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Updated: 17 अप्रिल, 2021 10:52 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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पश्चिम बंगाल चुनाव (West Bengal Election 2021) में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चुनाव के आखिरी दौर आते आते चरम पर पहुंच चुका है. बीजेपी नेतृत्व ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर दंगे फैलाने इल्जाम लगा रहा है, तो तृणमूल कांग्रेस नेता मोदी सरकार पर अपने फोन टैप कराने का आरोप लगा रही हैं.

और अब जबकि विधानसभा चुनाव अपने आखिरी दौर की तरफ बढ़ रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी अपने निजी हमलों का हिसाब किताब शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने ममता बनर्जी के मुंह से अपने खिलाफ कही गयी बातों की फेहरिस्त लेकर नये सिरे से उनको कठघरे में खड़ा किया है - और ये मुख्यमंत्री के लिए वो नुकसानदेह साबित हो सकता है.

फोन टैप या फर्जी ऑडियो?

सीतलकूची में हुई फायरिंग में मारे गये लोगों को लेकर भी राजनीति बंद होने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने प्रशांत किशोर के बाद ममता बनर्जी को लेकर भी एक ऑडिया शेयर किया है. अमित मालवीय का दावा है कि ऑडियो में सीतलकूची से टीएमसी उम्मीदवार पार्थ प्रतिम रॉय और के ममता बनर्जी के बीच हुई बातचीत ही है. ऑडियो में सुना गया है कि ममता बनर्जी अपने उम्मीदवार से फायरिंग में मारे गये लोगों के शवों के साथ रैली करने की सलाह दे रही हैं. ममता की इस बातचीत को लेकर अमित मालवीय के बाद पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री पर दंगे फैलाने का आरोप लगा रहे हैं.

ये आरोप लगने के बाद ममता बनर्जी बेहद गुस्से में हैं और केंद्र की मोदी सरकार पर अपने फोन टैप करने कराने का आरोप लगा रही हैं. तृणमूल कांग्रेस ने ऑडियो को फर्जी बताते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिख कर शिकायत भी की है.

एक बात समझ में नहीं आ रही है कि कैसे एक ही साथ ममता बनर्जी फोन टैप का भी आरोप लगा रही हैं और ऑडियो को फर्जी भी बता रही हैं. ऐसा क्यों लगता है कि ममता बनर्जी ऑडियो क्लिप पर सफाई देकर खुद को ही फंसा ले रही हैं.

अगर ऑडियो फर्जी है तो फोन टैप कराने का आरोप गलत है - और अगर फोन टैप कराने का आरोप सही है तो ऑडियो फर्जी कैसे हो सकता है?

ममता बनर्जी अब चुनावी सभाओं में ऑडियो को लेकर सीआईडी से जांच कराने की बात कह रही हैं. ममता बनर्जी का ये भी आरोप है कि केंद्रीय बलों के कुछ एजेंटों को भी इसमें शामिल किया गया है.

एक रैली में ममता बनर्जी कह रही थीं, 'मैं इस मामले में सीआईडी जांच का आदेश दूंगी... मैं जासूसी संबंधी इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल किसी को नहीं छोड़ूंगी - मुझे पता चल चुका है कि इसके पीछे कौन है,

mamata banerjee, narendra modiममता बनर्जी को अब नये राजनीतिक पैंतरे खोजने होंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने खिलाफ निजी हमलों को लेकर हिसाब किताब शुरू कर दिया है.

ममता बनर्जी जांच करवा सकती हैं और ये भी हो सकता है कि किसी को छोड़ें नहीं, लेकिन ये सब करने से पहले तो तृणमूल कांग्रेस नेता तो पहले पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनाव जीतने होंगे - क्योंकि अभी तो प्रशासन पर उनसे ज्यादा पकड़ तो चुनाव आयोग की ही है.

प्रधानमंत्री मोदी सीतलकूची हिंसा को लेकर हुई बातचीत के लिए ममता बनर्जी को तो घेर ही रहे हैं - अब चुनावी रैलियों में एक एक कर उनकी वे बातें भी गिना रहे हैं जो ममता बनर्जी ने उनके बारे में कही है.

