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Updated: 05 फरवरी, 2020 10:11 PM
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दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में 50 दिनों से भी अधिक से प्रदर्शन चल रहा है. ये प्रदर्शन शुरू तो हुआ था CAA और NRC के विरोध में, लेकिन अब ये विरोध प्रदर्शन अपनी दिशा खोता सा दिख रहा है. बुधवार को एक यूट्यूबर गुंजा कपूर इस प्रदर्शन में बुर्का पहन कर पहुंची थीं, जहां उनकी असली पहचान उजागर हो गई और प्रदर्शनकारियों (Shaheen Bagh Protest) ने उनके साथ धक्का मुक्की की (Gunja Kapoor hackled). शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने तब अपनी सीमाएं लांघ दीं जब उन्होंने गुंजा कपूर की पहचान उजागर होने के बाद उनके साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया. और देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों के गुस्से का अंबार गुंजा कपूर पर फट पड़ा. यहां तक कि दिल्ली पुलिस भी वहां पहुंची, लेकिन उसे भी गुंजा कपूर को वहां से निकालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. प्रदर्शनकारी गुंजा कपूर से बार-बार उसकी पहचान (Who is Gunja Kapoor) के बारे में पूछताछ कर रहे थे. हालांकि, ये काम पुलिस का होना चाहिए था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने इसके उलट ही रवैया अख्तयार कर लिया. वहां गुंजा कपूर पर कुछ ऐसे सवाल उठाए गए, जिन्होंने ये दिखा दिया कि अब ये प्रदर्शन एक विचारधारा के खिलाफ हो गया है, ना कि ये CAA-NRC के खिलाफ है.

Gunja Kapoor hackled at Shaheen Bagh Protestशाहीन बाग प्रदर्शन में बुर्का पहनकर घुसीं गुंजा कपूर के साथ प्रदर्शनकारियों ने बदसलूकी की.

1- बुरका क्‍यों पहना?

गुंजा कपूर के बुर्का पहनने पर सवाल उठ रहा है. वहां कुछ महिलाओं ने गुंजा से पूछा कि क्या उन्होंने इस्लाम कुबूल कर लिया है? और अगर नहीं किया तो फिर बुर्का क्यों पहना? बुर्का पहनने के लिए इस्लाम कुबूल करना क्यों जरूरी है? गुंजा को अपनी पहचान छुपानी थी, इसलिए बुर्का पहना, इस पर सवाल नहीं उठना चाहिए था. गुंजा चाहती थीं कि लोग उन्हें अपनों में से एक समझें और कोई भी सवाल खुलकर उनसे बात करें, ताकि इस प्रदर्शन में शामिल लोगों के मन की बात सामने आ सके.

2- पहचान क्‍यों छुपाई?

क्या गुंजा कपूर यूं ही प्रदर्शनकारियों के बीच घुसकर वीडियो बनाना चाहतीं तो उन्हें बनाने दिया जाता है. ये जानते हुए कि वह राइट विंग की हैं. तब भी तो उन्हें अपनी पहचान गलत ही बतानी पड़ती. बुर्का पहनने की वजह भी यही थी, क्योंकि वह अपनी पहचान छुपाते हुए एक स्टिंग ऑपरेशन करना चाहती थीं, ताकि शाहीन बाग के अंदर क्या चल रहा है वह सामने आए. पिछले दिनों शाहीन बाग के एक बच्चे की वीडियो सामने आई थी, जिसमें वह कहता दिख रहा था कि मोदी हमें मारना चाहता है, हमें कपड़े नहीं पहनने देगा, सिर्फ एक टाइम खाना देगा, हम ऐसा नहीं होने देंगे, उसे मार देंगे... आखिर बच्चे को इस तरह की बातें किसने सिखाईं? यकीनन वहां ही ये सब सिखाया जा रहा है. कम से कम कुछ लोग तो ऐसे हैं ही, जो इन सबको बढ़ावा दे रहे हैं और गुंजा कपूर इसी तरह की चीजों का पता करने वहां पहुंची थीं कि अंदर क्या चल रहा है.

3- राइट विंग की होने के बावजूद प्रदर्शन में क्यों आईं?

