Rajya Sabha तो बस बहाना है मोदी और गोगोई में ट्यूनिंग तो 2018 से थी!
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के राज्य सभा (Rajya Sabha) जाने की खबर के बाद जिस तरह का विवाद विपक्ष और आम जनता द्वारा Twitter पर शुरू हुआ है. जस्टिस गोगोई और प्रधानमंत्री मोदी के बीच पुराना नाता होने के दावे किए जा रहे हैं.
-
Total Shares
तारीख- 26 नवंबर 2018
मौका- संविधान दिवस या राष्ट्रीय विधि दिवस
भारत की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा BIMSTEC (बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड इकॉनोमिक कोऑपरेशन) के जजों के लिए डिनर का आयोजन किया गया. पूरे देश उस वक़्त हैरत में पड़ गया हुए जब जजों के लिए आयोजित इस डिनर में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. ये कोई पहला मौका नहीं था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसी मुलाकात की हो. वहीं ऐसा भी नहीं था कि सुप्रीम कोर्ट के जज प्रधानमंत्री से मिले हों. ऐसा पूर्व में भी हो चुका है. इस घटना के एक महीने पहले ही प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति भवन में उस वक़्त जस्टिस रंजन गोगोई (Justice Ranjan Gogoi) से मिल चुके थे जब उन्होंने अक्टूबर 2018 में बतौर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की शपथ ली थी.
मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि जिस वक़्त प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित उस हाई प्रोफाइल डिनर में आए मीडिया को भी इसकी भनक नहीं लगी. बाद में वो तस्वीरें सामने आईं जिनमें पूरे देश ने पीएम मोदी और जस्टिस रंजन गोगोई को एक कमरे में दो अलग अलग सोफों पर बातचीत करते देखा.
बता दें कि ये सब उस दौर में हुआ जिस वक़्त सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामले को लेकर सुनवाई हो रही थी. इस तस्वीर के सामने आने के बाद विपक्ष जबरदस्त तरीके से हमलावर हुआ और देश के प्रधानमंत्री के साथ साथ पूरी न्यायपालिका की तीखी आलोचना हुई. घटना को बीते ठीक ठाक वक़्त गुजर चुका है और अब जल्द ही हम देश के पूर्व सीजेआई को राज्य सभा (Rajyasabha) में देखेंगे. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया है. केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किया है.
सुप्रीम कोर्ट में आयोजित डिनर में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई के साथ पीएम मोदी
ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा. इस दौरान उन्होंनें कुल 47 फैसले सुनाए, जिनमें से कुछ फैसले ऐसे भी हैं जो कई मायनों में ऐतिहासिक हैं. बात रंजन गोगोई के अचीवमेंट्स की हो तो उन्होंने अयोध्या मामले में फैसला तो दिया ही साथ ही उन्होंने चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने, राफेल डील, सबरीमाला मंदिर और सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी जैसे मामलों पर भी फैसला दिया जिसे इस देश की न्यायपालिका द्वारा लंबे समय तक याद रखा जाएगा.
सरकार रंजन गोगोई को राज्य सभा भेज रही है इस खबर ने सियासी सरगर्मियां तेज कर दीं हैं
इस खबर के बाद कि रंजन गोगोई जल्द ही राज्य सभा में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी को रिप्लेस करेंगे सियासी गलियारों में जबरदस्त राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. राज्यसभा की सदस्यता लेने के सवाल पर पूर्व चीफ जस्टिस ने शपथ ग्रहण करने के बाद इसका जवाब देने की बात कही है. गोगोई ने कहा है कि, "मैं संभवतः कल दिल्ली जाऊंगा... मुझे शपथ ग्रहण करने दीजिए, फिर विस्तार से मीडिया को बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा की सदस्यता क्यों स्वीकार की..."
Former Chief Justice of India, Ranjan Gogoi: I'll go to Delhi probably tomorrow. Let me first take the oath then I will speak in detail to the media that why I accepted this and why I am going to Rajya Sabha. (file pic)
He has been nominated to Rajya Sabha by President Kovind. pic.twitter.com/aqRxtDtykl
— ANI (@ANI) March 17, 2020
गोगोई के इस फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार कपिल सिब्बल ने कड़ा ऐतराज जताया है. कपिल सिब्बल ने ट्वीट करते हुए कहा है कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं खुद की ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे.
Justice H R Khanna remembered for :
1) his integrity2)standing up to govt.3) upholding rule of law
Ranjan Gogoi for
lapping up a Rajya Sabha nomination for
1) being saved by govt.2) standing in line with it3) compromising his own and the integrity of the institution
— Kapil Sibal (@KapilSibal) March 17, 2020
जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर एआईएमआईएम की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आई हैं. एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया है कि, 'क्या यह 'इनाम है'? लोगों को जजों की स्वतंत्रता में यकीन कैसे रहेगा? कई सवाल हैं.'
Is it “quid pro quo”?How will people have faith in the Independence of Judges ? Many Questions pic.twitter.com/IQkAx4ofSf
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 16, 2020
अटल सरकार में विदेश मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने भी गोगोई के इस फैसले को आड़े हाथों लिया है. सिन्हा ने ट्वीट किया है कि इस तरह राज्य सभा के लिए नामित होने पर खुद गोगोई को सामने आना चाहिए और इसके लिए माना कर देना चाहिए. सिन्हा का मानना है कि यदि गोगोई हां कर देते हैं कि इस फैसले का असर पूरी न्याय व्यवस्था पर पड़ेगा.
