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Updated: 24 अगस्त, 2016 04:36 PM
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भारत चीन से लगी अपनी सीमा पर कुछ करे और चीन प्रतिक्रिया न व्यक्त करे ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. अब जब भारत ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात कीं तो चीन की भौंहे तन गईं. चीन ने भारत के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए उसे चेतावनी दे डाली.

लेकिन बदले में भारत ने भी चीन को बता दिया कि अपने अंदरूनी मामलों में उसे चीनी दखल पसंद नहीं है और वह भारत के मामलों में दखल न दे. आइए जानें अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती पर क्यों भड़का हुआ है चीन और भारत के लिए क्यों जरूरी है इन मिसाइलों की तैनाती.

अरुणाचल प्रदेश में भारत ने तैनाती की ब्रह्मोस मिसाइलें, भड़का चीनः भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश में सुपरसोनिक ब्रह्मास मिसाइलों की तैनाती के कदम से चीन भड़का हुआ है. चीनी सेना ने अपने मुखपत्र में कहा है कि भारत सीमा पर मिसाइलों की तैनाती से चीन के युन्नान और तिब्बत प्रांतों के लिए खतरा पैदा कर दिया है.

लेकिन चीन की इस कड़ी आपत्ति को खारिज करते हुए भारतीय सेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसका निर्णय चीन से प्रभावित नहीं होगा. सेना ने कहा कि सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं हमारी अपनी हैं, और हम इसके लिए अपने क्षेत्र में मिसाइलें लगाकर कैसे निपटेंग ये किसी और की चिंता नहीं होनी चाहिए.  

आखिर क्यों भड़का है चीन? अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती भारत का निजी मामला है. तो सवाल उठता है कि आखिर चीन भारत के इस कदम के खिलाफ क्यों भड़का है. दरअसल अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर चीन अपना हक जताता रहा है और इसी को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद है.

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यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश में लगने वाली दोनों देशों की सीमा को लेकर भी दोनों देशों के बीच विवाद है. यही वजह है कि भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश में उठाए गए किसी भी कदम को लेकर चीन बहुत संवेदनशील रहता है. अब जबकि सुरक्षा की दृष्टि से भारत ने वहां ब्रह्मोस मिसाइलें तैनात करने का फैसला किया है तो चीन भड़का हुआ है.

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भारत द्वारा अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मोस मिसाइलों की तैनाती से चीन भड़का हुआ है

क्या होती हैं ब्रह्मोस मिसाइलें: ब्रह्मोस मिसाइलें सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें होती हैं, जिन्हें जहाज, विमान और जमीन से लॉन्च किया जा सकता है. इस मिसाइल द्वारा 300 किलो तक के हथियार ले जाया जा सकता है और इससे समुद्र और जमीन पर स्थित लक्ष्यों को भेदा जा सकता है. ब्रह्मोस की सेना में 2007 से ही तैनाती की गई है. अब इसका परीक्षण एयरफोर्स के सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के साथ किया जा रहा है.

अरुणाचल प्रदेश में तैनात की जा रही मिसाइलों के बारे में सेना का कहना है कि उसके इस कदम पर किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि भारत पहले ही अपने कई क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए मिसाइल सिस्टम्स की तैनाती करता रहा है.

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अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे पर भारत द्वारा चीन को दो-टूक जवाब देने से उम्मीद है कि चीन को अक्ल आएगी और वह अरुणाचल पर अपना  दावा जताना बंद कर देगा!

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