जब गुंजा से शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने पूछताछ की तो पता चला कि वह राइट विंग की हैं. खुद गुंजा ने ही ये बताया कि राइट नैरेटिव नाम से उनका एक यूट्यूब चैनल है, जिस पर जाएंगे तो सब पता चल जाएगा कि वह कौन हैं और उनकी विचारधारा क्या है. अब गुंजा कपूर पर एक बड़ा सवाल भी उठ रहा है कि आखिर वह राइट विंग की होने के बावजूद इस प्रदर्शन में क्यों आईं. उनके साथ जो भी बदसलूकी हुई है, उसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि वह राइट विंग की हैं. वैसे भी, शाहीन बाग में हो रहा प्रदर्शन अब सिर्फ CAA-NRC के विरोध तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि सीधे-सीधे मोदी-शाह के खिलाफ हो गया है. ऐसे में लोगों का गुस्सा गुंजा पर फूट पड़ा.

4- मोदी फॉलो करते हैं !

इंटरनेट की खास बात ये है कि कहीं भी और कुछ भी जाना जा सकता है. जब पता चला कि गुंजा कपूर राइट विंग की है तो उनकी पहचान खंगाली जाने लगी. धीरे-धीरे ये भी सामने आया कि पीएम मोदी उन्हें फॉलो करते हैं. बस फिर क्या था, प्रदर्शनकारियों ने मन ही मन ये धारणा बना ली कि हो न हो भाजपा ने ही गुंजा कपूर को भेजा है. बल्कि यूं कहिए कि वह सोचने लगे कि पीएम मोदी ने ही गुंजा कपूर को वहां भेजा है.

Gunja Kapoor hackled at Shaheen Bagh Protestप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुंजा कपूर को फॉलो करते हैं, जो राइट विंगर हैं.

5- गुंजा कपूर... यानी एक हिंदू !

शाहीन बाग का प्रोस्टेट मुस्लिम डोमिनेटेड है. CAA का विरोध भी मुस्लिम ही कर रहे हैं, क्योंकि इस कानून में उन्हें शामिल नहीं किया गया है. बता दें कि सरकार का तर्क है कि ये कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए है, इसलिए मुस्लिमों के इसमें शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि ये देश मुस्लिम बहुल हैं. एक मुस्लिम डोमिनेटेड प्रोटेस्ट में एक हिंदू का घुस जाना, वो भी अपनी पहचान छुपाते हुए एक मुस्लिम बनकर, लोगों को ये बात भी खल गई. भले ही गुंजा कपूर की मंशा स्टिंग ऑपरेशन की थी, लेकिन शाहीन बाग ने उन्हें राजनीतिक, मोदी, हिंदुत्व और मुस्लिम विरोध विचारधारा आदि से जोड़ते हुए देखा और बदसलूकी की.

Who is Gunja Kapoor?

अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये गुंजा कपूर कौन हैं. बता दें कि गुंजा राइट विंग राजनीतिक विश्लेषक हैं. वह राइट नैरेटिव नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाती हैं. उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि उन्हें पीएम मोदी फॉलो करते हैं, जिसके ट्वीट का फोटो उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर 'पिन टु टॉप' किया हुआ है. इसके अलावा उन्हें भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या भी फॉलो करते हैं. बता दें कि उनके ट्विटर पर करीब 25000 फॉलोअर हैं, जो शाहीन बाग वाली घटना के बाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

जिस तरह गुंजा कपूर के साथ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने बर्ताव किया, उससे ये तो साफ हो जाता है कि शाहीन बाग में कहीं न कहीं कुछ तो गलत है. गलत नहीं तो कम से कम उसे पूरी तरह सही भी नहीं ठहराया जा सका. अगर ऐसा नहीं है तो फिर स्टिंग ऑपरेशन से क्या डरना. उल्टा स्टिंग ऑपरेशन तो अंदर तक की बातें सामने आतीं और ये पता चलता कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी कितनी परेशानियां झेलते हुए ये प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन लग रहा है कि बाहर से महज एक प्रदर्शन दिखने वाले शाहीन बाग के अंदर कुछ और ही खिचड़ी पक रही है. अगर ऐसा नहीं है तो फिर प्रदर्शनकारी स्टिंग ऑपरेशन से क्यों डर रहे हैं?

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