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Updated: 18 सितम्बर, 2020 06:23 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और उर्मिला मातोंडकर (Urmila Mantodkar) की तू-तू मैं-मैं के दरम्यान एक नयी बात निकल कर आयी है. कंगना रनौत ने एक खास बात कही है - वो ये कि उनके लिए टिकट (Election Ticket) पाना कोई मुश्किल काम नहीं है?

तो क्या कंगना रनौत ये सारी कवायद किसी चुनावी टिकट के लिए कर रही हैं? सवाल ये है कि कंगना रनौत आखिर किस चुनाव की तैयारी कर रही हैं - आम चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा की कौन कहे अभी तो हिमाचल प्रदेश में भी चुनाव होने में काफी वक्त है - तो क्या कंगना की नजर राज्य सभा के टिकट पर है?

कंगना का राजनीति से कितना वास्ता है

मनाली लौटने से पहले कंगना रनौत महाराष्ट्र के राज भवन गयी थीं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कीं और बाहर निकल कर उनको गार्जियन बताते हुए बोलीं की बेटी की तरह उनकी बातें सुनी गयीं. ये भी कहा कि उनको इंसाफ चाहिये और मुलाकात भी उसीके लिए थी.

कंगना ने ये भी कहा कि उनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये रही कि कंगना जब राज भवन से निकलीं तो उनके हाथों फूल था. फूल भी गुलाब या कोई और नहीं बल्कि कमल का फूल था. कमल, दरअसल, बीजेपी का चुनाव निशान है.

कंगना रनौत हाल फिलहाल सुर्खियों में तब आयीं जब उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत केस में सवाल खड़े किये - आरोप लगाया कि ये आत्महत्या नहीं, हत्या का मामला है. निश्चित तौर पर कंगना की उस आवाज की बदौलत ही सुशांत सिंह राजपूत केस में मुंबई पुलिस की भूमिका पर सवाल उठने लगे और फिर बिहार से दिल्ली होते हुए सीबीआई जांच तक मामला पहुंचा - और फिर उस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी.

मुंबई पुलिस पर सवाल उठाने के क्रम में कंगना रनौत ने मुंबई को पीओके जैसा बता डाला और उसके बाद से शिवसेना ने उसे मुद्दा बनाया हुआ है. कंगना रनौत अभी मुंबई के रास्ते में ही थीं तभी बीएमसी ने उनके दफ्तर में अपने हिसाब से पाये गये अवैध निर्माण गिरा दिये उसके बाद कंगना रनौत और भड़क गयीं. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत से उलझने के बाद कंगना सीथे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को तू-तड़ाक करते हुए खूब खरी खोटी सुना डालीं.

कंगना का ताजा टकराव बॉलीवुड एक्टर उर्मिला मातोंडकर के साथ चल रहा है. वैसे दोनों के बीच टकराव भी जया बच्चन के संसद में दिये बयान के बाद शुरू हुआ है. असल में कंगना के बॉलीवुड में ड्रग्स के आरोपों और रिया चक्रवर्ती के जेल जाने के बाद बहस तेज हो चली थी. जब संसद में बीजेपी सांसद रवि किशन ने बॉलीवुड में ड्रग्स को लेकर संसद में सवाल उठाया तो जया बच्चन ने कह दिया कि जिस थाली में लोग खाते हैं उसी में छेद करते हैं.

kangana ranaut, urmila matondkarकंगना रनौत और उर्मिला मातोंडकर की लड़ाई भी राजनीति में उलझ गयी

कंगना रनौत उसके बाद जया बच्चन पर बरस पड़ीं कि अगर सुशांत सिंह राजपूत की जगह उनके बेटे अभिषेक बच्चन होते और उनकी बेटी श्वेता बच्चन के साथ किसी ने बदसलूकी की होती तब भी क्या उनकी प्रतिक्रिया ऐसी ही होती?

