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Updated: 21 दिसम्बर, 2017 06:50 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
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'भूतपूर्व' 2G Scam एक ऐसा कथित घोटाला है जो हमेशा विपक्ष का ही हथियार बना है. पहले विपक्ष में रहते बीजेपी ने इसे हथियार बनाया और अब विपक्षी कांग्रेस के हाथ लगा है. सीबीआई कोर्ट के फैसले में ए राजा और कनिमोझी सहित सभी आरोपियों के बरी हो जाने के बाद अब कांग्रेस सत्ताधारी बीजेपी पर हमलावर है.

जीरो लॉस तो 'जीरो स्कैम' हो गया

2014 के चुनाव में घोटाले यूपीए के लिए ताबूत की कीलें साबित हुए. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस और यूपीए में उसके सहयोगी मुहं छिपाते फिरे. 2G घोटाला, CWG घोटाला और कोयला घोटाला - घोटालों की यही फेहरिस्त दिखा कर बीजेपी लगातार हमलावर रही. नतीजा ये हुआ बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गयी और कांग्रेस 44 पर सिमट गयी.

kanimozhi, rajaएक जीरो स्कैम!

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संसद में कहा कि जिस घोटाले के कारण हमारी सरकार गई, वो घोटाला तो हुआ ही नहीं. अब कांग्रेस इस मसले पर बीजेपी से जवाब मांग रही है.

कोर्ट के फैसले को कपिल सिब्बल कांग्रेस की नैतिक जीत बता रहे हैं और बीजेपी को देश से माफी मांगने की सलाह दे रहे हैं. सरकार की ओर से मीडिया के सामने आये अरुण जेटली का कहना है कि कोर्ट के फैसले से ये नहीं साबित होता कांग्रेस खुद को बेकसूर बताये.

2जी घोटाले को लेकर कपिल सिब्बल उस वक्त 'जीरो लॉस थ्योरी' लेकर आये थे - फैसला आने के बाद अब तो लगता है ये 'जीरो स्कैम' में तब्दील हो गया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकारी वकील ये साबित नहीं कर पाये कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ था.

तब कपिल सिब्बल का कहना था - '2G स्पेक्ट्रम घोटाले में किसी तरह का लेन देन नहीं हुआ था. ना ही सरकार को कोई राजस्व हानि हुई. नीलामी के संबंध में कोई नीति नहीं थी, इसीलिए इसमें नुकसान होने का भी सवाल नहीं था. 2जी स्पेक्ट्रम ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर बांटी गई थी, ये नीति एनडीए सरकार की थी.'

कपिल सिब्बल की इस थ्योरी की काफी आलोचना हुई थी - और पिछले आम चुनाव में एक तरह से ये चुनाव प्रचार का ट्रेंडिंग टॉपिक रहा. अब कपिल सिब्बल का कहना है कि कोर्ट के फैसले ने उनकी थ्योरी को सच साबित कर दिया है, जिसमें उन्होंने समझाया था कि राजस्व का कोई नुकसान हुआ ही नहीं. अब सिब्बल तत्कालीन CAG विनोद राय को टारगेट कर रहे हैं, कहते हैं, 'विनोद राय ने साजिश की थी. जब मैंने जीरो लॉस की बात कही थी तो मेरी तत्कालीन विपक्ष ने जमकर आलोचना की थी. अब कोर्ट ने मेरी बात पर मुहर लगा दी तो विनोद राय के पास अब कहने को कुछ नहीं बचा.'

सफेदी से भी ज्यादा सफेद!

'दाग से कुछ अच्छा हो तो दाग अच्छे हैं...' और 'सफेदी से भी ज्यादा सफेद' विज्ञापन की ये दो लाइनें इस केस में काफी प्रासंगिक लगती है. पहली बात तो ये कि 2जी सहित तमाम घोटालों के दाग यूपीए पर लगे, अगुवाई कर रही कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गयी - लेकिन इन सब के दौरान प्रधानमंत्री रहते हुए भी मनमोहन सिंह बेदाग बने रहे.

manmohan singhवो 'रेनकोट' जो था ही नहीं!

मनमोहन के बेदाग बने रहने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राज्य सभा में तंज भरी टिप्पणी में तस्दीक की - ''इतने सारे घोटाले हुए...हम लोग डॉ साहब से काफी कुछ सीख सकते हैं. इतना कुछ हुआ, लेकिन उनके दामन पर एक भी दाग नहीं लगा. बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की ये कला तो डॉक्टर साहब से ही सीखी जा सकती है.''

कांग्रेस नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया. राहुल गांधी ने भी इसे पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान के साथ साथ संसद और राष्ट्र के सम्मान पर आघात बताया था.

2जी घोटाले पर फैसला ऐसे दौर में आया है जब कांग्रेस मनमोहन पर मोदी की टिप्पणी को लेकर माफी की मांग पर अड़ी हुई है. अव्वल तो मनमोहन सिंह पर किसी घोटाले के दाग लगे नहीं, अब जबकि पूर्व दूर संचार मंत्री ए राजा और कनिमोई सहित सारे आरोपी बरी हो गये हैं, जाहिर है मनमोहन सिंह का दामन निश्चित रूप से सफेदी से भी ज्यादा सफेद चमकने लगा है. फिर तो कह ही सकते हैं - ऐसे दाग अच्छे हैं.

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मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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