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Updated: 30 मई, 2019 10:10 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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PM Narendra Modi Oath taking Ceremony| 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शपथ के बाद सबसे जरूरी काम होगा सरकार के पहले 100 दिनों का एक्शन प्लान. मोदी सरकार अपने 'अच्छे दिन' के वादे और कड़े फैसलों के लिए जानी जाती है. 2014 में 100 दिनों के अंदर नरेंद्र मोदी सरकार पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश की थी. SAARC देशों को करीब लाए थे, मॉडल गांव का कॉन्सेप्ट आ चुका था. डिजिटल इंडिया की शुरुआत हो चुकी थी और डिजिटल लॉकर की बातें भी जोरों पर थीं जो बाद में लॉन्च भी हो गया. प्रधानमंत्री जन धन योजना शुरू कर दी थी जिससे 1.5 करोड़ खाते खुल गए थे. नमामी गंगे प्रोजेक्ट शुरू हो गया था. बुलेट ट्रेन का प्रस्ताव भी रखा गया था. 2014 में 100 दिनों का सरकार का रिपोर्ट कार्ड अच्छा ही रहा था, हालांकि लोग और भी ज्यादा की उम्मीद लगा रहे थे. अब मामला है NDA 2.0 का और नरेंद्र मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने का.

नरेंद्र मोदी सरकार की अगली पारी के लिए मंत्रालयों ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. पर आखिर मोदी सरकार की कैबिनेट शुरुआती 100 दिनों के रोडमैप पर कैसे काम करेगी? क्या अहम होगा इस सरकार के लिए जो 100 दिनों के अंदर पूरा करना होगा? शपथ ग्रहण के साथ ही सरकार हरकत में आ जाए इसकी पूरी उम्मीद है. इन पांच सालों में बुनियादी ढांचे यानी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने की बात पहले ही सामने आ चुकी है. 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मोदी सरकार को शुरुआती दौर में ही 100 लाख करोड़ लगभग खर्च करने होंगे. इसमें से 25 लाख करोड़ किसान और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में लगाए जाएंगे. 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने का लक्ष्य तो पहले ही सरकार ले चुकी है.

नरेंद्र मोदी, शपथ ग्रहण, कैबिनेट, 100 दिन वर्कप्लानNarendra Modi की शपथ ग्रहण के बाद से ही मोदी सरकार 2.0 का 100 दिनों का प्लान शुरू हो जाएगा.

Niti Aayog की गाइडलाइन भी तैयार..

ईकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में नीति आयोग के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर अमिताभ कांत ने कहा है कि नरेंद्र मोदी भारत के विकास के लिए कई सारे मूलभूत बदलावों की ओर देख सकते हैं. इसमें सबसे पहले प्राइवेट सेक्टर में निवेश की बढ़त और रोजगार को बढ़ाना शामिल होगा. ऐसा करने से क्रेडिट फ्लो बना रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहतर लिविंग स्टैंडर्ड के लिए भी काम करेंगे ताकि लोगों की जिंदगी पर अच्छा प्रभाव पड़े.

Modi Sarkar 2.0: अगले 100 दिनों में सबसे बड़े फैसले?

जहां तक सबसे बड़े बदलाव की बात है तो अमिताभ कांत के अनुसार पिछली बार सरकार ने जीएसटी, नोटबंदी जैसे कड़े फैसले लिए थे जिसका असर दिखने में 2-3 साल लग जाते हैं. इसमें RERA एक्ट भी शामिल था, बैंक्रप्सि कोड, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम जैसा बहुत कुछ शामिल था. अब सबसे बड़ा चैलेंज होगा कि ये काम जारी रहे. ज्यादा से ज्यादा फोकस निर्यात में रहे ताकि लंबे समय के लिए रोजगार पैदा किया जा सके. इसके अलावा, टूरिज्म, कंस्ट्रक्शन, टेक्सटाइल पर भी काम किया जाएगा ताकि रोजगार पैदा हों.

मतलब सीधे तौर पर रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार काम करेगी. शुरुआती 100 दिनों में ही रोज़गार को लेकर कुछ नए फैसले लिए जा सकते हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी निवेश के अवसर खुलें कुछ इस तरह की नीतियों पर काम हो सकता है.

निवेश बढ़ाने के लिए कितनी मेहनत?

NDTV ने नीति आयोग की लैंड समिति के चेयरमैन टी हक के हवाले से एक रिपोर्ट लिखी है. उसमें कहा गया है कि सबसे बड़ी चिंता का विषय है अर्थव्यवस्था कें स्लोडाउन, खास तौर पर MSME सेक्टर में मेहनत लगेगी. अगर कृषि क्षेत्र में 10% की ग्रोथ चाहिए तो उसके लिए सालाना निवेश कम से कम 14% से 15% तक बढ़ाना होगा. इसके लिए सबसे पहला काम होगा रिसोर्स मोबिलाइजेशन की रणनीति बनाना, टैक्स क्षेत्रों में बदलाव करना, कुछ सेस में बढ़त भी हो सकती है, सब्सिडी से जुड़े कुछ नियम भी बदले जा सकते हैं.

किसानों की आय दुगनी करने के लिए कई कड़े नियम बनाने होंगे. सबसे पहले तो ये ध्यान देना होगा कि आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल हो. इसी के साथ, सब्सिडी को लेकर भी फैसले लेने हों.

वाणिज्य मंत्रालय की नई स्कीम पर काम?

Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT) जो वाणिज्य मंत्रालय की एक ब्रांच है उसने भारत में निवेश का नया प्लान बनाया है जिसके तहत 100 बिलियन डॉलर का निवेश आ सकता है. वियतनाम जैसे देश जो विदेशी निवेश के मामले में भारत से टक्कर लेता है वो कई तरह के इंसेन्टिव भी देता है जैसे कम रेट का कॉर्पोरेट इनकम टैक्स, 4 साल तक टैक्स में छूट आदि. ऐसे में 10 प्वाइंट के एक्शन प्लान के तहत बेहतर टैक्स पॉलिसी, जिसमें प्राकृतिक संसाधनों से लेकर लघु उद्योग में निवेश के साधनों को खोलने की उम्मीद जताई जा रही है.

सुरेश प्रभू की टीम ने पैन इंडिया सर्वे करने के बाद इस प्लान को तैयार किया है.

लगभग हर मंत्रालय की तरफ से 100 दिनों का प्लान तैयार किया जा चुका है अब देखना ये है कि पीएम मोदी पहले 100 दिनों में किन स्कीमों पर ध्यान देते हैं. इसमें सबसे पहले गंगा की सफाई और रोजगार बढ़ाने वाली स्कीमें आ सकती हैं. रोजगार तो इन चुनावों में भी अहम मुद्दा रहा है इसलिए रोजगार बढ़ाने के साथ-साथ गंगा की सफाई पर इसलिए क्योंकि नितिन गडकरी के मंत्रालय द्वारा शुरुआती काम और इंफ्रास्ट्रक्चर उसे लेकर लगभग पूरा कर लिया है. तो उम्मीद है कि उससे जुड़ी कुछ बड़ी उपलब्धि मोदी सरकार 2.0 के 100 दिनों में देखने को मिल जाएगी.

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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