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Updated: 28 फरवरी, 2018 05:16 PM
स्वप्रेम तिवारी
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डोनाल्ड ट्रम्प, अमेरिकी राष्ट्रपति (26 फरवरी 2018), व्हाइट हाउस :

हम न्यायसंगत व्यापार समझौते चाहते हैं. स्कॉट वॉकर (अमेरिकी राज्य विसकांसन के गवर्नर) के राज्य में एक शानदार कंपनी है. जिसका नाम हार्ली डेविडसन है. जब वो अपनी मोटरसाइकिल भारत भेजते हैं. उदाहरण के तौर पर. उन्हें 100 फीसदी टैक्स देना पड़ता है. अब प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी), जिन्हें मैं मानता हूं कि बहुत शानदार व्यक्ति है. उन्होंने एक दिन मुझे फोन किया. उन्होंने कहा कि हम टैक्स को कम करके 50 फीसदी तक कर रहे हैं. मैंने कहा ठीक है, लेकिन अब तक हमें कुछ भी नहीं मिल रहा था. हमें कुछ नहीं मिल रहा है और उन्हें 50 फीसदी टैक्स मिल रहा है और वो सोच रहे हैं कि टैक्स कम कर रहे हैं जैसे वो हम पर कोई एहसान कर रहे हैं. ये कोई एहसान नहीं है.

और आपको पता है मैं क्या बात कर रहा हूं. वो एक बड़ी और पुरानी कंपनी है. जब मैंने हार्ली के प्रेसीडेंट से बात की, तो ये भी नहीं कह रहे थे, क्योंकि वो इस तरह के ट्रेड से वो लंबे वक्त से पीड़ित हैं. वो तो हैरान थे कि मैंने इस मुद्दे को अब उठाया है. मैं ही वो व्यक्ति हूं जो इस मुद्दे पर ज़ोर दे रहा हूं, उनसे भी ज़्यादा. लेकिन ये बहुत अन्यायपूर्ण है और भारत हमें काफी संख्या में मोटरसाइकिल बेचता है. इसमें उनकी एक कंपनी है जो खूब बिज़नेस करती है. उनकी मोटरसाइकिल हमारे देश में आती है तो कोई टैक्स नहीं लगता. ज़ीरो टैक्स. हमें ज़ीरो मिल रहा है. उन्हें 100 फीसदी टैक्स मिल रहा है. वो इसे 75 तक लेकर आए. फिर अब 50 पर ले आए हैं. अच्छा है. और मैं इसे मान कर नहीं कर रहा था. उन्होंने इतने सुंदर तरीके से अपनी बात कही. वो बहुत अच्छे व्यक्ति हैं. और उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमने टैक्स को 75 फीसदी कर दिया, लेकिन अब हम इसे कम करके 50 फीसदी तक कर चुके हैं. और मैंने कहा कि अच्छा. मैं क्या कहता. क्या मैं बहुत खुश हो जाता? ये सब हमारे लिए अच्छा नहीं है. खासतौर पर गवर्नरों के लिए. ये सही नहीं है. और इस तरह के कई समझौते हमने कर रखे हैं.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुद को इतना स्मार्ट समझते हैं कि जैसे उनकी दो नंबरी हरकतें किसी के पकड़ में नहीं आएंगी. किसी के समझ में नहीं आएंगी. वो 26 फरवरी को व्हाइट हाउस में अमेरिका के तमाम राज्यों के गवर्नरों के बिज़नेस सेशन में बोल रहे थे. जिसमें वो बिज़नेस की बात करते हुए मैक्सिको, कनाडा, चीन और फिर भारत की बात करने लगे. ट्रम्प ये बताने में लगे थे कि कैसे पुरानी सरकारों में बिज़नेस डील अमेरिकी हितों के अनुरूप नहीं थीं. कैसे दूसरे देश अमेरिका की बिज़नेस नीतियों का फायदा उठाते रहे हैं. लेकिन अब ट्रम्प आकर सबको सीधा करने में जुट गए हैं.