निजी हमलों का हिसाब किताब शुरू

हाल के दिनों में ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी नेता अमित शाह को लेकर काफी भला-बुरा कहा है - और अब प्रधानमंत्री मोदी लोगों के सामने पूरी फेहरिस्त एक एक करके तारीख बताकर बांच रहे हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ठीक वैसे ही ममता बनर्जी के बयानों का जिक्र कर रहे हैं जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी के डंडा-मार का अपने एक कार्यक्रम में किया था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आगे से वो अपनी पीठ मजबूत करने की कोशिश करेंगे ताकि अगर कोई डंडे मारे तो वो उसका मुकाबला कर सकें.

बिलकुल उसी अंदाज में जैसे मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर रिएक्ट किया था. पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर के गंगारामपुर में नरेंद्र मोदी ने बताया कि दीदी की गालियों से उनको कोई दिक्कत नहीं है, बोले - 'दीदी, आप मुझे जितना कोसना है कोसिये... जितनी गाली देनी हो दीजिये, लेकिन कम से कम बंगाल के कल्चर को तो मत भूलिये.'

फिर अपने अंदाज में लोगों से संवाद करते हुए पूछने लगे - 'आप मुझे बताइये... मुझे चुप रहना चाहिये क्या? जनता की आवाज उठानी चाहिये कि नहीं? बहनों की आवाज उठानी चाहिये कि नहीं? नौजवानों की आवाज उठानी चाहिये कि नहीं - लेकिन जब मैं बोलता हूं तो आप ही देखिये कि मुझे क्या-क्या सुनना पड़ता है!'

उसके बाद तो मोदी ने सिलसिलेवार तारीख दर तारीख ममता की कही हुई बातें दोहराने शुरू कर दिये -

19 मार्च, 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो मोदी का चेहरा नहीं देखना चाहतीं, 'फिर दीदी ने देश के प्रधानमंत्री की तुलना, लुटेरे, दंगाई, दुर्योधन, दुशासन से कर दी -

20 मार्च, 2021: प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि 'दीदी ने मुझे श्रमिकों का हत्यारा बताया, दंगा करने वाला तक बताया.'

26 मार्च, 2021: मोदी ने ममता की बातों का हवाला देते हुए कहा, 'देश में सिर्फ मोदी की दाढ़ी बढ़ती जा रही है... मोदी के दिमाग के साथ कुछ दिक्कत है, ऐसा लगता है मोदी का कोई स्क्रू ढीला है...

4 अप्रैल, 2021: मोदी ने याद दिलाया, 'दीदी इस बात पर भड़क गईं कि बंगाल में बीजेपी की सरकार बनेगी - पूछा, क्या मैं भगवान हूं और सुपरह्यूमन हूं?'

12 अप्रैल, 2021: ममता बनर्जी की बातें सुनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले, 'जहां मैं जाता हूं, वहां दंगे होने लगते हैं.'

13 अप्रैल, 2021: मोदी बोले, 'दीदी ने फिर से मुझे सबसे बड़ा झूठा कहा... मंदबुद्धि कहा... ये लिस्ट बहुत लंबी है - मैंने कुछ ही गालियां आपके सामने प्रस्तुत की हैं.'

रैली में ही प्रधानमंत्री मोदी ने ममता को उस बात को लेकर भी टारगेट किया जो पूरे चुनाव में बीजेपी नेतृत्व को फेवरेट शगल रहा है - पीशी और भाइपो. ऐसा बोल कर बीजेपी नेता ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को निशाना बनाते हुए उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा - 'अरे दीदी, ओ दीदी... आपने बंगाल की गरीब जनता को लूटने वाले तोलाबाजों के कान मरोड़े होते... अपने सबसे प्रिय भाइपो से उठक-बैठक कराई होती तो आज ये दिन ना देखने पड़ते.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये दावा भी किया कि 2 मई के बाद ममता बनर्जी को हमेशा के लिए भूतपूर्व मुख्यमंत्री का सर्टिफिकेट मिल जाएगा.

दरअसल, ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ कर जाने से बेहद परेशान रही हैं और इसीलिए वो कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए ऐसी बातें करती हैं जो उनको धारदार विरोध जैसा लगता है, लेकिन वो ये भूल जाती हैं कि निजी हमले डबल स्पीड में बैकफायर करते हैं.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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