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Updated: 25 सितम्बर, 2019 07:18 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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Howdy modi ईवेंट पर प्रधानमंत्री मोदी और डॉनाल्ड ट्रंप का हाथों में हाथ डालकर चलना बहुतों को खटक रहा था. वो मोदी और ट्रंप की इस दोस्ती की तस्वीरों से अभी बाहर भी नहीं आ पाए थे कि ट्रंप ने उन्हें एक और वजह दे दी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मंगलवार को न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय वार्ता हुई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों के जमकर पुल बांधे और ऐसे में उन्होने मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कह दिया. ऐसा कहकर ट्रंप तो निकल लिए लेकिन उनकी इस बात ने भारत में नई बहस छेड़ दी है.

pm modi and donald trumpद्विपक्षीय वार्ता के दौरान ट्रंप ने मोदी को फादर ऑफ इंडिया कहा

प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘अगर मैं पहले के भारत को याद करूं तो वहां पर लोग अक्सर लड़ते रहते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने सभी को एक पिता की तरह साथ लाने का काम किया है, शायद वो ‘फादर ऑफ इंडिया’ हैं, हम उन्हें ‘फादर ऑफ इंडिया’ ही बुलाएंगे. लोगों को एक साथ लाना काफी बढ़िया काम है और नरेंद्र मोदी ने इस क्षेत्र में शानदार काम किया है.’

यही नहीं ट्रंप ने मोदी की तुलना अमेरिकी रॉकस्टार एल्विस प्रेस्ली से भी की. howdy modi इवेंट के बारे में जब ट्रंप से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरी दाईं तरफ जो बैठे हैं लोग उन्हें पसंद करते हैं. लोग पागल हो जाते हैं, वह एल्विस के इंडियन वर्जन हैं.'

यानी ट्रंप के मुख से मोदी के लिए सिर्फ तारीफें ही निकल रही थीं. उनकी तुलना अमेरिकी सिंगर और ऐक्टर एल्विस प्रेस्ले से करने में किसी को कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि एल्विस कतो 'किंग ऑफ रॉक ऐंड रोल' थे. लेकिन मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहना इतना भी आसान नहीं है.

'फादर ऑफ इंडिया' को अगर हिंदी में कहें तो 'भारत का पिता' कहा जाएगा. महात्मा गांधी को पहले से ही राष्ट्र पिता का दर्जा दिया जा चुका है. ऐसे में अगर कोई मोदी को 'फादर ऑफ इंडिया' कहे तो बहस होना लाजिमी है. सोशल मीडिया पर न सिर्फ राजनीतिक गलियारों से विरोध दिखाया गया बल्कि आम लोगों ने भी ट्रंप के इस बयान की आलोचना की.

लोगों ने कहा कि अब तो नोट पर गांधी जी की तस्वीर का जगह मोदी जी की तस्वीर होगी.

हालांकि भारत के लोग मोदी को भले ही पिता का दर्जा न दें लेकिन एक जुझारू और मेहनती प्रधानमंत्री के तौर पर वो उन्हें पसंद तो करते ही हैं.

लेकिन कई लोगों ने इस बहस को ही रोकने का काम किया. उनके मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी पर father of India से ज्यादा Son of India सूट करता है.

पहली बार नहीं बोला गया मोदी को Father of India

ऐसा पहली बार नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहा गया है. बल्कि समय-समय पर मोदी का कोई न कोई फैन उन्हें ‘फादर ऑफ इंडिया’ कह ही देता है लेकिन जब राजनीति से जुड़ा कोई व्यक्ति ऐसा कहता है तो उसपर हमेशा से आपत्ति दर्ज करवाई गई है.

- हाल ही में मोदी के जन्मदिन पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नविस की पत्नी अमृता फडनविस ने भी ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहा था. जिसपर भी जमकर बवाल हुआ था.

- 2017 में संबित पात्रा ने एक टीवी टैनल पर कन्हैया कुमार से बहस के दौरान ये कहा था कि नोदी देश के बाप हैं. यानी देश के पिता हैं. इसपर कांग्रेस भड़क गई और प्रधानमंत्री मोदी से माफीनामे की मांग की गई थी क्योंकि भाजपा के प्रवक्ता ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया था.

- संबित पात्रा के इस बयान के करीब एक साल बाद प्रधानमंत्री मोदी को देश के पिता यानी डैडी का दर्जा दिया तमिलनाडु के मंत्री के टी राजेंद्र भालाजी ने. उन्होंने कहा कि 'अम्मा (जयललिता) के जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी डैडी की तरह ही उनका माग्रदर्शन और सपोर्ट कर रहे हैं, मोदी हमारे डैडी और इंडिया के डैडी हैं.'  

- मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मोदी जी के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ते. उन्होंने एक नहीं बल्कि कई बार सार्वजिनक मंच पर मोदी के लिए कहा है कि 'मोदी भारत के लिए भगवान का उपहार हैं.'

क्या फर्क है Father of India और Father of nation में

Father of india और father of nation का अर्थ समान ही प्रतीत होता है और इसीलिए लोग इस बात पर आपत्ति जताते हैं कि मोदी को father of india कहना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है. लेकिन father of india और father of nation में थोड़ा फर्क है जिसे समझना जरूरी है. और इन दोनों में फर्क समझने से पहले india और nation या देश और राष्ट्र के बीच का फर्क पता होना चाहिए.

देश एक भूभाग है. राष्ट्र भी देश ही है लेकिन कुछ फर्क है. राष्ट्र का अर्थ होता है जिसकी एक निश्चित भौगौलिक सीमा हो जो हजारों वर्षों से ज्यों की त्यों हो. उस निश्चित भौगौलिक सीमा में रहने वाली एक संस्कृति हो जो वर्षों से चली आ रही हो. राज्य बदलते रहें परन्तु संस्कृति ना बदले. यानी राष्ट्र में संस्कृति का होना भी जरूरी है. इसे आसान शब्दों में समझें तो देश अगर गंगा नामक एक नदी है तो राष्ट्र जीवनदायनी मां गंगा. देश अगर गाय नाम का पशु है तो राष्ट्र गौमाता. देश अगर भारत रूपी भूभाग है तो राष्ट्र है भारत माता.

राष्ट्र पिता और देश के पिता होने में यही छोटा किंतु बड़ा सा फर्क है.

और इस लिहाज से देखें और समझें तो प्रधानमंत्री मोदी को father of india कहे जाने से महात्मा गांधी किसी भी रूप में कमतर नहीं हो सकते. और इसीलिए देश के पिता कहलाने से गांधी का अपमान भी नहीं होता क्योंकि वो राष्ट्र के पिता हैं.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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