बॉलीवुड में ड्रग्स पर बहस यहां पहुंचते ही फिल्मी हस्तियां दो छोर पर खड़ी हो गयीं - और इसी दौरान उर्मिला मातोंडकर भी जया बच्चन के पक्ष में बोलने लगीं. जया बच्चन का बचाव करते करते उर्मिला मातोंडकर ने कंगना रनौत के बोलने के लहजे पर सवाल उठा दिया - फिर क्या था कंगना ने उर्मिला मातोंडकर पर ऐसे धावा बोला कि सॉफ्ट-पॉर्न-स्टार ही बता डाला है. असल में टीवी पर बातचीत के दौरान उर्मिला मातोंडकर ने सवाल कर दिया कि कौन सी संस्कारी लड़की ऐसे बोलती है कि क्या उखाड़ लोगे? ये बात कंगना रनौत ने उद्धव ठाकरे को लेकर अपने वीडियो मैसेज में कही थी और फिर सामना में इन्ही में से दो शब्दों के साथ हेडलाइन बनायी गयी थी.

उर्मिला मातोंडकर के सवाल से कंगना रनौत आपे से बाहर हो गयीं जब खुद एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दे रही थीं तो बोलीं - 'उर्मिला अपनी एक्टिंग के लिए नहीं जानी जाती, वो किस चीज के लिए जानी जाती हैं? सॉफ्ट पॉर्न करने के लिए... तो अगर उन्हें टिकट मिल सकती है तो मुझे भी टिकट मिल सकती... मेरे लिए टिकट पाना मुश्किल नहीं है...'

कंगना रनौत कौन से चुनाव के लिए टिकट की बात कर रही हैं?

उर्मिला मातोंडकर के लिए जिस टिकट की कंगना रनौत बात कर रही हैं वो 2019 के लोक सभा से जुड़ा है. उर्मिला मातोंडकर मुंबई नॉर्थ संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गयीं. कांग्रेस के साथ उर्मिला मातोंडकर का साथ भी बहुत ही छोटा रहा. मार्च, 2019 में उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस ज्वाइन की थी और सिंतबर, 2019 में ही कांग्रेस में चल रही अंदरूनी सस्ती राजनीति के नाम पर पार्टी से नाता भी तोड़ लिया.

 

सही बात है. बिलकुल ठीक कह रही हैं कंगना रनौत कि जब उर्मिला मातोंडकर को चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिल सकता है तो उनको क्यों नहीं मिल सकता. अब सवाल ये है कि कंगना रनौत आखिर किस चुनाव के लिए टिकट की बात कर रही हैं - क्योंकि बात तो मुंबई पर हो रही थी, लेकिन कंगना रनौत ने खुद बीच में टिकट का नाम लेकर राजनीति छेड़ दी है.

हाल फिलहाल सबसे नजदीक तो बीएमसी का ही चुनाव है - लेकिन कंगना रनौत अगर उर्मिला मातोंडकर से टिकट की तुलना कर रही हैं तो वो तो संसद से नीचे का होगा नहीं. लोक सभा का चुनाव अभी काफी दूर है और राज्य सभा के चुनाव तो अभी अभी हुए हैं. होने को तो आगे भी होंगे ही लेकिन अभी तो नहीं होने जा रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव भी 2017 में हुआ था और उस हिसाब से अगला चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2022 में होने की संभावना है. वैसे भी कंगना रनौत ने अपने लिए आसानी से टिकट मिल जाने की बात यूं ही कही है या फिर ऐसी कोई बात भी हुई है. एक तरफ तो वो कह रही हैं कि राजनीति से उनका कोई वास्ता नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ वो टिकट की भी बात कर रही हैं.

रामदास अठावले ने मुंबई में कंगना रनौत से मुलाकात के बाद कहा था कि वो चाहें तो उनकी पार्टी भी ज्वाइन कर सकती है, लेकिन अगर बीजेपी ज्वाइन करती हैं तो उनको राज्य सभा की सीट मिल सकती है. क्या कंगना रनौत ने रामदास अठावले की बातों में आकर ये बात कही है - क्योंकि चुनाव और चुनावी टिकट Y कैटेगरी की सुरक्षा तो नहीं ही है.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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