनके साथियों को निशाने पर लिया था.

इस फैसले के बाद इन मदरसों के शिक्षकों और कर्मचारियों को 1 सितंबर से वेतन मिलेगा. कुछ दिन पहले इन्हीं शिक्षकों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई को लेकर पटना के डीएम और एसएसपी का तबादला कर दिया गया था.

आजमाए नुस्खे पर जोर

यादवों को खुश करने के लिए जेडीयू नेताओं अनंत सिंह और सुनील पांडेय की गिरफ्तारी हुई और मुस्लिमों को लुभाने के लिए इस पैकेज की घोषणा हुई है.

लालू प्रसाद अपने आजमाए नुस्खे 'माय' (मुस्लिम-यादव) फैक्टर में नीतीश की पूरी मदद ले रहे हैं.

ओवैसी ने सीमांचल को लेकर नीतीश को ललकारा तो नीतीश ने मोदी स्टाइल में मदरसों को पैकेज देकर उन्हें लाजवाब करने की कोशिश की है. हालांकि, ओवैसी ने सीमांचल के लिए विशेष पैकेज और धारा 371 के तहत स्पेशल डेवलपमेंट काउंसिल बनाने की मांग की है.

वैसे तो नीतीश हाल ही में गठबंधन छोड़ने वाले मुलायम सिंह यादव के निशाने पर भी हैं. बीजेपी और जेडीयू के लंबे साथ का हवाला देकर मुलायम ने सवाल किया है कि आखिर नीतीश कब से सेक्युलर हो गए? मोदी के मेगा पैकेज को नीतीश ने पुरानी योजनाओं की रीपैकेजिंग बताई - और तब से दोनों ओर से क्लेम और काउंटर क्लेम के दौर जारी हैं. अब ओवैसी की बारी है.

भीड़ वोटों में तब्दील हो जाए - ऐसा कम ही देखने को मिलता है. अब पैकेज और मेगा पैकेज क्या असर दिखाते हैं - देखना होगा.

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मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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