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FLIGHT MH370: तो आखिरकार गुत्थी सुलझ ही गई!

    • आईचौक
    • Updated: 15 मई, 2018 09:04 PM
  • 15 मई, 2018 09:04 PM
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इस गुत्थी का एक पहलू एक्सपर्ट्स ने सुलझा ली है. ऑस्ट्रेलियाई शो '60 Minutes' में एक्सपर्ट्स के एक ग्रुप ने इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की. उनका निष्कर्ष चौंकाने वाला था.

मलेशियन फ्लाइट MH370. वो प्लेन जिसका कोई ठोर ठिकाना नहीं था. वो प्लेन जो अनंत सागर में विलीन हो गया, अब उसके बारे में एक नई जानकारी सामने आई है. एक थ्योरी जो पूरी तरह से मलेशियन फ्लाइट के गायब होने की गुत्थी सुलझा सकती है.

इस गुत्थी का एक पहलू एक्सपर्ट्स ने सुलझा ली है. ऑस्ट्रेलियाई शो '60 Minutes' में एक्सपर्ट्स के एक ग्रुप ने इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की. उनका निष्कर्ष चौंकाने वाला था.

क्या हुआ था 8 मार्च 2014 को?

उस मलेशियन फ्लाइट में जिसने कुआलालम्पुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी. उस समय मलेशियन एयरलाइन्स की फ्लाइट में 239 लोग मौजूद थे और 1 को छोड़कर सभी बेहोश थे. कारण? एक पायलट ने प्लेन को डीप्रेशराइज (Depressurize) कर दिया था. बोइंग 777 में बैठे लोगों को ये बिलकुल नहीं पता था कि जिस लंबी यात्रा के लिए वो बैठे हैं वो इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी.

रविवार को एविएशन एक्सपर्ट्स ने इस बारे में जानकारी दी और अपनी एक नई थ्योरी का गठन किया. वो थ्योरी ये है कि पायलट ने जानबूझकर प्लेन को गलत साइड मोड़ा और फिर सागर में डुबा दिया.

इसका पूरा ठीकरा कैप्टन ज़ाहारी अहमद शाह (Capt. Zaharie Ahmad Shah) पर फोड़ा गया.

जो भी प्लेन को उड़ाने के लिए उस समय जिम्मेदार था उसने दो बार प्लेन को बाईं ओर घुमाया था. ये वही इंसान था जो जाग रहा था.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज़ाहारी ही उस समय प्लेन को अपने कंट्रोल में लिए थे और दूसरा पायलट भी सो रहा था. कैप्टन शाह ने प्लेन बाईं ओर दो बार घुमाया क्योंकि वो अपने शहर पेनांग, मलेशिया को आखिरी बार देखना चाहते थे.

कैसे पहुंचे इस थ्योरी पर?

60 मिनट्स की थ्योरी निकालने के लिए एक्सपर्ट्स एविएशन इंडस्ट्री के दिग्गज के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियन ट्रांसपोर्ट...

मलेशियन फ्लाइट MH370. वो प्लेन जिसका कोई ठोर ठिकाना नहीं था. वो प्लेन जो अनंत सागर में विलीन हो गया, अब उसके बारे में एक नई जानकारी सामने आई है. एक थ्योरी जो पूरी तरह से मलेशियन फ्लाइट के गायब होने की गुत्थी सुलझा सकती है.

इस गुत्थी का एक पहलू एक्सपर्ट्स ने सुलझा ली है. ऑस्ट्रेलियाई शो '60 Minutes' में एक्सपर्ट्स के एक ग्रुप ने इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की. उनका निष्कर्ष चौंकाने वाला था.

क्या हुआ था 8 मार्च 2014 को?

उस मलेशियन फ्लाइट में जिसने कुआलालम्पुर से बीजिंग के लिए उड़ान भरी थी. उस समय मलेशियन एयरलाइन्स की फ्लाइट में 239 लोग मौजूद थे और 1 को छोड़कर सभी बेहोश थे. कारण? एक पायलट ने प्लेन को डीप्रेशराइज (Depressurize) कर दिया था. बोइंग 777 में बैठे लोगों को ये बिलकुल नहीं पता था कि जिस लंबी यात्रा के लिए वो बैठे हैं वो इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी.

रविवार को एविएशन एक्सपर्ट्स ने इस बारे में जानकारी दी और अपनी एक नई थ्योरी का गठन किया. वो थ्योरी ये है कि पायलट ने जानबूझकर प्लेन को गलत साइड मोड़ा और फिर सागर में डुबा दिया.

इसका पूरा ठीकरा कैप्टन ज़ाहारी अहमद शाह (Capt. Zaharie Ahmad Shah) पर फोड़ा गया.

जो भी प्लेन को उड़ाने के लिए उस समय जिम्मेदार था उसने दो बार प्लेन को बाईं ओर घुमाया था. ये वही इंसान था जो जाग रहा था.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि ज़ाहारी ही उस समय प्लेन को अपने कंट्रोल में लिए थे और दूसरा पायलट भी सो रहा था. कैप्टन शाह ने प्लेन बाईं ओर दो बार घुमाया क्योंकि वो अपने शहर पेनांग, मलेशिया को आखिरी बार देखना चाहते थे.

