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Updated: 07 सितम्बर, 2019 05:20 PM
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हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड - तीनों ही राज्यों में BJP के पास मौका पूरा है और यही वजह है कि वो चाहती है कि दस्तूर भी बना रहे. बीजेपी की कोशिश है कि तीनों राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों 2014 वाली कहानी दोहरायी जाये. अगर 2019 के लोक सभा चुनाव जैसा उम्मीद से ज्यादा मिल जाये फिर क्या कहना!

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गणेश चतुर्थी के मौके पर महाराष्ट्र पहुंचे. सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन किया और चुनावी इंतजामों का जायजा भी लिया. सोलापुर में शाह की रैली भी हुई. हरियाणा के जींद में भी अमित शाह रैली कर आये हैं. 3 सितंबर को अमित शाह झारखंड में रैली करने वाले थे लेकिन फिलहाल टाल दिया गया है.

अमित शाह के मजबूत नींव रख देने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मोर्चे पर उतरने जा रहे हैं - और ताबड़तोड़ रैलियां करने जा रहे हैं. तीनों ही राज्यों में प्रधानमंत्री मोदी कुछ घोषणा, कुछ उद्घाटन और कुछ शिलान्यास के भी कार्यक्रम रखे गये हैं ताकि आचार संहिता लागू होने से पहले सब निबट जाये.

राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार ही BJP के चुनावी मुद्दे

2019 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी की भारी जीत और हाल फिलहाल कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी ने हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी का एजेंडा साफ कर दिया है - राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार. आम चुनाव का नुस्खा और मोदी लहर 2014 में भी इन राज्यों में बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा और इस बार भी सारे संकेत वैसे ही मिल रहे हैं.

मिसाल के तौर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की जनादेश यात्रा को लें तो तस्वीर खुद-ब-खुद साफ होती चली जा रही है. खट्टर की जनादेश यात्रा का आगाज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था - और अंत प्रधानमंत्री मोदी करने जा रहे हैं. सिर्फ इतने भर से ये बात पूरी तरह नहीं समझ में आएगी. इसे समझने के लिए राजनाथ के भाषण और मोदी की रैली के स्थान पर ध्यान देना होगा.

खट्टर की यात्रा को हरी झंडी दिखाने जब 18 अगस्त को राजनाथ सिंह पंचकूला पहुंचे तो सीधे पाकिस्तान की चर्चा छेड़ दी. उससे ठीक पहले राजनाथ सिंह का एक बयान आया था जिसमें वो समझा रहे थे कि कोई भी मुल्क इस मुगालते में हरगिज न रहे कि भारत न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल तभी करेगा जब कोई उसके खिलाफ ऐसे हथियारों का प्रयोग कर चुका होगा.

हरियाणा के वोटर को भी राजनाथ सिंह ने मैसेज दे दिया - पाकिस्तान का नाम लेकर. राजनाथ सिंह ने साफ तौर पर कह दिया कि पाकिस्तान से बातचीत बिलकुल होगी, लेकिन अब सिर्फ और सिर्फ PoK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर. साफ है बीजेपी अपने वोटर को राष्ट्रवाद से जोड़े रखना चाहती है. ये लहर आम चुनाव से पहले पुलवामा हमले के बाद हुई बालाकोट एयरस्ट्राइक से चली आ रही है. आम चुनाव में जितना भुनाना था भुना लिया - बची खुची कसर विधानसभा चुनाव में निकाल ही लेंगे.

after amit shah pm modi to go for assembly polls2019 में एक बार फिर 2014 दोहराने की कोशिस में बीजेपी नेतृत्व!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 सितंबर को रोहतक पहुंच रहे हैं जहां वो मनोहर लाल खट्टर की जनादेश यात्रा का समापन करेंगे. रोहतक से एक दिन पहले 7 सितंबर को प्रधानमंत्री महाराष्ट्र से अपने इस चुनाव अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. इस दौरान वो नागपुर में मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट और औरंगाबाद में मुंबई-दिल्ली इंड्रस्टियल कॉरीडोर की आधारशिला रखेंगे. झारखंड में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम 12 दिसंबर को बना है जब वो विधानसभा के नये भवन का उद्घाटन करेंगे. साथ ही, झारखंड में किसानों के लिए पेंशन स्कीम की भी शुरुआत होनी है.

रोहतक की अलग अहमियत है. हाल ही में कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने रोहतक में रैली कर कांग्रेस नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश की और वो कामयाब भी रही. हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस की कमान तो नहीं मिली लेकिन विधायक दल का नेता चुन कर एक तरीके से उनके मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने का रास्ता साफ कर दिया गया है. हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष कुमारी शैलजा को बनाया गया है जिस पर हुड्डा ने ही सहमति जतायी थी. रोहतक में हुड्डा के रैली करने का मकसद यही रहा कि वो इसे अपना गढ़ मानते हैं. हालांकि, दीपेंदर हुड्डा रोहतक से ही लोक सभा का चुनाव हार गये. हारने को तो भूपिंदर हुड्डा भी सोनीपत से चुनाव हार गये थे.

प्रधानमंत्री मोदी रोहतक के मंच से हरियाणा के लोगों को बताना चाहते हैं कि बीजेपी गैर-जाटों ही नहीं, जाटों का भी पूरा ख्याल रखने वाली पार्टी है. जाहिर है हुड्डा परिवार को घेरने के लिए मोदी भ्रष्टाचार को हथियार बनाएंगे. AJL केस में ED और CBI दोनों ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट फाइल कर चुके हैं.

कहने की जरूरत नहीं कि प्रधानमंत्री हुड्डा को कैसे लपेटेंगे. हुड्डा के साथ साथ संभव है रॉबर्ट वाड्रा भी लपेटे में आ जायें. पी. चिदंबरम पहले से ही जेल पहुंच चुके हैं और डीके शिवकुमार प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में हैं.

ये सारे वाकये और उन्हें जोड़ने वाली कड़िया साफ साफ कह रही हैं कि हरियाणा ही नहीं बाकी दोनों राज्यों में भी बीजेपी राष्ट्रवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी चुनावी रास्ते पर आगे बढ़ेगी - क्योंकि ये ही वे चीजें हैं जो बीजेपी को मंजिल तक पहुंचा दे रही हैं.

आने वालों का तहे दिल से स्वागत है

खट्टर के सपोर्ट में अमित शाह ने भी एक रैली जींद में की थी. जींद रैली में शाह ने दूसरे राजनीतिक दल छोड़ कर बीजेपी ज्वाइन करने वालों को खुल कर न्योता दिया. जींद में चौधरी बीरेंद्र सिंह की मिसाल देते हुए शाह ने कहा कि पांच साल पहले वो कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हुए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते रहे.

अमित शाह ने कहा, 'बीजपी में शामिल होने वाले अच्छे लोगों का स्वागत और सम्मान किया जाएगा.'

अमित शाह का झारखंड दौरा तो अरुण जेटली के लिए आयोजित प्रार्थना सभा के चलते टल गया, लेकिन गणेश चतुर्थी वाले दिन वो महाराष्ट्र पहुंचे थे. सोलापुर में एक रैली भी की और हरियाणा की तरह बीजेपी के न्योते की बात महाराष्ट्र में भी की. शाह बोले, 'अगर हमारी पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने दरवाजे पूरी तरह खोल दिये तो शरद पवार और पृथ्वीराज चव्हाण के अलावा उनकी पार्टियों में कोई नहीं बचेगा.'

सोलापुर कांग्रेस के दिग्गज नेता सुशील कुमार शिंदे का इलाका है. हाल फिलहाल शिंदे का नाम कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में भी शामिल हुआ था. शाह की मौजूदगी में ही उस्मानाबाद के एनसीपी नेता रणजगजीत सिंह, कोल्हापुर के पूर्व एनसीपी सांसद धनंजय महादिक और मान-खटाव से कांग्रेस विधायक जयकुमार गौर बीजेपी में शामिल भी हुए.

मान कर चलना होगा कि बीजेपी ने दूसरे दलों को नेताओं के स्वागत का सिलसिला चुनाव तक यूं ही चलता रहेगा - आखिर पहले भी तो यही होता आया है.

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