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दुनिया के सबसे अमीर आदमी का फोन हैक होने के मायने

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 08 फरवरी, 2019 07:32 PM
  • 08 फरवरी, 2019 07:29 PM
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जेफ बेजोस को एक पत्रिका द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि जेफ के फोन की निजी तस्वीरें उस पत्रिका के पास हैं. पर सवाल ये है कि ये तस्वीरें उसके पास आई कहां से. क्या जेफ का फोन हैक हुआ है?

हैकिंग कहने को तो एक शब्द है, लेकिन इससे होने वाले नुकसान की भरपाई करना कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है. किसी आम इंसान का फोन हैक हो जाए तो उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है जैसे निजी जानकारी, मैसेज, तस्वीरें, बैंक अकाउंट, ईमेल डिटेल्स आदि सब कुछ लीक हो सकते हैं. ऐसे में एक बात सोचिए कि अगर दुनिया के सबसे अमीर इंसान का फोन हैक हो जाए तो?

यहां बात हो रही है जेफ बेजोस की जिनके तलाक की और अफेयर की खबरें पिछले कुछ महीनों से चर्चा का विषय बनी हुई हैं. दुनिया के सबसे अमीर आदमी से जुड़ा अगर कोई स्कैंडल सामने आता है तो उससे जुड़े कई लोगों की जिंदगी पर असर पड़ता है. अमेजन के मालिक जेफ बेजोस (Jeff Bezos) और उनकी गर्लफ्रेंड लॉरेन सांचेज (Lauren Sanchez) की निजी तस्वीरें उसी अमेरिकी मैग्जीन के पास पहुंच गई हैं जिसने जेफ और लॉरेन के अफेयर की खबर सार्वजनिक की थी.

दुनिया के सबसे अमीर इंसान को किया जा रहा है ब्लैकमेल

जेफ बेजोस ने नेशनल एन्क्वाइरर टैबलॉइड पर ब्लैकमेल और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. बेजोस का कहना है कि इस टैबलॉइड ने उनकी और उनकी गर्लफ्रेंड की अश्लील तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी दी है. धमकी में कहा गया है कि अगर जेफ ने उनकी बात नहीं मानी तो वो लोग ये तस्वीरें सार्वजनिक कर देंगे.

क्या वाकई जेफ बेजोस का फोन हैक हुआ है और उनकी तस्वीरें हैकिंग के जरिए नेशनल एनक्वाइरर के पास पहुंची हैं?

असल में जेफ बेजोस इस बात की जांच कर रहे थे कि नेशनल एन्क्वाइरर के पास उनकी निजी तस्वीरें कहां से आईं और क्या इस खुलासे के पीछे सरकार का हाथ है? ये सवाल बहुत अहम है क्योंकि जेफ और उनके वकील ने AMI (अमेरिकन मीडिया inc) पर गलत तरह से जर्नलिज्म के लिए मिले विशेष अधिकारों का फायदा उठाने का आरोप लगाया था और...

हैकिंग कहने को तो एक शब्द है, लेकिन इससे होने वाले नुकसान की भरपाई करना कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है. किसी आम इंसान का फोन हैक हो जाए तो उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है जैसे निजी जानकारी, मैसेज, तस्वीरें, बैंक अकाउंट, ईमेल डिटेल्स आदि सब कुछ लीक हो सकते हैं. ऐसे में एक बात सोचिए कि अगर दुनिया के सबसे अमीर इंसान का फोन हैक हो जाए तो?

यहां बात हो रही है जेफ बेजोस की जिनके तलाक की और अफेयर की खबरें पिछले कुछ महीनों से चर्चा का विषय बनी हुई हैं. दुनिया के सबसे अमीर आदमी से जुड़ा अगर कोई स्कैंडल सामने आता है तो उससे जुड़े कई लोगों की जिंदगी पर असर पड़ता है. अमेजन के मालिक जेफ बेजोस (Jeff Bezos) और उनकी गर्लफ्रेंड लॉरेन सांचेज (Lauren Sanchez) की निजी तस्वीरें उसी अमेरिकी मैग्जीन के पास पहुंच गई हैं जिसने जेफ और लॉरेन के अफेयर की खबर सार्वजनिक की थी.

दुनिया के सबसे अमीर इंसान को किया जा रहा है ब्लैकमेल

जेफ बेजोस ने नेशनल एन्क्वाइरर टैबलॉइड पर ब्लैकमेल और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. बेजोस का कहना है कि इस टैबलॉइड ने उनकी और उनकी गर्लफ्रेंड की अश्लील तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी दी है. धमकी में कहा गया है कि अगर जेफ ने उनकी बात नहीं मानी तो वो लोग ये तस्वीरें सार्वजनिक कर देंगे.

क्या वाकई जेफ बेजोस का फोन हैक हुआ है और उनकी तस्वीरें हैकिंग के जरिए नेशनल एनक्वाइरर के पास पहुंची हैं?

