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Updated: 20 अप्रिल, 2019 06:01 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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भाजपा की सारी बातें एक तरफ हैं और सुषमा स्वराज एक तरफ. लोगों की सुरक्षा के प्रति जैसा उनका रवैया है ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि जैसे ही देश दुनिया से ये खबर आती है कि कहीं कोई भारतीय संकट में है सुषमा मदद के लिए आगे आ जाती है. लीबिया में सत्ता का संघर्ष चल रहा है और आए रोज स्थिति खराब हो रही है. देश की सरकार ने राजधानी त्रिपोली में फंसे भारतीयों को फौरन इलाका छोड़ देने की सलाह दी है. ट्विटर पर जानकारी देते हुए सुषमा ने कहा है कि 'लीबिया से भारतीय को निकालने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है और वहां की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद त्रिपोली में 500 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं.'

सुषमा स्वराज, लीबिया, भारत सरकार, विद्रोह, ट्विटर     लीबिया में फंसे लोगों के लिए ट्वीट करके सुषमा स्वराज ने बता दिया है कि जल्द ही सरकार लोगों की समस्या का निवारण करेगी

स्वराज ने कहा, 'त्रिपोली में हालात तेजी से बदतर होते जा रहे हैं. फिलहाल विमानों का संचालन हो रहा है. लिहाजा सभी लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से त्रिपोली जल्द से जल्द छोड़ने को कहें. वरना बाद में हम वहां से इनको निकाल नहीं पाएंगे.' इससे पहले भारत ने त्रिपोली में रह रहे भारतीयों को सावधानी बरतने की सलाह दी थी. साथ ही भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर (00218 924201771) जारी किया किया था.

गौरतलब है कि लीबिया में कर्नल गद्दाफी को सत्ता से बेदखल किये जाने और फिर उनकी हत्या के बाद लीबिया में हालत एक बार फिर से खराब हो गए हैं. माना जा रहा है कि लीबिया में विद्रोही गुट के नेता जनरल हफ्तार की सेना और अन्य सशस्त्र बलों के बीच संघर्ष शुरूहो चुका है जो आने वाले समय में स्थिति को बद से बदतर कर सकता है.

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया की मानें यो खबर ये भी है कि बीते दिन त्रिपोली के घनी आबादी वाले इलाकों में गोले दागे गए थे, जिससे मरने वालों की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है. कहा जा सकता है कि बीते चार अप्रैल से शुरू हुआ ये संघर्ष ठीक वैसा ही है जैसा हम साल 2011 में देख चुके थे जब मुल्क में गृह युद्ध के हालात दिखे थे.

लीबिया में समस्या कितनी गम्भीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दो हफ्ते से लीबिया में जारी इस संघर्ष में 205 लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है. इसके अलावा कम से कम 913 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

बहरहाल लीबिया में फंसे भारतीय कब आएंगे और सरकार उन्हें कैसे वापस लाएगी इसका फैसला आने वाला वक़्त करेगा.मगर जिस तरह सुषमा स्वराज की नजर दुनिया भर के भारतीयों पर है और जैसे हर मुश्किल वक़्त में सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा में खड़ी है ये खुद ब खुद इस बात को साफ कर देता है कि देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में है. जनता को भरोसा है कि कहीं उनकी सुनवाई हो या न हो मगर जब वो ट्विटर पर जाएंगे तो वहां से खाली हाथ नहीं लौटेंगे. सरकार अवश्य ही वहां उनकी परेशानी का निवारण करेगी.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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