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Updated: 20 जून, 2015 06:00 PM
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योग हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल के करीब है. इतना करीब कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए यूएन से रिजॉल्यूशन भी पास करवा लिया. अब इस पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने का सपना भी पीएम मोदी का ही है. लेकिन देशी चीजों से प्यार करने वाले पीएम मोदी का यह सपना टूट जाता अगर चीन से मदद नहीं मिलती.

दरअसल इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन के बीच राजपथ कहलाने वाली सड़क पर लगभग 37500 लोग एक साथ योग करेंगे. इस इवेंट को रिकार्ड के रूप में दर्ज करवाने वाली पेंच यहीं पर फंस रही थी. दरअसल गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के अनुसार हर एक प्रतिभागी की अलग-अलग मैट होनी चाहिए और इसके आधार पर ही कुल प्रतिभागियों की संख्या निर्धारित होगी. आनन-फानन में सिर्फ तीन सप्ताह पहले आयूष मंत्रालय ने एक कंपनी को 37500 मैट्स, 1,20,000 पानी की बोतलें और 32 LED स्क्रीन का ठेका दिया.

पानी की बोतलें और LED स्क्रीन तक तो ठीक था, लेकिन 37500 मैट्स वो भी इतने कम समय में! ठेकेदार के होश उड़ गए. लेकिन किसी भी तरीके से उसने देश भर के 50 डीलरों से संपर्क साधा. कुछ की आपूर्ति डायरेक्ट डीलरों ने की, तो कुछ माल जो डीलरों तक जा रहे थे, उन्हें बीच रास्ते से ही दिल्ली की ओर मोड़ दिया गया. सबसे हैरानी वाली बात यह रही कि इनमें से ज्यादातर मैट्स मेड इन चाइना हैं. अकेले राजपथ पर होने वाले योग के लिए तकरीबन तीन करोड़ का ठेका दिया गया है.

योग को लेकर देश में कहां तो लोग धर्म के मुद्दे पर लड़े जा रहे हैं. अब चाइनीज मैट्स पर योग के विरुद्ध किससे लड़ेंगे? पूरी दुनिया को अपने सस्ते माल से पाट देने वाले चीन से? या एक बार फिर कहेंगे : हिंदी-चीनी भाई-भाई!!! दुनिया ग्लोबल है. योग भी ग्लोबल हो गई है. आप हैं कि लड़े जा रहे हैं...

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लेखक

चंदन कुमार चंदन कुमार @chandank.journalist

लेखक iChowk.in में पत्रकार हैं.

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