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Updated: 29 जून, 2015 05:14 PM
धीरेंद्र राय
धीरेंद्र राय
  @dhirendra.rai01
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जब सरकार घोटाले में शामिल हो जाए, तो उसके  लिए खतरा बन रहे सभी लोगों की जिंदगी दाव पर लग जाती है. यूपी में मायावती सरकार के अंतिम दौर में जिस तरह NRHM घोटाले से जुड़े लोगों की जान जा रही थी, वही हश्र अब मध्यप्रदेश में उनका हो रहा है, जो व्यापम घोटाले से जुड़े हैं. घोटाले की जांच कर रहे एसटीएफ ने माना है कि मामले से जुड़े 30 लोगों की जान जा चुकी है. जबकि विपक्षी दल कांग्रेस यह आंकड़ा 150 से ज्यादा बता रहा है.
इस घोटाले में कुल 55 केस दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में दो हजार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें शि‍वराज सिंह सरकार के पूर्व मंत्री से लेकर अफसर और कई भाजपा नेता शामिल हैं. और 600 गिरफ्तारी और होनी है. व्यापम घोटाले में गिरफ्तार 30 वर्षीय सरकारी पशु चिकित्सक नरेंद्र सिंह तोमर की जिला जेल में शनिवार रात संदिग्ध हालात में मौत हो गई. इसके साथ ही, ग्वालियर में एक अन्य आरोपी राजेंद्र आर्य की निजी अस्पताल में मौत हो गई. व्यापमं घोटाले में आरोपी राजेंद्र फिलहाल जमानत पर रिहा थे. कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के पुत्र शैलेष की भी मौत हो गई. उन पर संविदा शि‍क्षकों की भर्ती के नाम पर बिचौलियों से पैसा लेने का आरोप था.

जान लेने लगा है व्यापम घोटाला-
- जस्ट‍िस चंद्रेश भूषण ने 30 से ज्यादा लोगों की मौत की जानकारी दी है.
-पुलिस सूत्रों का कहना है कि 32 लोग मरे हैं.
-विपक्षी दल कांग्रेस 156 मौतों का दावा कर रहा है.

व्यापम की इन 7 परीक्षाओं में हुआ घोटाला-
-नौपतौल भर्ती परीक्षा
-आरक्षक भर्ती परीक्षा
-एसआई भर्ती परीक्षा
-दुग्ध संघ भर्ती परीक्षा
-वनरक्षक भर्ती परीक्षा
-संविदा शिक्षक वर्ग-2
-संविदा शिक्षक वर्ग-3

मेडिकल एंट्रेंस रद्द किए गए:
2008- 42
2009- 85
2010- 90
2011- 98
2012- 333
2013- 439

यूपी का एनआरएचएम घोटाला; 7 लोगों की जान गई:

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] योजना के मद में छह वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार से 8657 करोड़ रुपये मिले, लेकिन अधिकारियों व चिकित्सकों ने इसमें पांच हजार करोड़ रुपये की बंदरबांट कर ली. इसका राजफास नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक [कैग] की रिपोर्ट में हुआ.
यूपी सरकार की नाक के नीचे हुए इस घोटाले की जांच का काम सीबीआई को सौंपे जाने के बाद मंत्री, राजनेता व वरिष्ठ अधिकारियों के नाम सामने आए. इस घोटाले में तीन सीएमओ समेत सात लोगों की जान जा चुकी है.
कैग की रिपोर्ट के अनुसार एनआरएचएम में 1085 करोड़ रुपये का भुगतान बिना किसी के हस्ताक्षर ही कर दिया गया. बिना करार के ही 1170 करोड़ रुपये का ठेका चंद चहेते लोगों को दिया गया.

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लेखक

धीरेंद्र राय धीरेंद्र राय @dhirendra.rai01

लेखक ichowk.in के संपादक हैं.

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