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जियो की स्पीड में नहीं है जान, एयरटेल है सबसे तेज

    • सुशांत तलवार
    • Updated: 01 अगस्त, 2017 03:13 PM
  • 01 अगस्त, 2017 03:13 PM
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रोजाना 4जी डाउनलोड स्पीड 3.9 एमबीपीएस है जबकि उसके प्रतिद्वंदियों के 4जी की स्पीड जियो से 13 गुणा ज्यादा यानी औसतन 50 एमबीपीएस है. स्पीड के मामले में पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देश भी हमसे कहीं आगे हैं !

रिलायंस जिओ ने हाल ही में 12 करोड़ 50 लाख ग्राहकों की संख्या को छू लिया. जियो के चेयरमैन मुकेश अंबानी के अनुसार कंपनी अपने 'बेहतरीन 4जी वोल्टे' नेटवर्क का फायदा पा रही है और आने वाले दिनों में और लाखों लोगों को अपने साथ जोड़ेगी. हालांकि लंदन स्थित ओपन सिग्नल नाम की फर्म जो दुनिया भर में मोबाइल नेटवर्क की गुणवत्ता और कवरेज के मानक तय करकी है के ताजा रिपोर्ट को मानें तो जियो का नेटवर्क सिर्फ पेपर पर ही श्रेष्ठ साबित हो रहे हैं. क्योंकि जियो का 4 जी एलटीई स्पीड भारत में औसत के हिसाब से सबसे धीमा है.

ओपन सिग्नल की नई पीक स्पीड मेट्रिक टेस्ट से एकत्र आंकड़ों के अनुसार जियो की रोजाना 4जी डाउनलोड स्पीड 3.9 एमबीपीएस है जबकि उसके प्रतिद्वंदियों के 4जी की स्पीड जियो से 13 गुणा ज्यादा यानी औसतन 50 एमबीपीएस है. इसके उलट जियो की मुख्य प्रतिद्वंदी एयरटेल 56.6 एमबीपीएस की औसत स्पीड देती है जबकि जियो की औसत 4 जी डाउनलोड स्पीड एयरटेल से पांच गुना कम सिर्फ 11.5 एमबीपीएस की ही है. वहीं वोडाफोन और आइडिया दोनों ही कंपनियों 9 एमबीपीएस की औसत डाउनलोड स्पीड के साथ मुकेश अंबानी के जियो की तुलना में ज्यादा विश्वसनीय साबित हैं.

3 जी से भी स्लो स्पीड

जियो में नहीं है जान

ये डाटा और भी कड़वी सच्चाई को सामने लाती है जब जियो के स्पीड की तुलना पुराने 3 जी प्लेटफॉर्म से होती है. इसके पहले अप्रैल में प्रकाशित का एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.8 लाख करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जियो की अत्याधुनिक 4 जी नेटवर्क का देश के 91.57 फीसदी भागों पर कब्जा है. अपने प्रतिद्वंदियों की तुलना में ये आंकड़ा काफी अधिक है, लेकिन जब गुणवत्ता की बात आती है ये एयरटेल के पुराने 3 जी नेटवर्क के बराबर भी नहीं ठहरता.

अपने प्रतिद्वंदियों के...

रिलायंस जिओ ने हाल ही में 12 करोड़ 50 लाख ग्राहकों की संख्या को छू लिया. जियो के चेयरमैन मुकेश अंबानी के अनुसार कंपनी अपने 'बेहतरीन 4जी वोल्टे' नेटवर्क का फायदा पा रही है और आने वाले दिनों में और लाखों लोगों को अपने साथ जोड़ेगी. हालांकि लंदन स्थित ओपन सिग्नल नाम की फर्म जो दुनिया भर में मोबाइल नेटवर्क की गुणवत्ता और कवरेज के मानक तय करकी है के ताजा रिपोर्ट को मानें तो जियो का नेटवर्क सिर्फ पेपर पर ही श्रेष्ठ साबित हो रहे हैं. क्योंकि जियो का 4 जी एलटीई स्पीड भारत में औसत के हिसाब से सबसे धीमा है.

ओपन सिग्नल की नई पीक स्पीड मेट्रिक टेस्ट से एकत्र आंकड़ों के अनुसार जियो की रोजाना 4जी डाउनलोड स्पीड 3.9 एमबीपीएस है जबकि उसके प्रतिद्वंदियों के 4जी की स्पीड जियो से 13 गुणा ज्यादा यानी औसतन 50 एमबीपीएस है. इसके उलट जियो की मुख्य प्रतिद्वंदी एयरटेल 56.6 एमबीपीएस की औसत स्पीड देती है जबकि जियो की औसत 4 जी डाउनलोड स्पीड एयरटेल से पांच गुना कम सिर्फ 11.5 एमबीपीएस की ही है. वहीं वोडाफोन और आइडिया दोनों ही कंपनियों 9 एमबीपीएस की औसत डाउनलोड स्पीड के साथ मुकेश अंबानी के जियो की तुलना में ज्यादा विश्वसनीय साबित हैं.

3 जी से भी स्लो स्पीड

जियो में नहीं है जान

ये डाटा और भी कड़वी सच्चाई को सामने लाती है जब जियो के स्पीड की तुलना पुराने 3 जी प्लेटफॉर्म से होती है. इसके पहले अप्रैल में प्रकाशित का एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.8 लाख करोड़ रुपये की लागत से निर्मित जियो की अत्याधुनिक 4 जी नेटवर्क का देश के 91.57 फीसदी भागों पर कब्जा है. अपने प्रतिद्वंदियों की तुलना में ये आंकड़ा काफी अधिक है, लेकिन जब गुणवत्ता की बात आती है ये एयरटेल के पुराने 3 जी नेटवर्क के बराबर भी नहीं ठहरता.

अपने प्रतिद्वंदियों के मुकाबले अधिक महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी होने के बावजूद जियो की औसत डाउनलोड स्पीड 3. 9 एमबीपीएस की ही है जबकि एयरटेल के 3जी की औसत गति 4.4 एमबीपीएस की है.

एयरटेल है बेस्ट

जियो इफेक्ट: भारत में 4जी की स्पीड पाकिस्तान से भी कम है

रिलायंस जियो क्रांति के बाद 4जी एलटीई नेटवर्क की उपलब्धता के मामले में भारत शीर्ष 15 देशों की सूची में शामिल हो गया है. लेकिन जैसे ही बात डाउनलोड स्पीड की आती है तो हम बहुत पीछे हैं.

सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद भारत 74वें स्थान पर है. यहां तक की पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देश भी हम से कहीं आगे हैं. ओपनसिग्नल की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में इंटरनेट की औसत गति 17.1 एमबीपीएस के मुकाबले हमारे यहां की औसत स्पीड 5.1 एमबीपीएस ही है.

लेकिन आखिर भारत में 4जी की स्पीड इतनी कम क्यों है?

ओपन सिग्नल के अनुसार नए 4जी इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद भारत में लोगों को ज्यादा स्पीड वाली इंटरनेट सुविधा दी जा सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है क्योंकि रोजाना जितना डाटा लोग यूज करते हैं उस हिसाब से हमने बदलाव नहीं किए. असली समस्या क्षमता में कमी है जिसे दूर करके कम स्पीड की समस्या से निजात पाया जा सकता है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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