I hope ex-cji Ranjan Gogoi would have the good sense to say 'NO' to the offer of Rajya Sabha seat to him. Otherwise he will cause incalculable damage to the reputation of the judiciary.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) March 16, 2020
पत्रकार अरविंद गुनासेकर ने मार्च 2019 में खुद CJI रंजन गोगोई द्वारा कही एक बात को उठाया है. तब गोगोई ने कहा था कि सेवानिवृत्ति के बाद की नियुक्तियां न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर एक धब्बा हैं. अब मार्च 2020 में मनोनीत राज्यसभा सदस्य रंजन गोगोई!
Post retirement appointments a scar on independence of judiciary: CJI Ranjan Gogoi in March 2019.
Nominated Rajya Sabha member Ranjan Gogoi in March 2020 !
????
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) March 16, 2020
इंडियन एक्सप्रेस के एक लेख को ट्वीट करते हुए पूर्व आप नेता योगेन्द्र यदव ने भी रंजन गोगोई पर बड़ा हमला किया है.
Justice Lokur: "There has been speculation for sometime now about what honorific would Justice Gogoi get."That is as far as a dignified judge can go in saying that Gogoi had struck a deal with the regime.https://t.co/jl0UtfxqaU
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) March 17, 2020
सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स ऐसे हैं जिन्होंने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के राज्यसभा जाने को गंभीरता से लिया है और केंद्र सरकार पर तीखे हमले किये हैं.
Be Loyal or Be Loya,Choice is all yours ✌️This is Justice Loya, was Loyal to Justice, Judiciary & Judgements.This is #RanjanGogoi being Loyal to the People in Power, nominated for Rajya Sabha, post retirement. pic.twitter.com/AgP0nZMfye
— Shishir Kumar Dube (@IamShishirkDube) March 17, 2020
एक ऐसे वक़्त में जब खुद देश के राष्ट्रपति गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए सामने लाए हों उनके द्वारा दिए गए फैसले भी सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं.
What Ranjan Gogoi gave**
- Rafale Clean chit- Ayodhya 5 acre Verdict- NRC baised Judgement- Rejectd Loya Petition- Delayed Kashmir matters
What Gogoi got in return**
- Rajya Sabha seat..Jai Judiciary!!
— Nенr_wно™ (@Nehr_who) March 17, 2020
पत्रकार सबा नकवी ने ट्वीट किया है कि, अब जबकि रंजन गोगोई पूरी तरह से बदनाम हो चुके हैं, सरकार के लिए उनके पास क्या मूल्य है? या फिर उन्हें इस चीज का फर्क ही नहीं पड़ता.
Now that #RanjanGogoi is thoroughly discredited, what value does he have for government? Or maybe it does not matter in a shameful age...
— Saba Naqvi (@_sabanaqvi) March 17, 2020
मुद्दा जब पीएम मोदी की आलोचना हो तो सरकार के प्रबल आलोचक और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहां चुप रहने वाले थे. गहलोत ने ट्वीट किया है कि पूर्व CJI रंजन गोगोई का एनडीए द्वारा राज्यसभा सदस्य के रूप में नामांकन, उनकी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद बहुत आश्चर्य की बात है. यह दर्शाता है कि एनडीए हर संस्था की स्वतंत्रता को नष्ट करने पर आमादा है.
Nomination of former CJI #RanjanGogoi as a #RajyaSabha member by NDA, soon after his retirement is very surprising. It shows NDA is hell bent on destroying independence of every institution
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 17, 2020
ट्विटर सेलेब्रिटियों में शुमार शेफाली वैद्य ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. शेफाली ने लिखा है कि सरकार के इस फैसले का स्वागत कांग्रेस पार्टी को भी करना चाहिए.
Won’t the @INCIndia welcome the nomination of Ranjan Gogoi to the RS with the hope that during his RS tenure, he will continue to serve justice the way he did as CJI? https://t.co/Etz2GzlUKY
— Shefali Vaidya. (@ShefVaidya) March 17, 2020
बहरहाल मामले पर जस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं उनको देख कर साफ़ है कि सरकार का ये फैसला जहां एक तरफ विपक्ष के गले की हड्डी बना है तो वहीं ये देश की आम जनता को भी पसंद नहीं आया है. देश की आम जनता के बीच एक बड़ा वर्ग ऐसा है जिसका मानना है कि ऐसे फैसले भारत जैसे लोकतंत्र के लिए कहीं से भी प्रभावी नहीं हैं और नका दूरगामी असर कहीं ज्यादा घातक साबित होने वाला है.
भाजपा में आने के बाद रंजन गोगोई का राजनीतिक भविष्य कैसा रहता है? इसका फैसला वक़्त करेगा. लेकिन जो वर्तमान है उसे देखकर इस बात का अंदाजा तो आसानी से लगाया ही जा सकता है कि गोगोई के राज्य सभा जाने की खबर के बाद विवाद तो शुरू हो ही गया है जो इतनी जल्दी ठंडा नहीं होगा.
ये भी पढ़ें -
सोनिया गांधी ने तो सचिन पायलट को भी सिंधिया बनने के लिए छोड़ दिया
लखनऊ में सेंगर-चिन्मयानंद के पोस्टर लगवाकर सपा ने कुल्हाड़ी पर पैर मारा!
Jyotiraditya Scindia के भाजपा ज्वॉइन करने का मकसद सामने आने लगा है!
आपकी राय