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Updated: 01 अप्रिल, 2018 08:22 PM
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यूपी में एनकाउंटर और निजी कंपनियों से मंदिर के लिए फंडिंग को लेकर विवाद जारी है. आज तक के कार्यक्रम सीधी बात में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना अयोध्या प्लान भी बता दिया है.

योगी के प्लान से इतर फिर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर दावेदारी शुरू हो गयी है. कोई कोई चार महीने में तो कोई 2019 से पहले भव्य मंदिर निर्माण की बात कर रहा है. महत्वपूर्ण बात ये है कि सिर्फ अयोध्या ही नहीं, ऐसा लगता है जैसे मथुरा और काशी भी बीजेपी के एजेंडे में शामिल हो चुका है.

बस चार महीने और!

राम नवमी और हनुमान जयंती पर बीजेपी नेताओं और हिंदूवादी संगठनों का जुलूस और उसमें शामिल लोगों के कहर की कहानियां कई इलाकों से आ रही हैं. पश्चिम बंगाल और बिहार के कई हिस्सों में हिंसा और आगजनी से तनाव बना हुआ है. सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है.

sadhvi prachiअयोध्या नहीं तो पाकिस्तान जायें!

ऐसे ही एक कार्यक्रम में वीएचपी नेता साध्वी प्राची एक बार फिर मंदिर विरोधियों को पाकिस्तान चले जाने के लिए धमकी भरी सलाह देती सुनी गयीं. साध्वी प्राची ने दावा किया - 'अयोध्या की पावन भूमि श्रीराम की जन्मस्थली है और वहां श्रीराम का भव्य मंदिर बनेगा... श्री श्री रविशंकर अयोध्या में जन्मभूमि के पास मस्जिद बनाने का सुझाव छोड़ दें. अयोध्या तो क्या, पूरे हिन्दुस्तान में बाबरी मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी... जिसे मस्जिद बनवाना हो, वो पाकिस्तान चला जाए...'

इसी बीच राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास का दावा है कि चार महीने के भीतर ही राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा और ये काम राम जन्म भूमि न्यास ही करेगा.

अयोध्या मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है - और बीजेपी ने भी अपने चुनाव घोषणा पत्र में संविधान के दायरे में मंदिर निर्णाण की बात कही थी. जैसे जैसे देश के कई हिस्सों में चुनावी माहौल गर्म हो रहा है और 2019 नजदीक आते दिख रहा है, बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों के नेता अयोध्या को लेकर एक्टिव होते जा रहे हैं.

योगी का अयोध्या प्लान

हाल ही में यूपी की योगी सरकार ने कारोबारी घरानों से कहा है कि वे अपने सीएसआर फंड से अयोध्या में 100 फीट ऊंची भगवान राम की एक मूर्ति लगवा दें. सरकार ने इसका बजट भी बता दिया है - ₹ 330 करोड़.

पिछले साल योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अयोध्या में दिवाली का जश्न मनाया था - और इस साल मथुरा में होली का कार्यक्रम रखा गया था. बीजेपी नेता अरसे से एक साथ अयोध्या, काशी और मथुरा की बात करते रहे हैं, ऐसा लगता है योगी आदित्यनाथ उसी को एक खास रणनीति के तहत आगे बढ़ा रहे हैं.

सीधी बात में जब योगी से अयोध्या में सरयू किनारे श्रीराम की प्रतिमा को लेकर पूछा गया तो उनका जवाब रहा, "अयोध्या में हम बहुत कुछ करने जा रहे हैं. बहुत कुछ अयोध्या में होने जा रहा है. वो हमारे लिए महत्वपूर्ण है."

योगी ने कहा - 'ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि इस देश की जिन सात पवित्र नगरी को शास्त्रों ने मान्यता दी है, उनमें अयोध्या, मथुरा और काशी तीनों उत्तर प्रदेश में हैं.'

yogi adityanath'अयोध्या, काशी और मथुरा...'

अयोध्या के साथ काशी और मथुरा की बात करते हुए योगी ने बताया कि किस तरह उनकी सरकार पर्यटन के साथ तीर्थाटन को बढ़ावा देने में लगी हुई है. योगी बोले, "देश की भावनाओं का प्रतिनिधित्व हमारी पवित्र नगरियां करती हैं... ये देश और दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी महत्वपूर्ण स्थल हैं. पर्यटन के साथ तीर्थाटन को भी आगे बढ़ाने के लिए अयोध्या, मथुरा और काशी में हम कार्यक्रम करते हैं."

योगी सरकार ने कुछ वक्त पहले यूपी के पर्यटन स्थलों को लेकर एक बुकलेट जारी किया था. उस बुकलेट में आगरा का ताजमहल नदारद रहा तो खूब बवाल हुआ. हालत ये हो गयी कि आखिर में विवाद को शांत करने के लिए योगी आदित्यनाथ को खुद आगरा का दौरा करना पड़ा.

अब यूपी सरकार पर्यटन और तीर्थाटन का जो घालमेल पैकेज पेश कर रही है और जिस तरह का प्लान योगी आदित्यनाथ बता रहे हैं, लगता तो यही है कि 2019 में बीजेपी सिर्फ अयोध्या ही नहीं काशी और मथुरा को भी अपने एजेंडे में शामिल कर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.

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