इसमें ट्रम्प ने हार्ली डेविडसन नाम की मोटरसाइकिल कंपनी का उदाहरण देते हुए भारत का नाम लिया. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कथित फोन कॉल का ज़िक्र डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने भाषण में किया. ट्रम्प ने कहा कि हार्ली डेविडसन भारत में बाइक बेचती है तो भारत 100 फीसदी तक टैक्स लगाता था. जबकि अमेरिका भारत से आने वाली बाइक पर कोई टैक्स नहीं लगाता. भारत की बाइक कंपनी अमेरिका में खूब पैसे कमाती है लेकिन हमें कुछ नहीं मिलता. ट्रम्प ने दावा किया कि मोदी ने फोन कर बताया कि वो टैक्स को कम करके 50 फीसदी तक कर रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा ठीक है.

ट्रम्प अपने गवर्नरों के बीच ये बताना चाह रहे थे कि देखो इन देशों को कैसे मैं ठीक कर रहा हूं. और ये भी बताने की कोशिश में लगे रहे कि ये तो सिर्फ शुरुआत है, अभी तो और ठीक करना है क्योंकि टैक्स कम करके अभी कोई एहसान नहीं किया है. ट्रम्प ने अपनी पॉलिटिकल स्कोरिंग करने में ये बताया कि हार्ली डेविडसन जैसी कंपनियों को चलाने वाले तो हैरान हो रहे हैं कि वो तो लंबे वक्त से ये सब झेल रहे हैं, और कैसे ट्रम्प ने ये मुद्दा उठाया है. ट्रम्प ये भी बताने से नहीं चूके कि वो ही अकेले व्यक्ति है जो इस मुद्दे पर ज़ोर दे रहे हैं. बाकी क्या कंपनियां, क्या पुराने नेता और सरकारें सब इसे सह रही थीं. लेकिन ट्रम्प ने अपनी पॉलिटिकल स्कोरिंग में भारत के प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करने वाली बातें की.

ट्रम्प इस तरह की बात इससे पहले भी कर चुके हैं. जिसमें उनके प्रधानमंत्री मोदी के बोलने के अंदाज की नकल उतारने की ख़बरें आई थीं. 26 फरवरी के ट्रम्प के भाषण में भारत वाले हिस्से को देखें और सुनें तो उसमें भी ट्रम्प इसी तरह से हाथ बांधकर आवाज़ के उतार चढ़ाव से नकल उतारने और कटाक्ष करने में लगे थे, ये साफ दिख जाएगा. सवाल ये है कि भारत के प्रधानमंत्री की बात ट्रम्प ने एक महीने में दो बार टैक्स के मामले में क्यों कर दी. इसमें हार्ली डेविडसन कंपनी का ही नाम क्यों लिया?

 डोनाल्ड ट्रंप, नरेंद्र मोदी, हार्ली डेविडसन, मोदी सरकार, इंपोर्ट ड्यूटी

13 फरवरी को इसी तरह की बात डोनाल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस में अमेरिकी सांसदों के सामने कर चुके थे. जिसमें भी उन्होंने बिना मोदी का नाम लिए उनके फोन कॉल का ज़िक्र किया था और बताया था कि किस तरह से भारत हार्ली डेविडसन बाइक पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करने के लिए तैयार हो गया है. 8 फरवरी को ये बताया गया था कि नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच फोन पर बात हुई है. लेकिन इस फोन कॉल का मुख्य मकसद मालदीव और अफगानिस्तान के हालात पर बातचीत करना बताया गया.

