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Updated: 22 फरवरी, 2018 04:25 PM
गिरिजेश वशिष्ठ
गिरिजेश वशिष्ठ
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दिल्ली में संवैधानिक संकट के मामले में कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो बार-बार आपके दिमाग को कुरेद रही होंगी. ये सवाल ऐसे हैं जो बार-बार दिमाग में आ ही रहे होंगे. हालांकि, इनमें से कुछ सवाल आम आदमी पार्टी पूछ चुकी है, लेकिन कोई भी जवाब आया नहीं है, इसलिए सवाल अनुत्तरित हैं.

सवाल नंबर- 1

वो कौन सी अर्जेंट मीटिंग थी, जिसके लिए मुख्य सचिव, केजरीवाल, सिसोदिया और अन्य विधायक आधी रात को भी मीटिंग करने को तैयार थे. कही एजेंडा, विज्ञापन और राशन कार्ड के अलावा तीसरा तो नहीं था, जिसे दोनों पक्ष छिपा रहे हैं?

सवाल नंबर- 2

दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि उन्हें कई जगह चोटें आई हैं. चेहरे पर सूजन के निशान हैं और उनके होठ के पास एक सेंटीमीटर लंबा और आधा सेंटीमीटर चौड़ा कट लगा है. इसके अलावा उनके कान के पास सूजन है. सवाल ये है कि इतनी बड़ी चोट लगने के बावजूद चीफ सेक्रेटरी वीडियो में आराम से फाइल हाथ में लेकर घर जाते क्यों दिख रहे हैं? इतनी चोट वाले शख्स ने एक बार भी अपने हाथ से चोट को दबाने की कोशिश क्यों नहीं की?

अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी, मनीष सिसोदिया, दिल्ली

सवाल नंबर- 3

दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी रात 12 बजे केजरीवाल के घर गए थे और सात मिनट में ही ऐसा क्या हो गया कि मामला इतनी तगड़ी मारपीट में बदल गया? उनके सिर में चोटें कैसे आ गईं? जब झगड़ा इतना तेज़ी से बढ़ता है तो माहौल बेहद गर्म होता है. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसी हालत में सहज नहीं रहा जा सकता. मुख्य सचिव ने इतना सब होने पर भी न तो पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया न ही कोई सहायता ली. वो अस्पताल भी नहीं गए. बल्कि इतने गंभीर और दर्द भरे घाव होने पर भी दूसरे दिन शाम को मेडिकल जांच क्यों करवाई गई?

सवाल नंबर- 4

मुख्य सचिव ने पुलिस को सूचना देने के लिए दूसरे दिन दोपहर तक का इंतज़ार क्यों किया? उन्होंने हाल की हाल पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी? मुख्य सचिव से पहले प्रकाश जरवाल और अजय दत्त ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी, लेकिन वो प्लानिंग करते रहे.

सवाल नंबर- 5

दिल्ली सचिवालय में आशीष खेतान और मंत्री इमरान हुसैन से मारपीट हुई. इसका वीडियो भी सामने आया लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ क्यों? अचानक दिल्ली सचिवालय में इतनी बड़ी हिंसक भीड़ कैसे इकट्ठा हो गई? क्या मुख्य सचिव के समर्थक अधिकारियों को कानून पर भरोसा नहीं था? अगर था तो पीटने वालों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?

सवाल नंबर- 6

अगर मुख्यसचिव इतनी बुरी तरह घायल हुए थे तो घटना के पहले 24 घंटों में उनकी कई तस्वीरें खींची गईं, लेकिन एक में भी वो पट्टी बांधे दिखाई नहीं दिए. यहां तक कि कई अखबारों ने तस्वीरें छापीं, लेकिन उनमें सूजन दिखाई नहीं दे रही.

सवाल नंबर- 7

मुख्य सचिव के साथ मारपीट का प्लान सुनियोजित था तो वो क्या वजह हो सकती है जिसके कारण इतनी बड़ी साजिश रचनी पड़ी? बिना निहित स्वार्थों के कोई इतना बड़ा कदम नहीं उठा सकता.

सवाल नंबर- 8

रात 12 बजे मुख्य सचिव बैठक के लिए केजरीवाल के घऱ गए थे. सात मिनट दस सैकेन्ड बाद ही वो बाहर आ गए. इस बीच ऐसा क्या हुआ कि मारपीट की नौबत आ जाए?

अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी, मनीष सिसोदिया, दिल्ली

सवाल नंबर- 9

अगर मारपीट हुई थी तो मामले के इकलौते गवाह वीके जैन ने मारपीट की बात से इनकार क्यों किया? उन्होंने तीन घंटे की पूछताछ के बावजूद पुलिस को मारपीट की बात क्यों नहीं बताई?

सवाल नंबर- 10

प्रकाश जरवाल और अजय दत्त ने मामले की शिकायत दर्ज करने के लिए दूसरे दिन सुबह तक इंतज़ार क्यों किया? क्यों उन्होंने दुर्व्यवहार और जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल की शिकायत मुख्य सचिव के सक्रिय होने तक नहीं की?

अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी, मनीष सिसोदिया, दिल्ली

सवाल नंबर- 11

मीटिंग बुलाने के लिए रात 10 दस बजे (खुद आप ने ये समय बताया है) का समय क्यों मुकर्रर किया गया? ऐसा कौन सा ज़रूरी फैसला था जो दूसरे दिन करने पर मुसीबत आ जाती?

सवाल नंबर- 12

विज्ञापन इतना महत्वपूर्ण विषय था कि आधी रात को मीटिंग करने के लिए चीफ सेक्रेटरी पूरे उत्साह के साथ पहुंच गए?

हालात ऐसे हैं कि दोनों में से कोई भी ऐसा पक्ष नहीं है जिस पर आंख बंद करके विश्वास किया जाए. जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होती, सही निष्कर्ष सामने आने की गुंजाइश कम ही है.

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लेखक

गिरिजेश वशिष्ठ गिरिजेश वशिष्ठ @girijeshv

लेखक दिल्ली आजतक से जुडे पत्रकार हैं

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