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अब बिना पटरी के दौड़ेगी ट्रेन, जानिए खासियत

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 05 जून, 2017 01:08 PM
  • 05 जून, 2017 01:08 PM
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मेट्रो को कभी बिना पटरी पर दौड़े सुना है. नहीं न, लेकिन चीन ने ऐसी ट्रेन भी बना डाली है. जो बिना पटरी के दौड़ेगी.

कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि भारत के कोलकाता में पानी के अंदर मेट्रो चलेगी. कुछ ऐसी ही खबर आई थी कि हाईपरलूप ट्रेन फ्लाइट से भी जल्दी मंजिल तक पहुंचाएगी. जिसकी स्पीड काफी तेज होगी. लेकिन, अब चीन इससे चार कदम आगे निकल चुका है. अब उसने बिना पटरी के मेट्रो बनाई है. जी हां, विश्वास नहीं हो रहा होगा न आपको. पर हमेशा से कुछ नया करने वाले चीन ने अब वर्चुअल ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेन बनाई है.

चीन इस ट्रेन को लेकर काफी उत्साहित है. वो काफी साल से इस ट्रेन पर काम कर रहा है. चीन के झुझोऊ में इस ट्रेन का ट्रायल किया गया जो सफल रहा. इस ट्रेन की खास बात ये है कि ये प्रदूषण नहीं फैलाती.

बता दें, चीन प्रदूषण से काफी परेशान है ऐसे में ये मेट्रो उनके लिए एकदम सटीक है. चीन रेल कॉर्पोरेशन ने वर्ष 2013 में इस तरह की ट्रेन की डिजाइन बनाने की शुरुआत की थी. इस ट्रेन को अगले साल से चलाने का प्लान है.

वैसे आप सभी को पता है कि ट्रेन सीधे चलती है. ज्यादा घूम नहीं पाती. लेकिन ये ट्रेन जब चाहे वैसे घूम सकती है. ट्रेनों के विपरीत इसमें बस-ट्रक की तरह स्टीअरिंग लगा है, जिसकी मदद से ड्राइवर इसे मोड़ सकेगा. चीन ने इस सेवा का नाम ऑटोनॉमस रैपिड ट्रांज़िट (ART) रखा है.

इस ट्रेन की लंबाई 30 मीटर की है. इस ट्रेन की खास बात ये है कि इसमें ऐसे सेंसर लगे हैं जो कि सड़क की लंबाई-चौड़ाई और विस्तार को खुद ही भांप लेंगे. इस सेंसर की मदद से ट्रेन बिना धातु की पटरियों के ही अपने रास्ते पर चल सकेगी. ART की हर ट्रेन में 307 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसकी अधिकतम रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा है. ART के पीछे इस्तेमाल की गई...

कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि भारत के कोलकाता में पानी के अंदर मेट्रो चलेगी. कुछ ऐसी ही खबर आई थी कि हाईपरलूप ट्रेन फ्लाइट से भी जल्दी मंजिल तक पहुंचाएगी. जिसकी स्पीड काफी तेज होगी. लेकिन, अब चीन इससे चार कदम आगे निकल चुका है. अब उसने बिना पटरी के मेट्रो बनाई है. जी हां, विश्वास नहीं हो रहा होगा न आपको. पर हमेशा से कुछ नया करने वाले चीन ने अब वर्चुअल ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेन बनाई है.

चीन इस ट्रेन को लेकर काफी उत्साहित है. वो काफी साल से इस ट्रेन पर काम कर रहा है. चीन के झुझोऊ में इस ट्रेन का ट्रायल किया गया जो सफल रहा. इस ट्रेन की खास बात ये है कि ये प्रदूषण नहीं फैलाती.

बता दें, चीन प्रदूषण से काफी परेशान है ऐसे में ये मेट्रो उनके लिए एकदम सटीक है. चीन रेल कॉर्पोरेशन ने वर्ष 2013 में इस तरह की ट्रेन की डिजाइन बनाने की शुरुआत की थी. इस ट्रेन को अगले साल से चलाने का प्लान है.

वैसे आप सभी को पता है कि ट्रेन सीधे चलती है. ज्यादा घूम नहीं पाती. लेकिन ये ट्रेन जब चाहे वैसे घूम सकती है. ट्रेनों के विपरीत इसमें बस-ट्रक की तरह स्टीअरिंग लगा है, जिसकी मदद से ड्राइवर इसे मोड़ सकेगा. चीन ने इस सेवा का नाम ऑटोनॉमस रैपिड ट्रांज़िट (ART) रखा है.

इस ट्रेन की लंबाई 30 मीटर की है. इस ट्रेन की खास बात ये है कि इसमें ऐसे सेंसर लगे हैं जो कि सड़क की लंबाई-चौड़ाई और विस्तार को खुद ही भांप लेंगे. इस सेंसर की मदद से ट्रेन बिना धातु की पटरियों के ही अपने रास्ते पर चल सकेगी. ART की हर ट्रेन में 307 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसकी अधिकतम रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा है. ART के पीछे इस्तेमाल की गई तकनीक चीन के रेलमेकर CRCC जिजो लोकोमोटिव ने विकसित की है. यही कंपनी चीन की तेज-रफ्तार रेलवे के पार्ट्स भी डिजाइन करती है.

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इस ट्रेन में प्लास्टिक के कोर पर रबर व्हील्स का इस्तेमाल किया गया है. वैसे एक सबवे की लागत 378 करोड़ से 655 करोड़ रुपए पड़ती है. इस तरह नई ट्रेन की लागत महज करीब 76 करोड़ रुपए पड़ेगी. नई ट्रेन करीब 25 साल तक सेवा दे सकती है. दस मिनट की चार्जिंग में यह 25 किमी दौड़ सकती है. कुल मिलाकर चीन के इस टेक्नोलॉजी से बाकी देश भी सोच में पड़ गए होंगे. क्योंकि किसी ने नहीं सोचा होगा कि बिना पटरी के ट्रेन भी चल सकती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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