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Updated: 30 जुलाई, 2022 03:45 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Apology) ने अब लिखित तौर पर भी माफी मांग ली है. अपने लेटर हेड पर लिखा माफीनामा अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है - और मुलाकात के लिए समय भी मांगा है, ताकि सामने बैठ कर सफाई भी दे सकें.

अपने पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने लिखा है, ‘मैं आपको ये पत्र खेद जताने के लिए लिख रहा हूं कि गलती से मैने आपके लिए गलत शब्द का इस्तेमाल किया... ये जुबान फिसलने से कारण हुआ है... मैं माफी मांगता हूं - और आपसे आग्रह है कि आप इसे स्वीकार करें.’

ये तो बस इतना ही है. माफी वाले इस पत्र के जिक्र के साथ ही अधीर रंजन ने एक पत्र लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला को भी लिखा है. अधीर रंजन लोक सभा में विपक्ष के नेता हैं और राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मिलते जुलते मजमून के साथ अपनी तरफ से एक पत्र सभापति एम. वेंकैया नायडू को भी लिखा है.

अपनी चिट्ठी के जरिये अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिड़ला को ये समझाने की कोशिश की है कि वो तो अपनी गलती के लिए माफी मांग चुके हैं, लेकिन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का उनके मुकाबले कहीं ज्यादा अपमान किया है - लिहाजा स्मृति ईरानी पर भी राष्ट्रपति के अपमान के लिए कार्रवाई होनी चाहिये.

और ऐसी कार्रवाई सिर्फ राष्ट्रपति के अपमान के लिए ही नहीं, अधीर रंजन की मांग है, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के साथ दुर्व्यवहार के लिए भी होनी चाहिये - कांग्रेस नेता का कहना है कि सदन में स्मृति ईरानी की तरफ से इस्तेमाल किये गये शब्दों को भी कार्यवाही से हटाया जाये.

ऐसा पहले भी देखा गया है कि संसद में हंगामे के दौरान उलझने के बाद दोनों पक्ष स्पीकर के पास अपनी अपनी शिकायतें दर्ज कराते रहे हैं. जहां तक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बात है, अधीर रंजन चौधरी से पहले ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मिल आयी हैं. हालांकि स्मृति ईरानी की मुलाकात मंत्रियों की शिष्टाचार मुलाकात का हिस्सा रही है.

स्पीकर को लिखे पत्र के जरिये अधीर रंजन ने जिस तरीके से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अपनी माफी की बात दोहरायी है - ऐसा लगता है जैसे माफी से ज्यादा जोर अधीर रंजन का स्मृति ईरानी के खिलाफ शिकायत पर ही है.

कांग्रेस नेता की सफाई और शिकायतें

अधीर रंजन शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि उनसे गलती हो गयी है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन अक्सर ही ऐसी गलतियां करते हैं और फिर तत्काल प्रभाव से माफी भी मांग लेते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गंदी नाली से तुलना के बाद भी ऐसा ही किया था. फटाफट माफी मांग ली थी.

sonia gandhi, adhir ranjan chowdhury, smriti iraniकांग्रेस नेता अधीर रंजन ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि माफी मांग कर वो अपना काम पूरा कर चुके हैं, लेकिन अब चाहते संसद में राष्ट्रपति के अपमान के लिए स्मृति ईरानी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये.

माफी तो अधीर रंजन वैसे ही मांगते हैं जैसे कुछ लोग बात बात पर सॉरी बोलते रहते हैं. ये बात अलग है कि वो कितना सॉरी फील करते हैं कोई नहीं जान पाता. गनीमत बस ये है कि कुछ ऐसा वैसा बोलने से पहले अधीर रंजन चौधरी भला 'एक्सक्यूज मी' नहीं बोलते जैसे छींक आने से पहले बोलने की एक परंपरा सी बनी हुई है.

अधीर रंजन ने बड़ी चालाकी से एक भाषायी बहाना भी ढूंढ लिया है. बिलकुल वही ट्रिक जो कांग्रेस नेता मणिशंकर यादव अपनाते रहे हैं, मसलन 'मेरा हिंदी अच्छा नहीं है' टाइप और पल्ला झाड़ते हुए बच निकलने की कोशिश करते हैं.

