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जियो को हराने के लिए वोडाफोन-आईडिया का महागठबंधन !

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 20 मार्च, 2017 04:30 PM
  • 20 मार्च, 2017 04:30 PM
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जैसे भाजपा विजय रथ पर सवार है वैसे ही जियो भी छाया हुआ है. लेकिन बिहार में जैसे महागठबंधन ने भाजपा को हराया था वैसी ही योजना वोडाफोन और आईडिया ने बनाई है.

बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी है. 2014 लोकसभा चुनाव, फिर अब यूपी चुनाव की महाजीत के बाद बीजेपी का विजय रथ रुकता नजर नहीं आ रहा है. उसी तरह मुकेश अंबानी ने सितंबर में जियो को लॉन्च किया था. उसके मुफ्त ऑफर से कंपनी को जबर्दस्‍त उछाल मिली. और लगभग हर फोन में एक जियो सिम वाली स्थिति आ गई. लोगों ने फ्री डाटा और कॉल्स का जमकर फायदा उठाया. लेकिन, जियो का यह मुफ्त ऑफर 31 मार्च को खत्‍म होने जा रहा है. लिहाजा, आगे की लड़ाई में जियो को धूल चटाने की कसम खाई है वोडाफोन और आईडिया ने.

जियो को हराने के लिए आईडिया और वोडाफोन का महागठबंधन हुआ है. जैसे बिहार चुनावों में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर बीजेपी को हराया था. शायद इसी फॉर्मूले के साथ दोनों कंपनियों ने हाथ मिलाकर जियो को हराने का प्लान बनाया है और माना जा रहा है कि विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी. आइए जानते हैं कैसे जियो को हराने की तैयारी कर सकती हैं दोनों कंपनियां...

DTH वर्ल्ड में उतरा जियो... अब आईडिया-वोडाफोन की बारी?

रिलायंस जियो अपना ब्रॉडबैंड शुरू कर चुका है और जल्द ही डीटीएच में भी प्रवेश करने वाला है, यही कारण है कि जियो से टक्कर लेने के लिए आइडिया-वोडाफोन के विलय से बनी कंपनी इन क्षेत्रों में भी हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश करेगी. बता दें, मौजूदा समय में एयरटेल टेलिकॉम सेवा के अलावा ब्रॉडबैंड और डीटीएच के क्षेत्र में भी अपनी सेवा दे रहा है.

कॉल्स हो सकते हैं सस्ते या फ्री

जियो की तरफ से लुभावने ऑफर्स के चलते ज्यादा से ज्यादा ग्राहक उसकी और आकर्षित हो रहे...

बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी है. 2014 लोकसभा चुनाव, फिर अब यूपी चुनाव की महाजीत के बाद बीजेपी का विजय रथ रुकता नजर नहीं आ रहा है. उसी तरह मुकेश अंबानी ने सितंबर में जियो को लॉन्च किया था. उसके मुफ्त ऑफर से कंपनी को जबर्दस्‍त उछाल मिली. और लगभग हर फोन में एक जियो सिम वाली स्थिति आ गई. लोगों ने फ्री डाटा और कॉल्स का जमकर फायदा उठाया. लेकिन, जियो का यह मुफ्त ऑफर 31 मार्च को खत्‍म होने जा रहा है. लिहाजा, आगे की लड़ाई में जियो को धूल चटाने की कसम खाई है वोडाफोन और आईडिया ने.

जियो को हराने के लिए आईडिया और वोडाफोन का महागठबंधन हुआ है. जैसे बिहार चुनावों में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर बीजेपी को हराया था. शायद इसी फॉर्मूले के साथ दोनों कंपनियों ने हाथ मिलाकर जियो को हराने का प्लान बनाया है और माना जा रहा है कि विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन जाएगी. आइए जानते हैं कैसे जियो को हराने की तैयारी कर सकती हैं दोनों कंपनियां...

DTH वर्ल्ड में उतरा जियो... अब आईडिया-वोडाफोन की बारी?

रिलायंस जियो अपना ब्रॉडबैंड शुरू कर चुका है और जल्द ही डीटीएच में भी प्रवेश करने वाला है, यही कारण है कि जियो से टक्कर लेने के लिए आइडिया-वोडाफोन के विलय से बनी कंपनी इन क्षेत्रों में भी हिस्सेदारी हासिल करने की कोशिश करेगी. बता दें, मौजूदा समय में एयरटेल टेलिकॉम सेवा के अलावा ब्रॉडबैंड और डीटीएच के क्षेत्र में भी अपनी सेवा दे रहा है.

कॉल्स हो सकते हैं सस्ते या फ्री

जियो की तरफ से लुभावने ऑफर्स के चलते ज्यादा से ज्यादा ग्राहक उसकी और आकर्षित हो रहे हैं. वहीं एयरटेल भी अपने ग्राहकों को दूर न जाने देने के लिए नए-नए प्लान्स ला रहा है. विलय के बाद सबसे बड़ी कंपनी बन जाने की वजह से कंपनी के ग्राहकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो गई है, जिसके चलते लागत घटेगी और उसका फायदा ग्राहकों को सस्ती कॉल्स के रूप में मिल सकता है या फिर आईडिया और वोडाफोन जियो की तरह फ्री डाटा और कॉल्स की सुविधा भी दे सकता है जिससे जियो के ग्राहक टूटकर फिर इनके पास आ सकते हैं.

बढ़ेगी यूजर्स की संख्या

वहीं सब्सक्राइबर्स के मामले में भी दोनों के नंबर यूजर्स में बढ़ोतरी होगी. वोडाफोन इंडिया के अभी 20 करोड़ कस्टमर्स हैं. वहीं आइडिया के पास 18 करोड़ कस्टमर्स हैं. दोनों मिल जाएंगे तो वे यूजर्स के मामले में भी देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएंगे. एयरेटल अभी नंबर वन है जिसके पास 26.34 करोड़ यूजर्स हैं.

जियो फ्री लेकिन नेटवर्क खराब, ऐसे में मिल सकता है दोनों को फायदा

मौजूदा समय में भले ही रिलायंस जियो सस्ते कॉल और डेटा का ऑफर दे रहा हो, लेकिन खराब नेटवर्क के चलते लोग जियो को सिर्फ एक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. आइडिया और वोडाफोन के विलय की वजह से दोनों ही कंपनियों का नेटवर्क भी आपस में मिलेगा, जिसकी वजह से कंपनी का कवरेज और अधिक अच्छा हो जाएगा.

बीजेपी जैसे विजय के रथ पर सवार है वैसे ही जियो अभी हर मामले में आगे है... ऐसे में ये गठबंधन इसे हराने में कामयाब हो या नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा...

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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