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Updated: 27 दिसम्बर, 2015 07:09 PM
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'भरोसा है कि खुदा उन लोगों को जीत दिलाएगा जो उसकी इबादत करते हैं, और अच्छी खबर यह है कि हमारा संगठन अच्छा कर रहा है. इसके खिलाफ युद्ध जितना तीव्र होता जाता है उतना ही यह पवित्र और मजबूत होता जाता है.' ये शब्द और किसी के नहीं बल्कि दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन ISIS के प्रमुख अबू बकर अल-बगदादी द्वारा के हैं. हाल ही में बगदादी की आवाज में जारी एक ऑडियो टेप में इस खूंखार आतंकी ने आने वाले दिनों में ISIS के और भी खतरनाक और खूंखार होने की चेतावनी जारी की है.

हालांकि इस ऑडियो टेप की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन हाल के दिनों में सामने आया यह बगदादी का पहला संदेश है. दरअसल सीरिया में ISIS के खिलाफ जंग में रूस और अमेरिका के एक साथ आने से इस लड़ाई के निर्णायक दौर में पहुंचने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. इराकी सेना ने भी अमेरिकी की मदद से इस आतंकी संगठन के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों और कैसे ISIS और घातक बनने की चेतावनी दे रहा है?

खात्मे के करीब आने पर बौखलाया बगदादी!
पहले कई बार बगदादी के विरोधियों के हमलों में घायल होने या मारे जाने की खबरें आती रही हैं जोकि बाद में गलत साबित होती रही है. लेकिन वह पिछले कई महीनों से खामोश रहा है और इस वर्ष मई के बाद बगदादी ने पहली बार इस तरह से जहर उगला है. क्या इसका मतलब है कि ISIS सच में आने वाले वक्त में और घातक बनेगा तो जवाब है, नहीं. इसकी वजह भी है. अगर बगदादी ये बातें कुछ महीने पहले कहता तो शायद इसे ज्यादा खतरनाक माना जाता. लेकिन इसी महीने दुनिया के दो ताकतवर देशों अमेरिका और रूस के सीरियाई राष्ट्रपति असद को सत्ता से हटाने के मुद्दे पर मतभेद सुलझाने और ISIS के खात्मे के लिए साथ आने से इस आतंकी संगठन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.

इराक और सीरिया में अब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा ISIS के खिलाफ की जा रही बमबारी से एक बड़ा क्षेत्र इसके हाथ से निकल गया है. साथ ही इस लड़ाई में रूस के भी शामिल होने से ISIS पर दोहरी मार पड़ रही है. इतना ही नहीं अमेरिकी समर्थन से कुर्द और अरबों ने सीरिया में ISIS के कब्जे वाले तेल क्षेत्रों पर कब्जा जमाकर उसकी आमदनी पर भी चोट पहुंचाना शुरू कर दिया है. ISIS के खिलाफ लड़ रहे विद्रोही गुटों ने सीरिया में उसकी कई महत्वपूर्ण तेल रिफाइनरीज पर भी कब्जा जमा लिया है, जिनमें तिरकित और बाई जी तेल रिफाइनरीज भी शामिल हैं.

ISIS के साथ कुछ ऐसा ही इराक में भी हो रहा है जहां इराकी सेना उसके कब्जे वाले क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करती जा रही है. एक अनुमान के मुताबितक यह आतंकी संगठन हर महीने तेल बेचकर करीब 40 लाख डॉलर की कमाई करता है. इसलिए अमेरिका और उसके सहयोगी देश इस आंतकी संगठन के तेल के ठिकानों को भी निशाना बना रहे हैं. अब लड़ाई में चौतरफा घिरने और धीरे-धीरे अपनी पकड़ वाले क्षेत्रों को गंवाते चले जाने से ISIS परेशान हो उठा है. इसी बात का संकेत उसके प्रमुख बगदादी के बयान में भी दिखता है, जिसमें वह कह रहा है कि हमारे खिलाफ लड़ाई जितनी तीव्र होगी हम उतना ही मजबूत बनकर उभरेंगे.

हालांकि ये बातें अपने समर्थकों में जोश भरने के लिए तो अच्छी लग सकती हैं लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल जुदा है. बगदादी के इस बयान से यह अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि रूस-अमेरिका के साथ आने से उसके खिलाफ जारी संघर्ष की तीव्रता किस कदर बढ़ गई है और ISIS के लिए आने वाले दिनों में इन देशों के सामने खुद को बचा पाना कितना मुश्किल साबित होगा.

बगदादी भले ही अपने समर्थकों में जोश भरने के लिए खुदा की इबादत की दुहाई दे रहा है लेकिन खुदा के ही बनाए मासूमों का खून बहाने वाले बगदादी और ISIS का फतवा पढ़ने का वक्त शायद आ चुका है!

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