इसके चार दिन बाद 12 फरवरी को भारत के सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज़ एंड कस्टम्स ने नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें ये कहा गया कि महंगे ब्रांड की इंपोर्टेड लग्जरी मोटरसाइकिल पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम करके 50 फीसदी कर दिया गया है. पहले 800 सीसी से ज़्यादा क्षमता के इंजन वाली बाइक में 75 फीसदी टैक्स लगता था. लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प एहसान जताने के बजाय भारत के प्रधानमंत्री पर अगर कटाक्ष कर रहे हैं, और बड़ी चतुराई से इसके बहाने में अमेरिका में अपनी नेतागीरी के नंबर बढ़ाने में लगे हैं तो सवाल ये है कि क्या भारत ट्रम्प की इस तरह की हरकत का कोई सीधा या फिर उसी चतुराई से जवाब देगा. क्योंकि पहली बार जब ट्रम्प ने इस तरह की बात की थी, तो भी भारत सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया था.

रही बात हार्ली डेविडसन की तो उसके बिज़नेस पर ट्रम्प ने अमेरिकी संसद के अंदर फरवरी 2017 में पहली बार ज़िक्र किया था. जब उनके राष्ट्रपति बने कुछ ही हफ्ते हुए थे. तब उन्होंने सावधानीपूर्वक भारत का नाम नहीं लिया था. ट्रम्प ने अमेरिका में मैन्युफैक्चिरिंग पर हार्ली डेविडसन का उदाहरण देते हुए खूब तारीफ की थी. लेकिन 31 जनवरी 2018 आते-आते ये ख़बर आ गई कि हार्ली डेविडसन अपनी गिरती हुई बिक्री की वजह से अमेरिका में मिसौरी के कैंसास सिटी का प्लांट बंद करने जा रहा है. जिससे 800 नौकरियां चली जाएंगी. हार्ली डेविडसन की अमेरिका में बिक्री गिर गई. बाहर के देशों पर अब हार्ली का बिज़नेस टिका है. ये ट्रम्प अब तब जो बातें करते रहे हैं, उनके खिलाफ जाती हैं.

इसलिए जब 31 जनवरी को हार्ली डेविडसन ने ये ऐलान किया कि वो अमेरिका में अपना एक प्लांट बंद करने जा रहा है तो फिर अगले कुछ दिनों में लगातार ट्रम्प हार्ली डेविडसन को लेकर भारत की बात करने लगे. जिसमें उन्होंने पहले 13 फरवरी को अमेरिकी सांसदों के सामने बिना भारत के प्रधानमंत्री का नाम लिए उनके फोन का संकेत दिया और इस तरह का इशारा दिया कि देखो, मेरे कहने पर भारत ने इंपोर्ट ड्यूटी कम कर दी और खुद भारत के प्रधानमंत्री ने फोन किया. जो फोन और बातचीत ट्रम्प और मोदी के बीच 8 फरवरी को हुई थी और जिसमें कहा गया कि बात मालदीव और अफगानिस्तान के मामले में हुई थी.

इसके बाद ट्रम्प चुप नहीं बैठे. अपनी वाहवाही के लिए उन्होंने फिर 26 फरवरी को अपने तमाम राज्य के गवर्नरों के सामने ह्वाइट हाउस में भारत के प्रधानमंत्री के फोन का ज़िक्र ये करते हुए कहा कि भले ही हार्ली डेविडसन पर उन्होंने इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी हो लेकिन ट्रम्प इसे ज़ीरो पर लेकर आएगा. ये बातें करने में ट्रम्प ने जो कहना चाहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने फोन करके जो बड़ी चतुराई से बात की और कहा कि टैक्स घटा दिया, जैसे कोई एहसान कर रहे हैं. ये बातें बहुत ही अपमानजनक हैं. जिसका कैसा जवाब देना चाहिए. ये भारत सरकार को ज़रूर तय करना चाहिए क्योंकि अगर जवाब नहीं मिलेगा तो ट्रम्प दो बार इस तरह की हरकत कर चुके हैं. उनके बारे में दुनिया जानती है. वो रुकेंगे नहीं अगर उन्हें टोका नहीं गया.

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लेखक

स्वप्रेम तिवारी स्वप्रेम तिवारी @swaprem

लेखक आजतक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं

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