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रिलायंस जियो के बारे में वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं...

    • आईचौक
    • Updated: 01 सितम्बर, 2016 05:29 PM
  • 01 सितम्बर, 2016 05:29 PM
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क्या आप अब भी भरोसा कर पा रहे हैं मोबाइल इंटरनेट इस हद तक सस्ता हो सकता है ? क्या वो दिन लद गए जब हमें अपना इंटरनेट डाटा बचाने के लिए उसे बंद रखना पड़ता था ? रिलायंस जियो के बारे में वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं...

करीब 13 साल पहले जब धीरूभाई अंबानी 'कर लो दुनिया मुट्ठी में' के स्लोगन के साथ सेलुलर कारोबार में उतरे तो वो एक तरह से भारत में मोबाइल क्रांति की शुरुआत थी. और अब शायद जमाना इंटरनेट क्रांति का है. ज्यादा दिन नहीं हुए जब कॉल ड्रॉप का मुद्दा हर जगह छाया हुआ था. मंत्रालय से लेकर तमाम मोबाइल कंपनी तक सवालों के घेरे में थे. लेकिन कॉल ड्रॉप का क्या हुआ, ये तो नहीं मालूम लेकिन अब बात 4G की होने लगी है.

रिलायंस जियो की एंट्री ने टेलीकॉम सेक्टर के पूरे गणित और बहस को बदल कर रख दिया है. क्या आप अब भी भरोसा कर पा रहे हैं मोबाइल इंटरनेट इस हद तक सस्ता हो सकता है. क्या वो दिन लद गए जब हमें अपना इंटरनेट डाटा बचाने के लिए उसे बंद रखना पड़ता था? सवाल ये भी अहम है कि मुकेश अंबानी ने रियालंय मोबाइल सर्विस को लेकर जो घोषणाएं की हैं, उसका स्मार्टफोन, इंटरनेट की दुनिया और सेलुलर कारोबार में मौजूद दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स पर क्या असर होगा? साथ ही ये भी जानिए कि रिलायंस जियो में क्या खास है..

बढ़ेगी स्मार्टफोन की मांग :

इसी साल की शुरुआत में ये बात सामने आई थी कि स्मार्टफोन के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है. फरवरी के एक आंकड़े के अनुसार यहां स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या 20 करोड़ से भी ज्यादा है. लेकिन ये साल खत्म होते-होते इनकी संख्या 40 करोड़ से आस-पास पहुंच जाएगी. यही नहीं, 20 से ज्यादा मोबाइल कंपनियां यहां भारत में पार्ट एसेंबलिंग का काम करती हैं और 150 से ज्यादा स्मार्टफोन ब्रैंड्स अपने उत्पाद यहां बेच रहे हैं.

 जियो से बदलेगा मोबाइल का बाजार

जाहिर है जियो के आगमन के साथ इस बाजार में...

करीब 13 साल पहले जब धीरूभाई अंबानी 'कर लो दुनिया मुट्ठी में' के स्लोगन के साथ सेलुलर कारोबार में उतरे तो वो एक तरह से भारत में मोबाइल क्रांति की शुरुआत थी. और अब शायद जमाना इंटरनेट क्रांति का है. ज्यादा दिन नहीं हुए जब कॉल ड्रॉप का मुद्दा हर जगह छाया हुआ था. मंत्रालय से लेकर तमाम मोबाइल कंपनी तक सवालों के घेरे में थे. लेकिन कॉल ड्रॉप का क्या हुआ, ये तो नहीं मालूम लेकिन अब बात 4G की होने लगी है.

रिलायंस जियो की एंट्री ने टेलीकॉम सेक्टर के पूरे गणित और बहस को बदल कर रख दिया है. क्या आप अब भी भरोसा कर पा रहे हैं मोबाइल इंटरनेट इस हद तक सस्ता हो सकता है. क्या वो दिन लद गए जब हमें अपना इंटरनेट डाटा बचाने के लिए उसे बंद रखना पड़ता था? सवाल ये भी अहम है कि मुकेश अंबानी ने रियालंय मोबाइल सर्विस को लेकर जो घोषणाएं की हैं, उसका स्मार्टफोन, इंटरनेट की दुनिया और सेलुलर कारोबार में मौजूद दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स पर क्या असर होगा? साथ ही ये भी जानिए कि रिलायंस जियो में क्या खास है..

बढ़ेगी स्मार्टफोन की मांग :

इसी साल की शुरुआत में ये बात सामने आई थी कि स्मार्टफोन के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है. फरवरी के एक आंकड़े के अनुसार यहां स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या 20 करोड़ से भी ज्यादा है. लेकिन ये साल खत्म होते-होते इनकी संख्या 40 करोड़ से आस-पास पहुंच जाएगी. यही नहीं, 20 से ज्यादा मोबाइल कंपनियां यहां भारत में पार्ट एसेंबलिंग का काम करती हैं और 150 से ज्यादा स्मार्टफोन ब्रैंड्स अपने उत्पाद यहां बेच रहे हैं.

 जियो से बदलेगा मोबाइल का बाजार

जाहिर है जियो के आगमन के साथ इस बाजार में आग लगना तय है. इसमें भी खासकर 4G सपोर्ट करने वाले मोबाइल सेट्स की मांग को लेकर. शुरुआत में जियो को लेकर यही बात हुई कि ये केवल रिलायंस हैंडसेट पर काम करेगा. लेकिन अब साफ हो चुका है कि तकरीबन हर 4G स्मार्टफोन पर जियो काम कर रहा है.

3G पर पड़ेगी बड़ी मार !

रिलांयस जियो ने 4G को लेकर एक जबरदस्त उत्साह लोगों में जगा दिया है. अच्छी स्पीड और सस्ते दाम का फायदा भला कौन नहीं लेना चाहेगा. जानकारों के मुताबिक 4G को लेकर जो उत्साह बना है, उसका नुकसान 3G को होगा. दरअसल, भारत में 3G नेटवर्क की शुरुआत और उसकी यात्रा बहुत धीमी रही. एक कारण स्मार्टफोन और 3G सुविधाओं का महंगा होना भी रहा. नतीजा ये रहा कि जब तक पूरे भारत में जब तक पैर पसार पाता, दुनिया के कई बड़े देश 4G या उससे आगे की बात करने लगे.

यह भी पढ़ें- रिलायंस जियो के लिए मोबाइल उपभोक्ता के ‘मन की बात’

इधर भारत में 3G को लेकर जो उम्मीद सर्विस प्रोवाइडर्स ने लगाए थे, वो भी पूरी नहीं हो सकीं. बहरहाल, जियो के आगमन के बाद दूसरी कंपनियां भी अपने रेट कम करेंगी और और इसका सीधा असर 3G पर पड़ेगा. इसलिए संभव है कि भारत में 2G+4G का कॉम्बिनेशन काम करे और कंपनिया 3G को अलविदा कह दें.

सर्विस प्रोवाइर्स के बीच जंग !

रिलांयस जियो ने जो पहल की है. उसका असर दिखना शुरू हो गया है. जियो के चलते कंपनियां अपने डाटा पैक के दाम कम करने में जुट गई हैं. उदाहरण के तौर पर एयरटेल को लीजिए. कंपनी ने अपने 4G इंटरनेट टैरिफ में जबरदस्त कटौती की है. एयरटेल ने अब 51 रुपये में एक जीबी का प्लान बेचने की घोषणा कर दी है. यही नहीं, जंग इंटरनेट स्पीड को लेकर भी है.

यह भी पढ़ें- 13 साल बाद रिलायंस ने फिर हिला दी मोबाइल की दुनिया

एयरटेल ने एडवांस्ड 4G के तहत 135Mbps स्पीड देने का ऐलान किया है. यह सेवा फिलहाल मुंबई और केरल में है लेकिन जल्द ही पूरे देश में भी इसे शुरू किया जाएगा.

ऑक्शन के बाद बदलेगी तस्वीर

ये बात सही है कि फिलहाल एयरटेल और जियो ही एकदूसरे के आमने-सामने हैं. वोडाफोन या आइडिया अभी काफी पीछे हैं. लेकिन इस साल के आखिर-आखिर तक तस्वीर और बदलेगी. उम्मीद की जा रही है कि इस साल के आखिर में 4G बैंड्स के लिए ऑक्शन होना है. वोडाफोन और आइडिया भी इसके लिए तैयार हो रहे हैं.

जानिए, रिलायंस जियो की खास बातें-

1. जियो अपनी सर्विस की शुरुआत 5 सितंबर से करेगा और कंपनी का कमर्शियल लॉन्च 31 दिसंबर को है. यानी 31 दिसंबर तक इसका इस्तेमाल फ्री होगा. इसके बाद एक जीबी डाटा के लिए 50 रुपये चुकाने होंगे. यह दुनिया का सबसे सस्ता प्लान होगा.

2. जियो पर वॉयस कॉलिंग फ्री होगी. इस पर किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लगेगा.

3. देशभर में रोमिंग फ्री सेवा मिलेगी. यही नहीं जियो पर SMS पर भी कोई पैसा नहीं लगेगा. इटरनेशनल रोमिंग की दरें भी दूसरी कंपनियों के मुकाबले सस्ती होंगी.

4. जियो से जुड़े एप्प की सेवाएं 31 दिसंबर, 2017 तक फ्री रहेंगे. इसमें जियो म्यूजिक, मैग्जीन, जियो पेपर वीडियो ऑन डिमांड जैसी सेवाएं शामिल हैं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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