New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 01 अगस्त, 2015 10:22 AM
विनीत कुमार
विनीत कुमार
  @vineet.dubey.98
  • Total Shares

करीब डेढ़ महीने या शायद उससे भी ज्यादा वक्त बीत चुका है. गजेंद्र चौहान को FTII का चेयरपर्सन बनाए जाने पर घमासान जारी है. आखिरकार, इस मुद्दे पर अब कांग्रेस भी खुल कर सामने आ गई है. अमूमन, कुर्ता-पैजामा में नजर आने वाले राहुल गांधी काली टी शर्ट और ब्लू जींस पहने FTII के छात्रों से मिले. और साफ कर दिया कि यह मामला भी दरअसल कांग्रेस Vs बीजेपी है. पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है. तू-तू...मैं-मैं की बहस है. छात्र इसके मोहरा हैं. वैसे, उम्मीद काफी पहले से लगाई जा रही थी कि देर-सबेर यह मामला राजनैतिक रूप से भी सामने आएगा.

गजेंद्र चौहान बीजेपी के सक्रिय सदस्य हैं और दरअसल यही उनके विरोध की वजह भी है. यह और बात है कि उनके विरोध में आवाज उठाने वाले गजेंद्र की काबिलियत पर सवाल उठा कर अपनी दलील पेश कर रहे हैं. आखिर वे कौन लोग हैं, जिन्होंने ऐसी छवि गढ़ दी है कि गजेंद्र के पद संभालने से कोई आसमान टूट जाएगा, धरती फट जाएगी. राजनीति को लेकर एक आशंका थी लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अपने कदम FTII में रख कर सभी आशंकाओं को खत्म कर दिया. राहुल बता गए पूरे मामले में राजनीति हो रही है और संसद में इसे उठाकर और हवा दी जाएगी.

राहुल शुक्रवार को FTII पहुंचे. छात्रों से मिले और उनके विरोध का कारण पूछा. इसके बाद नरेंद्र मोदी पर निशाना भी साधा. सरकार पर आरोप लगाया कि वह आरएसएस और उसके करीब के लोगों को सुनियोजित तरीके से बढ़ावा दे रही है. राहुल जी, लोकतंत्र में राजनीति अच्छी चीज है. होनी चाहिए. यही लोकतंत्र का आधार है. लेकिन जरूरी है कि बहस सार्थक रहे. खोज-खोज के हर मुद्दे को कोई नया एंगल देना राजनीति नहीं है. राहुल का आना FTII छात्र अपनी बड़ी जीत मान रहे होंगे. लेकिन राहुल के आने से उनकी मांग पूरी हो जाएगी, यह कहना मुश्किल है. हां, राहुल अगर बीच में नहीं आते तो शायद सरकार से अपनी बात मनवाना FTII के छात्रों के लिए ज्यादा आसान होता. हालांकि, छात्रों के आंदोलन के पहले दिन से ही यह साफ था कि इसकी दिशा कहीं और से तय की जा रही है. इसलिए, पूरे मामले में राहुल की एंट्री को आंख फाड़-फाड़ कर देखने की जरूरत नहीं है.

दरअसल, सरकार और विपक्ष के बीच हर लड़ाई अब इगो की लड़ाई बन चुकी है. हाल में जितने भी मामले सरकार के खिलाफ आए, उनका हाल देख लीजिए. सरकार को मालूम है कि संख्या बल उसके पास है और इसलिए हर मुद्दे पर वह लचीला रुख अपनाए, ऐसी उम्मीद करना बेमानी होगी.

गजेंद्र का विरोध करने वालों को परेश रावल का जवाब

फिल्मी दुनिया के कई जाने-पहचाने चेहरे गजेंद्र चौहान को FTII प्रमुख बनाए जाने के फैसले का विरोध कर चुके हैं. लेकिन इस पूरे मुद्दे पर हो रही राजनीति को देखते हुए परेश रावल ने आज एक सटीक जवाब दे दिया. राहुल गांधी के FTII जाने के सवाल पर परेश रावल ने पत्रकारों से कहा, 'अगर छात्र गजेंद्र चौहान मे एक पार्टी वर्कर का चेहरा देख रहे हैं तो क्या राहुल गांधी में उन्हें एक फिल्ममेकर दिखाई देता है.' कहने वाले कह सकते हैं कि परेश बीजेपी के सांसद हैं. इसलिए गजेंद्र का समर्थन कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने बड़ी बात कह दी. खुद को खुले विचारों का बताने वाले कुछ लोगों की यह मानसिकता है कि उनके विचारों के समुद्र में कोई एक पत्थर भी फेंक दे तो वे हलचल मचा देते हैं. कोई बी या सी ग्रेड में काम करने वाला कलाकार उन्हें पीछे छोड़ दे तो उनसे बर्दाश्त नहीं होता. अगर गजेंद्र दो चार बड़े फिल्मकारों के साथ फिल्मों में काम कर लेते तो भी ऐसा ही विरोध होता? काबिलियत का यह स्केल कौन बना रहा है? हर सरकार अपने शासन में अपने लोगों की पैरवी करती रही है. गजेंद्र अगर फिल्म या टीवी इंडस्ट्री से नहीं जुड़े होते तो विरोध जायत लगता लेकिन अभी तो पूरे मुद्दे पर राजनीति ही गैरजरूरी लग रही है.

#FTII, #गजेंद्र चौहान, #नियुक्ति, गजेंद्र चौहान, राहुल गांधी, FTII

लेखक

विनीत कुमार विनीत कुमार @vineet.dubey.98

लेखक आईचौक.इन में सीनियर सब एडिटर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय