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Updated: 10 दिसम्बर, 2019 01:29 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill 2019) की राह की पहली बाधा को पार कर लिया है. लोकसभा में इस बोल को मंजूरी मिल चुकी है. वैसे लोकसभा में भाजपा (BJP) के पास पहले से ही बहुमत है तो यहां पर वह बिल मंजूर हो ही जाता, लेकिन असली चुनौती होगी राज्यसभा (Rajya Sabha), जहां पर भाजपा के पास बहुमत नहीं है. खैर, लोकसभा (Lok Sabha) में बिल के हक में 293 वोट पड़े हैं, जबकि बिल के विरोध में 82 वोट पड़े हैं. इस दौरान लोकसभा में काफी हंगामा हुआ और बहस भी हुई. इसी बीच बात उठी भारतीय सीमा के अफगानिस्तान (Afghanistan) के लगे होने की. जी हां, भारत की सीमा अफगानिस्तान से लगती है वो भी 106 किलोमीटर तक. जब इस बात पर संसद में विपक्ष के नेताओं ने ऐतराज जताया तो अमित शाह (Amit Shah) ने खुलकर कहा कि शायद वह लोग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को भारत का हिस्सा नहीं मानते.

Citizenship Amendment Bill 2019 india land borderभारत की जमीनी सीमा 15 हजार किलोमीटर से भी अधिक है, जो कई देशों से मिलती है.

क्यों हो रही है सीमा की बात?

भारतीय सीमा की बात तब उठी जब अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे मुस्लिम देश हैं, जिनकी सीमाएं भारत से मिलती हैं. अब पाकिस्तान और बांग्लादेश के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन अफगानिस्तान की सीमा पीओके से लगती है, जिस पर पाकिस्तान कब्जा किए बैठा है, लेकिन भारत उसे अपने ही देश का हिस्सा मानता है.

किस देश से कितनी लगती है भारत की सीमा?

गृह मंत्रालय के अनुसार भारत की 15,106.7 किलोमीटर की सीमा जमीनी है, जबकि 7,516.6 किलोमीटर की कोस्टलाइन से मिलती है. अगर पड़ोसी देशों से हमारी जमीन की मिलती हुई सीमा की बात करें तो भारत अलग-अलग देशों के साथ अलग-अलग दूरी की सीमा साझा करता है.

बांग्लादेश- 4,096.7 किमी

चीन- 3,488 किमी

पाकिस्तान- 3,323 किमी

नेपाल- 1,751 किमी

म्यांमार- 1,643 किमी

भूटान- 699 किमी

अफगानिस्तान- 106 किमी

नागरिकता संशोधन बिल में सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का जिक्र होने की बड़ी वजह है जो इन तीनों देशों के बीच समानता भी है. वो है इन देशों का मुस्लिम देश होना और इनकी सीमा का भारत से लगा हुआ होना. मुस्लिम देश होने की वजह से वहां रहने वाले हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई धर्म के लोग काफी कम हैं, जो आए दिन किसी न किसी प्रताड़ना का शिकार होते हैं. दुनिया के बाकी देशों को इस बिल में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि सालों से भारत से समय समय पर इन देशों में लोग जाते हैं और आते हैं. कभी अपनी मर्जी से, तो कभी मजबूरी में. यहां से अवैध घुसपैठ भी होती हैं. वैसे भी एक वक्त था जब ये सभी भारत का ही हिस्सा हुआ करता था. इन देशों में जिसके साथ प्रताड़ना होती है, अगर वह अल्पसंख्यक है तो भारत का नागरिकता संशोधन बिल उसकी मदद करने वाला बिल है.

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