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Updated: 08 जनवरी, 2016 03:50 PM
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गूगल और दूसरी तमाम बड़ी कंपनियां भले ही बिना ड्राइवर के चलने वाली कार बनाने को लेकर प्रयोग रही हों लेकिन खबरें आ रही हैं कि ISIS ने इसका इजाद कर लिया है. एक ऐसी कार जो रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित होती है. मतलब, आसानी से इसका इस्तेमाल मोबाइल बम के तौर पर किया जा सकता है. इसके अलावा वह इंसानों के ऐसे पुतले भी तैयार कर रहा है जो कार बम में इस्तेमाल किये जा सकेंगे. इसे कार में ड्राइवर की सीट पर रखा जाएगा ताकि सुरक्षा अधिकारी भुलावे में रहे. यह पुतले भी आम नहीं हैं. तैयारी ऐसी कि ये पुतले हीट डिक्टेटर को भी धोखा दे सकते हैं.

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 साभार- स्काई न्यूज

यही नहीं यह आतंकी संगठन ऐसे मिसाइल भी तैयार कर रहा है जो हवा में यात्री विमानों को मार कर गिरा सकते हैं. यह सभी खुलासे एक वीडियो से हुए हैं जो एक ISIS आतंकी से मिले हैं जिसे सीरिया की आर्मी ने पकड़ा है. इस वीडियो में दिख रहा है कि ISIS के पास अपने वैज्ञानिक और लैब हैं और वह कैसे आतंक फैलाने के नए रास्तों को खोजने का काम कर रहा है.

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आप भी देखिए बिना ड्राइवर वाली कार का ये वीडियो

दुनिया के तमाम देश ये तो बहुत पहले से मान कर चल ही रहे थे कि ISIS दूसरे आतंकी संगठन से बेहद अलग है. लेकिन इस वीडियो से ये बात और साफ हो गई है कि यह संगठन उम्मीद से कहीं अधिक अलग तरीके से काम कर रहा है. इसने खुद को केवल अंधाधुध तरीके से मरने-मारने तक सीमित नहीं रखा है. पिछले साल की शुरुआत में ही एक रिपोर्ट सामने आई थी कि जिसके अनुसार ISIS ने महज आतंकी संगठन की तरह काम न करते हुए एक पूरा सिस्टम तैयार कर लिया है. उसके पास अपने वित्तीय विभाग से लेकर मीडिया काउंसिल, लीगल काउंसिल, सुरक्षा और इंटेलिजेंस काउंसिल तक हैं. वित्तीय विभाग कब्जे में तेल को खरीदने-बेचने से लेकर हथियारों की लेन-देन पर काम करता है. तो लीगल काउंसिल बंधकों को सजा देने और लड़ाकों की भर्ती पर ध्यान देता है.

दुनिया से आगे आतंकी!

1987 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के कैप्टन मिलर जब एक बम से भरी एक ट्रक को लेकर श्रीलंकाई आर्मी कैंप में घुसे तो वहां से आतंक का एक नया दौर शुरू हुआ. सुसाइड अटैक का. उस हमले में 50 से ज्यादा श्रीलंकाई सैनिक मारे गए. सुसाइड अटैक तब भी दुनिया के लिए नया तो नहीं था लेकिन LTTE ने इसे विभत्स रूप दे दिया. इसके बाद आतंकियों को सैनिकों की तर्ज पर ट्रेनिंग देने से लेकर पैसा जुटाने और अत्याधुनिक हथियारों के जरिए आतंक को एक नए स्तर पर ले जाने का काम LTTE ने किया.

LTTE की देखादेखी दुनिया के दूसरे आतंकी संगठनों ने भी की और पिछले 20 सालों में इसका प्रयोग भी दिखा. दुनिया जैसे-जैसे तकनीक के साथ कदमताल करती गई. आतंकी संगठन भी खुद को अपडेय या खुद को उससे भी आगे रखने की कोशिश में नजर आए. ISIS इसी का एक उदाहरण है.

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