असल में जेफ बेजोस इस बात की जांच कर रहे थे कि नेशनल एन्क्वाइरर के पास उनकी निजी तस्वीरें कहां से आईं और क्या इस खुलासे के पीछे सरकार का हाथ है? ये सवाल बहुत अहम है क्योंकि जेफ और उनके वकील ने AMI (अमेरिकन मीडिया inc) पर गलत तरह से जर्नलिज्म के लिए मिले विशेष अधिकारों का फायदा उठाने का आरोप लगाया था और अब मैग्जीन के पब्लिशर चाहते हैं कि इस जांच को बंद कर दिया जाए.

AMI के कर्ता-धर्ता डेविड पेकर डोनाल्ड ट्रंप के करीबी हैं और जब से अमेरिकी मीडिया ने डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की जांच पड़ताल में पूरा सहयोग करने की हामी भरी है तब से ही ब्लैकमेलिंग शुरू हो गई है. इस जांच का निशाना प्रेसिडेंट ट्रंप भी हैं जो किसी स्कैंडल की तरह सामने आ रहा है.

जेफ बेजोस और सांचेज की आपत्तीजनक तस्वीरें कैसी हैं और क्या-क्या करते दिखाए गए हैं इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी गई है.

पर अहम मुद्दा ये कि तस्वीरें मैग्जीन के पास आईं कैसे?

अभी जेफ बेजोस और उनकी कंपनी इस बारे में जांच कर रही है कि इस मैग्जीन के पास इतनी निजी तस्वीरें कहां से आईं. आखिर कैसे एक खोजी पत्रिका उनके फोन तक पहुंच गई. इस मामले में जेफ के इन्वेस्टिगेटर का कहना है कि उनका फोन हैक नहीं हुआ है. ये बात चिंता वाली है कि दुनिया के सबसे अमीर इंसान का डेटा किसी के पास इतनी आसानी से चला जाता है.

यहां भी सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकारी एजेंसियों ने जेफ के निजी डेटा को मैग्जीन तक पहुंचाने में मदद की है.

पर बात इतनी छोटी नहीं है-

जेफ के निजी मैसेज और तस्वीरें अगर इतनी आसानी से किसी सरकारी एजेंसी या किसी हैकर की मदद से किसी पत्रिका तक पहुंच सकती हैं तो फिर उस डेटा का क्या जो अमेजन के सर्वर पर सेव है? जेफ बेजोस कोई साधारण इंसान नहीं हैं. वो एक ऐसी कंपनी के मालिक हैं जिसके पास दुनिया भर के करोड़ों लोगों की जानकारी सुरक्षित है.

जेफ का डेटा चाहें फोन से चोरी हुआ हो, या फिर किसी एप की मदद से, या फिर कनेक्शन लाइन की मदद से, या किसी हैकर की मदद से या सरकारी एजेंसी की मदद से. मुद्दा ये है कि वो तस्वीरें और मैसेज जो सिर्फ जेफ और उनकी गर्लफ्रेंड के फोन पर ही रहने चाहिए थे वो किसी और के पास हैं और अब आलम ये है कि उस डेटा का इस्तेमाल कर दुनिया के सबसे अमीर इंसान को ब्लैकमेल किया जा रहा है और वो ऐसी स्थिति में आ गया है जहां उसे ईमेल सार्वजनिक करना पड़ रहा है. जेफ बेजोस की निजी तस्वीरें उन्हें बदनाम कर सकती हैं.

लेकिन चिंता ये है कि अगर उनके फोन से एक तस्वीर निकाली जा सकती है तो न जाने कितनी खूफिया जानकारी भी निकाली जा सकती है. करोड़ों का लेन-देन जो इंसान फोन पर ही करता हो उसके फोन से निजी जानकारी का चोरी होना खतरे की घंटी है.

जेफ बेजोस कोई किराना दुकान के मालिक तो हैं नहीं जो ये छोटी बात हो. करोड़ों लोगों की निजी जानकारी, बैंक अकाउंट डिटेल्स, ईमेल, अकाउंट आदि सब कुछ अमेजन के पास सेव है. अगर अमेजन कंपनी के मालिक का ही फोन सुरक्षित नहीं है तो ये कैसे समझा जा सकता है कि हमारा डेटा सुरक्षित होगा.

चलिए ये मान भी लिया जाए कि अमेजन के सर्वर सुरक्षित हैं, लेकिन ये चिंता तो अब अपने स्मार्टफोन की भी है. आए दिन ऐसी खबरें आती रहती हैं कि जीमेल, फेसबुक, अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि किसी कंपनी से लाखों लोगों की डिटेल्स चोरी हो गई हैं. आपके अपने फोन पर भी न जाने कितने पेमेंट वॉलेट, अकाउंट डिटेल्स आदि सब सुरक्षित होंगे. एक हैकर को कितना समय लगेगा आपके पर्सनल डिटेल्स में सेंध लगाने के लिए.

गूगल, फेसबुक, एपल जैसी कंपनियों के पास हैकर्स की फौज रहती है जो भले ही फोन हैक न करें, लेकिन वो मीडिया चैनल जिसके जरिए पर्सनल मैसेज और तस्वीरें भेजी जाती हैं उसमें कमियां निकाली जा सकती हैं. यही काम सरकारी एजेंसियां भी करती हैं. हो सकता है किसी सरकारी एजेंसी ने ही इन तस्वीरों को ले लिया हो. ऐसे में तो किसी भी व्यक्ति का डेटा सुरक्षित नहीं है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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