हिंदी के नाम पर कब तक ऐसे बहाने चलेंगे: अधीर रंजन ने भी अपने बंगाली होने की दुहाई दी है. कहते हैं, मेरी मातृभाषा बांग्ला है, हिंदी ठीक से नहीं जानते.

इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में अधीर रंजन अपना पक्ष मजबूत करने के लिए दलील देते हैं, मेरी पार्टी की नेता भी एक महिला हैं... मैं महिलाओं का अनादर कैसे कर सकता हूं? मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी से निजी तौर पर मिलूंगा और माफी मांगूंगा... वो चाहें तो मुझे फांसी दे सकती हैं... मैं सजा भुगतने को तैयार हूं.'

हाल ही में एनडीटीवी से बातचीत के दौरान अधीर रंजन ये गलती कब और कैसे हुई, पूरा वाकया विस्तार से बता रहे थे, हम लोगों ने विजय चौक से राष्ट्रपति भवन की तरफ मार्च करने की कोशिश की... इस दौरान हमें हिरासत में ले लिया गया... उस वक्त किसी पत्रकार ने पूछा कि कहां जाना चाहते हैं तो मेरे मुंह से 'राष्ट्रपत्नी' निकल गया... ये चूक हो गई... बांग्ला भारतीय आदमी हूं, हिंदी भाषी तो हूं नहीं, मुंह से निकल गया... हमारे इरादे में कोई खोट नहीं थी... वो देश के सर्वोच्च पद पर हैं, हम उनका सम्मान करते हैं.'

जब भी सवाल होता है अधीर रंजन ये याद दिलाना नहीं भूलते की कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी भी महिला हैं, 'अगर हम महिलाओं की इज्जत नहीं कर सकते तो अपनी पार्टी अध्यक्ष की बात सुन कर हम कैसे चलते हैं?'

स्मृति ईरानी पर राष्ट्रपति के अपमान का आरोप: स्पीकर को भेजी अपनी शिकायत में अधीर रंजन ने स्मृति ईरानी पर आरोप लगाया है कि जब वो कांग्रेस नेतृत्व से माफी की मांग कर रही थीं तो राष्ट्रपति के लिए आदरसूचक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया.

अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि संसद में स्मृति ईरानी का व्यवहार देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान द्रौपदी मुर्मू को नीचा दिखाने जैसा है, लिहाजा कार्रवाई तो उनके खिलाफ भी बनती है.

अधीर रंजन चौधरी का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सदन में अपने संबोधन के दौरान चिल्लाते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नाम लिया था - और राष्ट्रपति के नाम से पहले 'मैडम' या 'श्रीमती' जैसे सम्मानसूचक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया.'

स्पीकर को लिखे पत्र में अधीर रंजन कहते हैं, 'मैं ये भी बताना चाहूंगा कि जिस तरह से श्रीमती स्मृति ईरानी सदन में माननीय राष्ट्रपति महोदया का नाम ले रही थीं, वो उचित नहीं था... वो माननीय राष्ट्रपति या मैडम या श्रीमती जैसे आदरसूचक शब्दों का इस्तेमाल किये बगैर बार-बार द्रौपदी मुर्मू बोल कर चिल्ला रही थीं.'

अधीर रंजन ने लोक सभा स्पीकर ओम बिड़ला से मांग की है कि श्रीमती स्मृति ईरानी के उन शब्दों को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से निकाल दिया जाये. ऐसा किया जाना एक तरीके की सजा ही है, भले ही वो मामूली या प्रतीकात्मक क्यों न हो.

राज्य सभा सभापति से भी शिकायत हुई है: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नेता, सदन पीयूष गोयल ने राज्य सभा में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का नाम लिया जबकि वो उस सदन की सदस्य नहीं हैं. सोनिया गांधी संसद में रायबरेली लोक सभा का प्रतिनिधित्व करती हैं.

उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं, 'आप स्वयं संसदीय प्रक्रियाओं और परंपराओं से अच्छी तरह अवगत हैं. ये परिपाटी रही है कि इस सदन में दूसरे सदन या उसके सदस्यों के बारे में उल्लेख या आलोचनात्मक टिप्पणी नहीं की जाती.'

मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति से आग्रह किया है कि वो दोनों केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल को कहें कि वे संसदीय प्रक्रियाओं के उल्लंघन के लिए माफी मांगें. साथ ही, सभापति से मल्लिकार्जुन खड़गे की गुजारिश है कि सोनिया गांधी के संदर्भ में निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल की टिप्पणियों को कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटाया जाये.

इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को अलग तरीके से घेरा है. कांग्रेस प्रवक्ता के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी वैसे ही अपमान किया गया था जिसे लेकर बीजेपी नेता बवाल मचाये हुए हैं.

सोनिया गांधी से दुर्व्यवहार क्यों?

अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर को लिखे पत्र में संसद में सोनिया गांधी से माफी मांगे जाने और अन्य अपमानजनक व्यवहार की तरफ भी इशारा किया है.

अधीर रंजन का कहना है कि उनकी टिप्पणी पर अनावश्यक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम घसीटा गया. लिखते हैं, सदन के भीतर कार्यवाही के बाद जिस तरह एक वरिष्ठ सांसद और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बर्ताव किया गया संसद की गरिमा को गिराता है।.

अधीर रंजन का इशारा उस वाकये की तरफ है जिसमें सोनिया गांधी और स्मृति ईरानी के बीच हुई नोंक झोंक की खबर आयी थी. दरअसल, सोनिया गांधी अपनी बात कहने और वस्तुस्थिति जानने के लिए बीजेपी सांसद रमा देवी के पास पहुंची थीं. रमा देवी स्पीकर पैनल में हैं और बीच बीच में कार्यवाही की अध्यक्षता भी करती हैं. जब सोनिया गांधी उनके पास पहुंची थीं तभी स्मृति ईरानी ने भी धावा बोल दिया और दोनों के बीच थोड़ी गर्मागर्म बहस भी हुई थी.

"मैं अनाथ नहीं हूं": एक इंटरव्यू में अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सपोर्ट को लेकर अपने तरीके से खुशी का इजहार किया है - और सोनिया गांधी से संसद में मिले सपोर्ट को अपने लिए सबसे बड़ा दिन बताया है.

अधीर रंजन की शिकायत है कि संसद में स्मृति ईरानी ने उनका नाम लेकर हमला किया, लेकिन जवाब देने के लिए समय मांगने पर भी उनको मौका नहीं मिला. कहते हैं कि स्पीकर से भी रिक्वेस्ट की कि आरोपों का जवाब देने की अनुमति दी जाये.

और इसी क्रम में वो सोनिया गांधी के कदम की खुले दिल से सराहना करते हैं. याद दिलाते हैं कि सोनिया गांधी स्पीकर के पास गयीं और बोलीं कि अधीर रंजन को जवाब देने का मौका दिया जाना चाहिये - और ऐसा कहते कहते अधीर रंजन इमोशनल हो जाते हैं, 'ये मेरे संसदीय कॅरियर का बेहद महत्‍वपूर्ण दिन था... मुझे लगा कि मैं अनाथ नहीं हूं…सोनिया गांधी में मेरी गार्जियन हैं.'

अधीर रंजन अच्छी तरह समझ चुके हैं कि वो कांग्रेस की लगातार फजीहत कराने लगे हैं - और इस बार तो हद ही हो गयी, सोनिया गांधी को भी घसीट लिया गया और अधीर के बयान के लिए माफी मांगने के लिए कहा जाने लगा - ऐसा करके वो दरअसल अपने खिलाफ एक्शन से बचने की कोशिश कर रहे हैं. मतलब, एक ही नहीं तमाम गलतियों का एहसास अधीर रंजन को धीरे धीरे होने लगा है.

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लेखक

मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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