कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में हैं ये 7 नाम, आइये जानते हैं उनके पक्ष-विपक्ष में क्या हैं तर्क
कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में कई बड़े नामो की चर्चा चल रही है. इनमें राहुल गांधी , प्रियंका गांधी ,राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कद्दावर नेताओं के नाम शामिल हैं. आइये जानते हैं कि अध्यक्ष की रेस में शामिल इन उम्मीदवारो के पक्ष और विपक्ष में क्या-क्या तर्क हैं.
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आखिरकार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव 17 अक्टूबर को होना तय हो गया और 19 अक्टूबर को काउंटिंग के बाद नतीजे सामने आएंगे. कांग्रेस पिछले लंबे समय से पार्टी का पूर्णकालीक राष्ट्रीय अध्यक्ष तय नहीं कर पा रही थी. अब जब कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव की तिथि घोषित हो गई है तो ऐसे में हर किसी के ज़ेहन में सवाल है कि आखिर कांग्रेस का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा फिलहाल सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं. हालांकि वो पहले ही अपनी ख़राब स्वस्थ्य का हवाला देते हुए इस पद से दूरी बना चुकी हैं. तो ऐसे में सवाल यह है कि कांग्रेस की नैया पार लगाने की जिम्मेदारी किसको मिलेगी.
हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में कई बड़े नामो की चर्चा चल रही है. इनमें राहुल गांधी , प्रियंका गांधी ,राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कद्दावर नेताओं के नाम शामिल हैं.
सिर्फ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं पूरा देश जानना चाहता है कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा
आइये जानते हैं कि अध्यक्ष की रेस में शामिल इन उम्मीदवारो के पक्ष और विपक्ष में क्या-क्या तर्क हैं.
1. राहुल गांधी के पक्ष में तर्क
गांधी परिवार से ताल्लुक रखना उनका सबसे मजबूत पक्ष .
कांग्रेस और गांधी परिवार अभी भी अखिल भारतीय ब्रांड होने का दावा कर सकते हैं
बीजेपी के खिलाफ लगातार मुद्दों को उठाते रहना.
एक वैकल्पिक लेफ्ट-ऑफ-सेंटर प्लेटफॉर्म की पेशकश कर सकते हैं.
राहुल गांधी के विपक्ष में तर्क
वंशवाद की राजनीति के टैग से पीड़ित.
राहुल की काबिलियत पर सवाल उठते रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पे राहुल गांधी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं .
कई नेताओं का आरोप है कि राहुल गांधी के रहते पार्टी फिर से पटरी पर नहीं लौट सकती.
पार्ट टाइम राजनेता की छवि, प्रमुख मुद्दों के समय गायब रहते हैं.
2. प्रियंका गांधी के पक्ष में तर्क
राहुल गांधी के मुकाबले वे पार्टी नेताओं से ज्यादा सहज रूप से मिलती-जुलती हैं.
प्रियंका का टेंपरामेंट 24 घंटे राजनीति करने वाला है.
कांग्रेस नेताओं को उनमें संभावना दिख रही है.
प्रियंका में इंदिरा गांधी का अक्स दिखता है, इंदिरा गांधी का करिश्मा आज भी उत्तर और दक्षिण भारत के कई हिस्सों में कायम है.
प्रियंका गांधी के विपक्ष में तर्क
प्रियंका नेहरू-गांधी वंश का हिस्सा हैं.
पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश तक अभी तक की राजनीति में वे बुरी तरह से फेल हुई हैं.
पति रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप जिसके कारण उनकी साख को बुरी तरह निशाना बनाया जाएगा.
3. सीएम अशोक गहलोत के पक्ष में तर्क
तीन पीढ़ियों से गांधी परिवार के करीबी और भरोसेमंद हैं.
राजनीतिक और संगठन के तौर पर भी लंबा अनुभव है.
पुराने और नए नेताओं के बीच स्वीकार्य भी हो सकते हैं.
उत्तर भारत में बड़े ओबीसी नेता.
सीएम अशोक गहलोत के विपक्ष में तर्क
अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अड़े हैं.
गहलोत राजस्थान की कमान सचिन पायलट को सौंपने के मूड में नहीं हैं.
4. सुशील कुमार शिंदे के पक्ष में तर्क
सुशील कुमार शिंदे कांग्रेस का दलित चेहरा हैं.
गांधी परिवार के सबसे बड़े भरोसेमंद लोगों में से एक हैं.
भारत के गृहमंत्री और ऊर्जा मंत्री रहे हैं.
महाराष्ट्र के सीएम के रूप में भी सेवाएं दी हैं.
सुशील कुमार शिंदे के विपक्ष में तर्क
हालांकि पार्टी का एक तपका ऐसा मानती है की सुशील कुमार शिंदे कि कारण कांग्रेस पार्टी की एंटी हिन्दू छवि बनी है क्यों कि शिंदे ने ही 'हिन्दू आतंकवाद' का ज़िक्र किया था.
5. शशि थरूर के पक्ष में तर्क
-शशि थरूर एक विश्व प्रसिद्ध विचारक और संयुक्त राष्ट्र में वर्षो तक काम का अनुभव जिससे अंतरराष्ट्रीय छवि.
-2009 से तिरुअनंतपुरम सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं.
-भारत सरकार में मंत्री रह चुके है जिससे प्रशासनिक अनुभव.
-थरूर हर मुद्दे पर स्पष्टवादी और बेबाकी से अपनी राय रखते है.
शशि थरूर के विपक्ष में तर्क
-थरूर कांग्रेस के G-23 नेताओं में शामिल रहे हैं.
-गाँधी फैमिली का भरोसा प्राप्त नहीं होना.
-जनाधार वाले नेता नहीं है.
- शशि थरूर कई बार पार्टी लाइन से हटकर मोदी की तारीफ कर चुके है.
6. सचिन पायलट के पक्ष में तर्क
-कांग्रेस को युवा नेतृत्व की जरूरत है और पायलट की गिनती जमीनी स्तर पर काम करने वाले युवा नेताओं में होती है.
-सचिन पायलट जिम्मेदारियां निभाने और लोगों को साथ लेकर चलने की योग्यता है.
-पायलट राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम रहते कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया है.
-प्रियंका गाँधी का सपोर्ट भी प्राप्त है.
सचिन पायलट के विपक्ष में तर्क
-पार्टी से बगावती रुख अपना चुके है.
- अशोक गहलोत गुट के विरोध का सामना करना पड़ सकता है.
-सचिन पायलट भी राजस्थान राजनीती से अलग नहीं होना चाहते.
-अनुभव की कमी .
7. मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में तर्क
राज्यसभा में विपक्ष के नेता है मल्लिकार्जुन खड़गे.
गांधी परिवार के करीबी और अत्यंत विश्वासपात्र माने जाते है.
दक्षिण भारत में कांग्रेस के दलित चेहरे के रूप में जाने जाते है.
कर्नाटक विधानसभा के चुनाव भी होने हैं खड़गे लंबे समय तक कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय रहे है.
मल्लिकार्जुन खड़गे के विपक्ष में तर्क
उत्तर भारत में जनाधार की कमी .
हिंदी एक कमज़ोर कड़ी.
खड़गे पर ईडी का मामला जिसका विपक्ष मुद्दा बनाएगी.
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