• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
स्पोर्ट्स

कांटों से भरा होगा टीम इंडिया का दक्षिण अफ्रीका दौरा

    • अमित अरोड़ा
    • Updated: 28 दिसम्बर, 2017 05:46 PM
  • 28 दिसम्बर, 2017 05:28 PM
offline
1992/93 सीज़न से लेकर अब तक भारत ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध, अफ्रीकी धरती पर 17 टेस्ट मैच खेले हैं. इनमें से भारत केवल 2 मैच ही जीत पाया है. ऐसे में अभ्यास मैच न खेलने का फैसला कहीं भारी न पड़ जाए.

भारतीय क्रिकेट टीम अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जा रही है. इस दौरे में भारत 3 टेस्ट मैच, 6 एक दिवसीय और 3 टी-20 खेलने वाला है. यह दौरा विराट कोहली की कप्तानी के लिए अग्नि परीक्षा साबित होने वाला है. पहले देखा गया है कि दक्षिण अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ों को मदद करने वाली पिचों पर भारतीय बल्लेबाज़ लड़खड़ा जाते हैं. वर्तमान टीम में भी दो-तीन खिलाड़ियों पर ही पूरी टीम की बल्लेबाज़ी का दारोमदार रहेगा.

2017 में भारतीय टीम ने कोई भी टेस्ट या एक दिवसीय श्रृंखला नहीं हारी है. इस साल भारत ने अपने ज़्यादातर मैच देश में ही खेले. जहां द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में उसे हराना प्रतिद्वंदियों के लिए मुश्किल होता है. देश के बाहर भारत ने वेस्ट इंडीज़ और श्रीलंका का दौरा किया. आंकड़ों के हिसाब से भारत ने वेस्ट इंडीज़ और श्रीलंका को भी उनके घर में हराया. लेकिन वर्तमान में यह दोनों टीम बहुत कमज़ोर है. इसलिए भारतीय क्रिकेट टीम के 2017 के प्रदर्शन से कोई सटीक निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं होगा.

अभ्यास मैच न खेलने की रणनीति भारी पड़ सकती है

भारत इस दौरे में कोई अभ्यास मैच नहीं खेल रहा है. श्रृंखला की शुरूआत में भारत ने पहले 2 दिन का अभ्यास मैच खेलना था. लेकिन भारतीय टीम ने अभ्यास मैच के बजाए ट्रेनिंग सत्र आयोजित करवाने का फ़ैसला लिया. इसका मतलब है कि भारतीय बल्लेबाज़ बिना किसी अभ्यास के दक्षिण अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ों का सामना करेंगे.

अभ्यास मैच की जगह ट्रेनिंग सत्र का निर्णय भारत के लिए घातक साबित हो सकता है. किसी भी श्रृंखला की दिशा प्राय: शुरूआती मैचों में ही तय हो जाती है. अगर भारत के पुराने दक्षिण अफ्रीकी दौरों पर नज़र डालें तो पाएंगे की भारत का शुरूआती टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन, एक दिवसीय मैचों पर भी असर डालता रहा है. ऐसा इतिहास होने...

भारतीय क्रिकेट टीम अगले महीने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर जा रही है. इस दौरे में भारत 3 टेस्ट मैच, 6 एक दिवसीय और 3 टी-20 खेलने वाला है. यह दौरा विराट कोहली की कप्तानी के लिए अग्नि परीक्षा साबित होने वाला है. पहले देखा गया है कि दक्षिण अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ों को मदद करने वाली पिचों पर भारतीय बल्लेबाज़ लड़खड़ा जाते हैं. वर्तमान टीम में भी दो-तीन खिलाड़ियों पर ही पूरी टीम की बल्लेबाज़ी का दारोमदार रहेगा.

2017 में भारतीय टीम ने कोई भी टेस्ट या एक दिवसीय श्रृंखला नहीं हारी है. इस साल भारत ने अपने ज़्यादातर मैच देश में ही खेले. जहां द्विपक्षीय श्रृंखलाओं में उसे हराना प्रतिद्वंदियों के लिए मुश्किल होता है. देश के बाहर भारत ने वेस्ट इंडीज़ और श्रीलंका का दौरा किया. आंकड़ों के हिसाब से भारत ने वेस्ट इंडीज़ और श्रीलंका को भी उनके घर में हराया. लेकिन वर्तमान में यह दोनों टीम बहुत कमज़ोर है. इसलिए भारतीय क्रिकेट टीम के 2017 के प्रदर्शन से कोई सटीक निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं होगा.

अभ्यास मैच न खेलने की रणनीति भारी पड़ सकती है

भारत इस दौरे में कोई अभ्यास मैच नहीं खेल रहा है. श्रृंखला की शुरूआत में भारत ने पहले 2 दिन का अभ्यास मैच खेलना था. लेकिन भारतीय टीम ने अभ्यास मैच के बजाए ट्रेनिंग सत्र आयोजित करवाने का फ़ैसला लिया. इसका मतलब है कि भारतीय बल्लेबाज़ बिना किसी अभ्यास के दक्षिण अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ों का सामना करेंगे.

अभ्यास मैच की जगह ट्रेनिंग सत्र का निर्णय भारत के लिए घातक साबित हो सकता है. किसी भी श्रृंखला की दिशा प्राय: शुरूआती मैचों में ही तय हो जाती है. अगर भारत के पुराने दक्षिण अफ्रीकी दौरों पर नज़र डालें तो पाएंगे की भारत का शुरूआती टेस्ट मैचों में खराब प्रदर्शन, एक दिवसीय मैचों पर भी असर डालता रहा है. ऐसा इतिहास होने के बाद भी श्रृंखला में अभ्यास मैच न रखना एक दम ग़लत नीति है. 1992/93 सीज़न से लेकर अब तक भारत ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध, अफ्रीकी धरती पर 17 टेस्ट मैच खेले हैं. इनमें से भारत केवल 2 मैच ही जीत पाया है.

इस दौरे पर भारतीय टीम को विराट की कप्तानी से बहुत उम्मीदें है. विराट की बल्लेबाज़ी का कौशल और आक्रमक कप्तानी ही भारत के लिए जीत और हार में फ़र्क लाएगी. भारतीय टीम में कई प्रतिभावान युवा खिलाड़ी हैं. विराट युवाओं से अच्छा खेल निकलवाना जानते हैं. अतः यही उम्मीद करनी चाहिए की भारतीय टीम अपनी क्षमता के अनुसार, सकारात्मक होकर खेलेगी और देश का नाम रौशन करेगी.

ये भी पढ़ें-

2017 यदि विराट कोहली के लिए हनीमून पीरियड था, तो 2018...

अनुष्का शर्मा दीपिका की फैन हैं या सब्यसाची की ?

अब और कितना लजवायेंगे ये नेता ?


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    महेंद्र सिंह धोनी अपने आप में मोटिवेशन की मुकम्मल दास्तान हैं!
  • offline
    अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
  • offline
    गुजरात के खिलाफ 5 छक्के जड़ने वाले रिंकू ने अपनी ज़िंदगी में भी कई बड़े छक्के मारे हैं!
  • offline
    जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