New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 20 फरवरी, 2015 04:03 PM
परवेज़ सागर
परवेज़ सागर
  @theparvezsagar
  • Total Shares

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने कांग्रेस को अकबर रोड स्थित मुख्यालय खाली करने का नोटिस भेजा है. 24 अकबर रोड यानी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय का अपना एक अलग इतिहास है. इस मुख्यालय ने इंदिरा से लेकर सोनिया तक कई उतार चढ़ाव देखें हैं. जानिए 24 अकबर रोड़ से जुड़ी दस खास बातें.


01. आठ कमरों का यह बंगला 1911 और 1925 के बीच सर एडविन लुटियंस ने बनवाया था. कांग्रेस मुख्यालय बनाए जाने से पहले यह बंगला इंदिरा गांधी के करीबी और वफादार राज्यसभा सांसद जी. व्यंकटेश्वर के नाम आवंटित था. उनसे पहले यह बंगला दो साल के लिए नेहरू के दौर में म्यामार के राजदूत रहे नोबेल पुरुस्कार प्राप्त आँग सान सु कई को आवंटित था. इस बंगले के जिस कमरे में राहुल गांधी का कार्यालय है वह सु कई की पुत्री को बेहद पंसद था क्योंकि वहां पर एक बड़ा पियानों रखा हुआ था. इसी कमरे में वह संगीत की शिक्षा लिया करती थी.

02. आजादी मिलने के बाद से कांग्रेस का मुख्यालय 7 जतंर मंतर हुआ करता था. बाद में इंदिरा गांधी ने विंडसर प्लेस को अपना अस्थाई पार्टी ऑफिस बनाया, जो नेहरू सरकार में उपमंत्री रहे एम.वी. कृष्णाप्पा का आवास था. वहां से कांग्रेस मुख्यालय को 5 राजेन्द्र प्रसाद रोड ले जाया गया. और 1978 में कांग्रेस का स्थाई कार्यालय 24 अकबर रोड को बनाया गया.  

03. जब 24 अकबर रोड को चुना गया तो उस बंगले का सबसे बड़ा कमरा डायनिंग कम लिविंग रूम था. जिसे कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय के लिए चुना गया. उस वक्त इस कमरे में केवल एक बेंत वाली कुर्सी और छोटी मेज थी.

04. कांग्रेस मुख्यालय की सबसे खास बात यह है कि इसका एक पिछला दरवाजा 10 जनपथ से मिला हुआ है, जो उस वक्त युवा कांग्रेस का मुख्यालय हुआ करता था और अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निवास है.

05. कांग्रेस मुख्यालय बनाए जाने के बाद यह बंगला आठ कमरों से बढ़ते-बढ़ते 34 कमरों वाला हो गया. पूरे कार्यालय परिसर को पांच हिस्सों में विभाजित भी किया गया है. इंदिरा से लेकर सोनिया गांधी तक सभी कांग्रेस अध्यक्षों ने कांग्रेस मुख्यालय में बदलाव किए. कभी कमरे बढ़ाए गए और कभी टॉयलेट.

06. मुख्य बंगले की पिछली तरफ बने दर्जनभर कमरों का निर्माण नरसिम्हा राव के दौर में किया गया था. इस दफ्तर में ही कर्मचारियों और उनके परिवार वालों के आवास भी हैं. इन कमरों में सभी बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं. लेकिन बाद में किए गए अधिकतर निर्माण अवैध हैं.

07. कांग्रेस अध्यक्ष और उनके 11 महासचिवों के कक्ष में टॉयलेट अटैच्ड है. लेकिन महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाली पार्टी के मुख्यालय में महिलाओं के लिए कोई शौचालय नही हैं. 1999 में यहां कांग्रेस मीडिया विभाग के कमरों को तोड़ दिया गया था क्योंकि वहां पर कांग्रेस सचिव सत्यजीत गायकवाड़ और कुमारी शैलजा के दफ्तर बनाए गए थे.

08. राजीव गांधी 1985-86 में कांग्रेस के लिए राजेन्द्र प्रसाद रोड पर आधुनिक कार्यालय बनाना चाहते थे. उन्होंने पार्टी के सभी सांसदों से इसके लिए उनके वेतन से दान लेने की योजना बनाई थी. लेकिन 1991 में उनकी मृत्यु के साथ ही सब बदल गया.

09. 1990 में एक भंयकर तूफान की वजह से कांग्रेस मुख्यालय के प्रागंण में खड़ा सौ साल से पुराना पेड़ गिर गया था. जिसकी वजह से एक आठ साल के बच्चे की मौत हो गई थी और पार्टी ऑफिस में बना एक मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गया था. यह मंदिर और पेड़ टिकट की चाह रखने वालों के लिए खास थे. मंदिर का निर्माण कर्नाटक के एक कांग्रेस नेता ने टिकट पाने की खुशी में कराया था.

10. जब 2004 और 2009 में कांग्रेस को सत्ता मिली. 24 अकबर रोड को कांग्रेस के लिए शुभ माना गया. यहां मुख्यालय बन जाने के बाद कांग्रेस ने कई बड़ी जीत देखी लेकिन 2014 में कांग्रेस को अब तक की सबसे बड़ी हार का सामना भी इसी दफ्तर में बैठकर करना पड़ा.

#कांग्रेस, #मुख्यालय, जानिए, 24 अकबर रोड से जुड़ी 10 खास बातें

लेखक

परवेज़ सागर परवेज़ सागर @theparvezsagar

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में असोसिएट एडिटर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय