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Updated: 13 मई, 2017 07:33 PM
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यूपी चुनावों की बात और थी, सरकार बनाने के बाद योगी आदित्यनाथ को राजधर्म के बारे में किसी को बताने के जरूरत नहीं पड़ी. कुर्सी संभालते ही योगी ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार सबका साथ और सबका विकास की नीति पर चलेगी. उनके भाषणों में बदलाव भी नोटिस किया गया जब कट्टर हिंदुत्व की साफगोई से वो वो प्रशासनिक संजीदगी की ओर शिफ्ट होते गये.

अपनी बातों को थोड़ा और स्पष्ट करते हुए आज तक के कार्यक्रम में योगी ने कहा, 'यूपी में किसी को डरने की जरूरत नहीं है, प्रदेश में कानून का राज होगा, न टीका का भेद होगा न टोपी का.' टीका से योगी का आशय हिंदू और टोपी से मुस्लिम समुदाय से रहा.

बंगाल में बदली चाल

जब दिल्ली एमसीडी चुनावों के नतीजे आ रहे थे उस वक्त बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कोलकाता में नगर निगम चुनावों की आखिरी तैयारियों में व्यस्त थे. अपने पक्ष में बंपर नतीजे आने के बावजूद उनका स्टैंड यूपी चुनावों से पूरी तरह अलग था.

mamata banerjeeबीजेपी ने बढ़ाया ममता का गुस्सा

यूपी चुनावों में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारे थे. दलील थी कि कोई जिताऊ उम्मीदवार नहीं मिला. बंगाल नगर निगम चुनावों के आने तक या तो बीजेपी को जिताऊ उम्मीदवार मिलने लगे या फिर ममता बनर्जी को काउंटर करने के लिए अपनी नीति बदलनी पड़ी.

टीका भी और टोपी भी

पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को टीका और टोपी दोनों के फेर में उलझाने की हर संभव कोशिश की है. ममता को घेरने के लिए बीजेपी ने कई मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं.

वैसे तो पश्चिम बंगाल में सात नगर निगमों के चुनाव हो रहे हैं लेकिन बीजेपी सिर्फ तीन में किस्मत आजमा रही है - रायगंज, दोमकल और पुजाली. बाकी चार निगमों को बीजेपी ने अपने सहयोगी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के लिए छोड़ दिया है.

दोमकल और पुजाली मुस्लिम बहुल इलाके हैं और यही वजह है कि खूब सोच समझ कर बीजेपी इन नगर निगमों के चुनाव में 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. दोमकल में बीजेपी के कुल 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें से 7 मुस्लिम हैं. इसी तरह पुजाली के 16 प्रत्याशियों में से तीन मुस्लिम हैं.

गुस्से में ममता

बीजेपी की इस हरकत से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद गुस्से में हैं. उनका गुस्सा एक रैली में साफ साफ दिखा. ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल ही एक ऐसा राज्य है जो बीजेपी के धार्मिक असहिष्णुता की लहर को रोक सकता है, भले ही उन्हें इसके लिए जेल में डाल दिया जाये.

ममता के इतने गुस्से में होने की वजह बीजेपी नेता श्यामपदा मंडल का एक बयान भी रहा. मंडल ने कहा था कि उन्हें समझ में नहीं आता कि वो महिला हैं या पुरुष.

रैली में ममता बोलीं, 'भाजपा के नेता मुझे हिजड़ा कहते हैं. मुझे पता है कि ये सब बोलने की हिम्मत उन्हें कहां से आई है. धर्म के नाम पर ये लोग देशभर में उपद्रव फैला रहे हैं.' गुस्से से आग बबूला ममता ने यहां तक कह डाला कि उन्हें शर्म आती है कि वो इस धरती पर पैदा हुईं.

ममता को घेरने के लिए बीजेपी ने भले ही ऐसी दरियादिली दिखायी हो, लेकिन ये वही बीजेपी है जिसने यूपी चुनावों के वक्त चुनाव आयोग को पत्र लिख कर मांग की थी कि मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं के पहचान पत्रों की जांच के लिए महिला पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए. हालांकि, आयोग ने बीजेपी की ये मांग नामंजूर कर दी थी.

बीजेपी का ये एक्सपेरिमेंट क्या गुल खिलाता है इसका पता तब चलेगा जब नगर निगम चुनावों के लिए 14 मई को वोट डाले जाएंगे - और नतीजे 17 मई को आएंगे.

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#पश्चिम बंगाल, #अमित शाह, #भाजपा, West Bengal Municipal Corporation Polls, Bjp, Amit Shah

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