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Updated: 14 सितम्बर, 2015 08:51 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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आरएसएस और बीजेपी हमेशा ही लालू प्रसाद के निशाने पर रहते आए हैं. इस बार लालू ने आरएसएस पर बड़ा हमला किया है.

डायरेक्ट अटैक

दिल्ली चुनाव खत्म होते ही आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रचारकों को बिहार रवाना कर दिया था. संघ की कोशिश यही रही कि आम वोटर तक पहुंच बनाई जाए और हर किसी को बूथ तक पहुंचाया जाए.

एक तरफ बीजपी अंबेडकर के नाम पर दलितों को रिझा में जुटी रही तो मांझी के सहारे ज्यादा से ज्यादा ऐसे वोट जुटाने की जुगत में जुटी रही. साथ ही साथ संघ भी लगातार लगा रहा. जातीय आधार पर बंटवारा न हो इसके लिए आरएसएस ने ‘एक गांव, एक पनघट, एक मरघट’ का नारा भी दिया.

बाद में तोगड़िया जैसे हिंदू नेताओं के भी ऐसे बयान आए और कार्यक्रम हुए जिसमें निचले तबके को जोड़ने की पूरी कोशिश हुई.

अब लालू प्रसाद ने संघ को सीधे निशाने पर लेते हुए कड़ा हमला बोला है.

एक्शन पर रिएक्शन

बिहार की रैली में जब मोदी ने कहा कि लगता है नीतीश के डीएनए में ही कोई गड़बड़ी है तो खूब बवाल मचा. नीतीश ने उसे बिहार के डीएनए पर हमला बता दिया - और फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और लालू के साथ पटना में स्वाभिमान रैली की. इसके अलावा लोगों को जुटाकर डीएनए सैंपल भी दिल्ली भेजे.

संघ के खिलाफ हमला बोलने के लिए लालू ने ट्वीट और फेसबुक पर पोस्ट किए हैं.

फेसबुक पर लालू ने कहा है, "तथाकथित विकास की दौड़ में जो लोग पीछे छूट गए हैं उन्हीं को साथ लेकर आगे बढ़ना है. भाजपा दलितों और पिछड़ों को लड़ाकर सामंतियों को गद्दी पर बैठाना चाहती है."

इसके साथ ही लालू ने अब तक किसी महिला या गैर ब्राह्मण को आरएसएस प्रमुख न बनाए जाने पर भी सवाल उठाया है.

तो क्या प्रधानमंत्री का डीएनए वाला बयान एक्शन था और क्या लालू के ताजा ट्वीट कोई रिएक्शन हैं? लगता तो ऐसा ही है!

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मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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