केजरीवाल का AAP मेनिफेस्टो 'नियम व शर्तों' के साथ जारी हुआ है!
केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार दूर करने को लेकर कई वादे किए, लेकिन सबके साथ एक छोटा सा स्टार (*) लगा दिया. जी हां, वही... नियम और शर्तों वाला स्टार.
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लोकसभा चुनावों के इस मौसम में आखिरकर आम आदमी पार्टी ने भी अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. अरविंद केजरीवाल ने मेनिफेस्टो जारी करते हुए ये साफ कह दिया कि ये चुनाव किसी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए है. और पूर्ण राज्य के लिए ही उन्होंने कहा कि वह किसी को भी समर्थन देने को तैयार हैं, सिर्फ मोदी-शाह की जोड़ी को नहीं, जो दिल्ली को पूर्ण राज्य नहीं बनने देना चाहते हैं. वैसे तो केजरीवाल कांग्रेस को भी भाजपा से मिला हुआ बोलते हैं, लेकिन मोदी-शाह की जोड़ी को सत्ता से बाहर करने के लिए वह कांग्रेस को भी समर्थन देने के लिए तैयार हैं.
'पूर्ण राज्य', ऊपर की चंद लाइनों में ये शब्द 3 बार आ चुका है, लेकिन अरविंद केजरीवाल के भाषण में इसका जिक्र कई बार हुआ. अपना मेनिफेस्टो जारी करते हुए केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार दूर करने को लेकर कई वादे किए, लेकिन सबके साथ एक छोटा सा स्टार (*) लगा दिया. जी हां, वही... नियम और शर्तों वाला स्टार. इसके बिना कोई वादा पूरा होने की सोचिएगा भी नहीं.
केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार दूर करने को लेकर कई वादे किए.
वादों पूरे होंगे, लेकिन एक शर्त है...
अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी का मेनिफेस्टो लॉन्च करते हुए कई वादे किए, लेकिन हर वादे के पूरे होने की एक शर्त भी रखी. ये शर्त है पूर्ण राज्य की. यानी अरविंद केजरीवाल हर वादा पूरा करेंगे, लेकिन पूर्ण राज्य बनने पर. और पूर्ण राज्य बनाने के लिए उन्हें सातों सीटों से जिताना होगा, जिसके बाद वह पूरी कोशिश करेंगे, ताकि पूर्ण राज्य बन सके. इन 5 सालों में पूर्ण राज्य बना नहीं, क्योंकि दिल्ली की सारी लोकसभा सीटें भाजपा जीत गई थी.
तो वादे पूरे होंगे भी या नहीं?
अभी तक कांग्रेस-भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन कोई शर्त नहीं रखी. वहीं दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के मेनिफेस्टो में ऐसी शर्त रख दी है कि जनता ये सोचने पर मजबूर है कि वादे पूरे होंगे भी या नहीं. केजरीवाल के वादे पूरे तभी होंगे, जब पूर्ण राज्य बनेगा और पूर्ण राज्य तब बनेगा जब सातों सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में जाएंगी. केजरीवाल ने खेल तो अच्छा खेला है, लेकिन नियम व शर्तों वाला ये कॉलम ही उनकी हार की वजह न बन जाए.
क्या वादे किए हैं अरविंद केजरीवाल ने?
* दिल्ली पुलिस में बदलाव, जिससे काम ईमानदारी से हो और पुलिसवालों को आराम करने का भी वक्त मिले.
* पुलिस वालों को बॉडी कैमरा से लैस करेंगे और पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे.
* पुलिस में 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए.
* 50 फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरू किए जाएंगे.
* कॉलेजों में 85 फीसदी सीटें दिल्ली के बच्चों के लिए आरक्षित.
* दिल्ली के वोटर्स को 85 फीसदी नौकरियों में आरक्षण.
* ठेके के कर्मचारियों और गेस्ट टीचर्स को एक हफ्ते में पक्का करेंगे.
* हर तरफ फैले कूड़े को साफ करेंगे.
* 10 साल के अंदर दिल्लीवालों को सस्ती और आसान किस्तों पर घर दिलाएंगे.
* एंटी करप्शन ब्रांच को मोदी सरकार से वापस लेंगे, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा.
12 मई को दिल्ली में चुनाव होगा. अपना वोट डालने जाइए, लेकिन सिर्फ इन वादों को ही मत गिनिए, उसके साथ जुड़ा स्टार भी याद रखिए. ध्यान रखिए कि नियम व शर्तें लागू हैं. वोट देने के बाद पहले पूर्ण राज्य बनने का इंतजार करिएगा, ये नहीं कि आम आदमी पार्टी जीत गई तो लगे शोर मचाने कि वादे पूरे करो. इसी लिए तो पहले ही साफ कर दिया गया है वादे तभी पूरे होंगे, जब पूर्ण राज्य बनेगा. यानी अगर देखा जाए तो अरविंद केजरीवाल के मेनिफेस्टो में सिर्फ एक वादा है, वो ये कि 'जीतने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की पूरी कोशिश करेंगे.'
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