बिहार चुनाव की जंग में पैकेज को लेकर नीतीश-मोदी आमने सामने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करोड़ों के पैकेज पर जंग जारी है. बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी पैकेज लागू कर पाने में नीतीश कुमार को अक्षम बता रहे हैं. जवाबी हमले में नीतीश ने एक एक करके दावों की हवा निकाल दी है. पैकेज से आंकड़े निकाल कर दोनों नेताओं ने आमने सामने आकर पैकेज-वॉर को काफी दिलचस्प बना दिया है. आप भी लुत्फ उठाएं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार को 1.65 लाख करोड़ का जो मेगा पैकेज दिया है, उसमें मीन-मेख निकलने वाले नीतीश कुमार और लालू प्रसाद इस पैकेज को लागू करने में सक्षम नहीं हैं. अब राज्य में ऐसी सरकार चाहिए जो ईमानदारी से विशेष पैकेज को लागू कर सके.
बिहार में देश का पहला बहुकौशल विश्वविद्यालय (Mega Skill University) स्थापित करने के लिए पैकेज में 1250 करोड़ रुपये दिये गए हैं. ऐतिहासिक विक्रमशिला के निकट केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये दिये गए हैं. नीतीश कुमार बतायें कि क्या उच्च शिक्षा के ये प्रोजेक्ट नये नहीं हैं?
नीतीश कुमार यूपीए सरकार के दस साल में बिहार को कुछ नहीं दिला सके, जबकि एनडीए सरकार का मेगा पैकेज राज्य की तकदीर बदल सकता है. इसमें बिहार के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाई देने के लिए 600 करोड़ दिये गए हैं. रामायण सर्किट के लिए 100 करोड़, पावापुरी समेत जैन सर्किट, मंदार पहाड़ी सहित अंग क्षेत्र, सुल्तानगंज में कांवरिया पथ तथा महात्मा गांधी सर्किट के लिए 50-50 करोड़ और वैशाली-बोधगया-विक्रमशिला सहित बौद्ध सर्किट को नई सुविधाओं से लैस करने के लिए 200 करोड़ रुपये दिये गए हैं. पर्यटन प्रशिक्षण प्रबंधन संस्थान (IITPM) खोलने के लिए भी 100 करोड़ का प्रावधान है.
मुख्यमंत्री बतायें कि पर्यटन विकास के ये सारे कार्य क्या यूपीए के जमाने के हैं? क्या राज्य में पहले से IITPM जैसा संस्थान है? पहले केंद्र से पैकेज की मांग करना, फिर उस पर राजनीति करना और पैकेज मिलने पर उसमें कुछ नया नहीं होने का झूठा प्रचार करना नीतीश कुमार की हताशा का सूचक है.
वे बतायें कि भ्रष्ट कांग्रेस और अराजकतावादी लालू प्रसाद की गोद में बैठकर विकास योजनाओं को कैसे लागू कर सकते हैं? बिहार की जनता ने भाजपा के नेतृत्व में ऐसी सरकार बनाने का संकल्प कर लिया है, जो विशेष पैकेज को लागू करने की क्षमता और इच्छाशक्ति, दोनों से भरी हो.
वाकई, मोदीजी ने बिहार के लोगों के समर्थन के साथ साथ उनके भरोसे की भी बोली लगा दी.
Indeed an outrageous act of auctioning Bihar&trust of its people, मोदीजी ने बिहार के लोगों के समर्थन के साथ साथ उनके भरोसे की भी बोली लगा दी
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 26, 2015
अचरज की कोई बात नहीं. वित्त मंत्री अरुण जेटली या उनके मंत्रालय को इस बात से कोई गुरेज नहीं और देखा जा सकता है कि पैकेज के लिए किस तरह आम बजट में हेरफेर पर भी आमादा हैं.
No wonder, FM @arunjaitley or his Ministry isn’t worried or is seen scrambling to provide for the additional resources from the Union Budget
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 26, 2015
1.25 लाख करोड़ के पैकेज में मुश्किल से 10500 करोड़ रुपये हैं जिसे फायदे के तौर पर देखा जा सकता है.
Barely, Rs. 10500 cr out of Rs. 1.25 lac cr could be called an incremental benefit
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 26, 2015
6000 करोड़ रुपये का पैकेज तो ऐसा है जिसका जमीनी हकीकत से दूर तक कोई नाता नहीं.
Rs. 6000 cr for whimsical projects which have absolutely zero trace on ground
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 26, 2015
सवा लाख करोड़ में 1.08 लाख करोड़ रुपये तो वे हैं जिन्हें पुरानी स्कीम और मौजूदा परियोजनाओं की रीपैकेजिंग करके परोसा गया है.
Rs. 1.08 lac cr out of Rs. 1.25 lac cr is a mere repackaging & appropriation of old schemes, & ongoing projects announced in the past
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 26, 2015
ये बहुप्रचारित पैकेज ढीठ और निर्लज्ज प्रयास के सिवाय कुछ भी नहीं जिसकी बदौलत बिहार के लोगों को सपने दिखाए जा रहे हैं.
The much hyped package is nothing but an audacious and brazen effort to narrate a fairy tale to the people of Bihar
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 26, 2015
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