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सेक्‍स न करना जानलेवा भी हो सकता है!

    • आईचौक
    • Updated: 26 जनवरी, 2016 06:23 PM
  • 26 जनवरी, 2016 06:23 PM
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स्लीपिंग सिकनेस का पैरासाइट पिछले दस हजार वर्षों से बिना सेक्स किए ही दुनिया में कायम है लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि सेक्स के प्रति उसकी उदासीनता ही उसके अंत का कारण बनेगी...
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अफ्रीका में ऐसे पैरासाइट का पता चला है जिसने 10,000 साल से सेक्‍स नहीं किया है. वह सिर्फ अपने डीएनए को ही डबल करके अब तक जिंदा रहा है. लेकिन उसकी यही आदत उसके लिए जानलेवा होने जा रही है.

इस दुनिया के भविष्य को बचाए रखने और अगली पीढ़ियों के निर्माण के लिए जरूरी चीज की कमी ही एक खतरनाक पैरासाइट के खात्मे की वजह बन सकती है. हर वर्ष अफ्रीका में हजारों लोगों की जान लेने वाले ये पैरासाइट्स विज्ञान नहीं बल्कि खुद ही अपने अंत की दास्तां लिख रहे हैं. दरअसल इस पैरासाइट ने पिछले लगभग 10 हजार वर्षों से सेक्स नहीं किया है. उनकी सेक्स के प्रति उदासीनता के कारण आने वाले समय में इनका समूल विनाश लगभग तय है. आइए जानें इन पैरासाइट की हैरान कर देने वाली कहानी.

सेक्स न करने से खत्म होंगे ये पैरासाइट:अफ्रीका में होने वाली स्लीपिंग सिकनेस बीमारी की वजह ट्राइपैनोसोमा ब्रूसेई गैम्बियंस (टी.बी. गैम्बियंस) नामक पैरासाइट है. हाल ही में वैज्ञानिकों के एक दल ने अपनी रिसर्च में बताया कि इस पैरासाइट ने पिछले लगभग 10 हजार वर्षों से सेक्स ही नहीं किया है. लेकिन इतने लंबे समय तक सेक्स न करने के बावजूद इस पैरासाइट ने बार-बार क्लोनिंग और डीएनए के कॉपी-पेस्ट से अब तक खुद को बचाए रखा है. लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि सेक्स के बिना इनका लंबे समय तक जीवित रहना संभव नहीं होगा.

ग्लास्गो यूनिवर्सिटीइज वेलकम ट्रस्ट सेंटर फॉर मॉल्यूक्यूलर पैथोलॉजी के शोधकर्ताओं का कहना है कि संसार में किसी भी जीव के लिए खुद के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए सेक्शुअल रिप्रॉडक्शन आवश्यक है क्योंकि सेक्शुअल संबंध किसी भी जीव के डीएनए में परिवर्तन करते हैं, जिससे जीवों का अस्तित्व लंबे समय तक बरकरार रखता है. बिना सेक्स किए हजारों वर्ष तक जीवित रहने की इन परजीवियों की कहानी सच में हैरान करने वाली हैं. लेकिन अब विज्ञान नहीं बल्कि सेक्स न करना उनके लिए जानलेवा साबित होने जा रहा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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