कैसे पहुंचे इस थ्योरी पर?

60 मिनट्स की थ्योरी निकालने के लिए एक्सपर्ट्स एविएशन इंडस्ट्री के दिग्गज के साथ-साथ ऑस्ट्रेलियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी ब्यूरो के चीफ भी थे जो असल में MH370 के गायब होने की जांच कर रही टीम में थे और एक बेहतरीन समुद्र वैज्ञानिक हैं. इन सभी को साथ लाया गया था.

इनका कहना है कि प्लेन का आखिरी फ्लाइट पाथ थोड़ा सा बाईं ओर मुड़ा हुआ था. यही इस थ्योरी को जन्म देता है कि कैप्टन शाह अपने शहर को देखना चाहते थे और आखिरी बार गुडबाई करना चाहते थे. एक एक्सपर्ट के अनुसार उसने तीन महीने सिर्फ यही सोचने में लगाए कि आखिर दो बार प्लेन बाईं ओर क्यों मुड़ा. उसके बाद ही ये उत्तर सामने आया कि कोई खिड़की से बाहर झांक रहा है.

क्यों है कैप्टन शाह पर शक?

कैप्टन शाह की शादी टूटने की कगार पर थी. प्लेन जब से गायब हुआ था तब से ही फ्लाइट के दोनों पायलट शाह और को-पायलट फारिख अब्दुल हामिद पर शक जता रहे थे. शुरुआत से ही इस थ्योरी को माना जा रहा था कि कैप्टन शाह ने प्लेन इस लिए डुबा दिया क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी बीवी उन्हें छोड़ देगी. 53 साल के ज़ाहारी शाह पर मास मर्डर का आरोप लगाया गया है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहले शाह ने प्लेन को डीप्रेशराइज किया फिर प्लेन को दो बार बाईं ओर मोड़ा और फिर सीधे दाईं ओर मोड़ दिया. क्योंकि प्लेन में बैठे सभी लोग बेहोश हो गए थे इसीलिए कोई गुडबाए टेक्स्ट, कोई इमर्जेंसी कॉल, कोई मेल कुछ नहीं मिला और लोग नींद में ही डूबकर मर गए.

कैप्टन शाह सिर्फ खुद को नहीं मार रहे थे बल्कि वो प्लेन में बैठे हर शख्स को मार रहे थे.

आखिर कैसे राडार में नहीं आया प्लेन?

एक्सपर्ट्स ने इस गुत्थी का एक सबसे बड़ा रहस्य सुलझा लिया है. इससे जुड़ा सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर फ्लाइट का पाथ (रास्ता) बदला था, अगर वो डूबी थी तो किसी राडार पर क्यों नहीं आई, किसी सैटेलाइट ने उसे क्यों नहीं पकड़ा?

इसका भी सीधा सा जवाब दिया गया कि कैप्टन शाह ऐसा चाहते थे. वो एक एक्सपीरियंस्ड पायलट थे जिनके पास 20 हज़ार घंटों का फ्लाइट एक्सपीरियंस था. उन्होंने फ्लाइट सिम्युलेटर (फ्लाइट को छुपाने का तरीका) खोज लिया था. उन्हें पता था कि उन्हें क्या करना है.

कैप्टन शाह को पता था कि थाईलैंड और मलेशिया की बॉर्डर पर उड़ने से क्या होगा. उन्हें ये पता था कि एयरस्पेस में प्लेन कुछ समय थाई बॉर्डर पर और कुछ समय मलेशियन बॉर्डर पर रहे तो दोनों ही देशों के एयरकंट्रोल डिपार्टमेंट इसपर ध्यान नहीं देंगे क्योंकि एक्शन लेने तक प्लेन दूसरे देश में पहुंच चुका होगा. ये बॉर्डरलाइन का मामला था और कोई एक्सपीरियंस्ड पायलट ही ऐसा कर सकता था.

अभी भी ये अटकलें ही हैं और ये सिर्फ थ्योरी है, जब तक प्लेन नहीं मिल जाता तब तक इसका पता लगाना और इस थ्योरी को सही ठहराना बचकाना पन ही होगा.

एक चीनी ग्रुप Chinese Martyrs' Brigade ने प्लेन को डुबाने की जिम्मेदारी भी ली थी, लेकिन ये भी एक होक्स ही साबित हुआ. दो लोग प्लेन में फर्जी पासपोर्ट से भी सफर कर रहे थे, लेकिन दोनों में से किसी के भी किसी आतंकी संगठन से संबंध नहीं थे.

अब तक प्लेन का मलबा ढूंढने में 1000 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा का खर्च आ चुका है और तीन देशों ने इसकी जांच बंद कर दी है. हाल ही में टेक्सस की एक कंपनी Ocean Infinity ने इसपर 70 मिलियन डॉलर का खर्च और किया है और हर दिन ये कंपनी 500 स्क्वेयर मील का सफर तय कर रही है, लेकिन फिर भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.

फिलहाल प्लेन के डूबने की ये सबसे अहम थ्योरी साबित हुई है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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