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2017 यदि विराट कोहली के लिए हनीमून पीरियड था, तो 2018...

    • अभिनव राजवंश
    • Updated: 27 दिसम्बर, 2017 11:01 PM
  • 27 दिसम्बर, 2017 11:01 PM
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साल 2018 की शुरुआत ही दक्षिण अफ्रीका दौरे से होने वाली है. इस दौरे पर टीम 3 टेस्ट, 6 वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने हैं. ऑस्ट्रेलिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका ही वो देश है, जहां भारतीय टीम अभी तक कोई भी टेस्ट सीरीज जीतने में नाकाम रही है.

साल 2017 के अपने आखिरी मैच में श्रीलंका के खिलाफ T20 में शानदार जीत दर्ज कर भारतीय टीम ने साल का सुखद अंत किया. यह पूरा साल भारतीय टीम के लिए किसी स्वर्णिम काल की तरह रहा. एक तरफ जहां भारत ने ना कोई टेस्ट सीरीज गंवाई और ना ही भारत को किसी द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा. हालांकि भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जरूर हार मिली थी.

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के लिहाज से तो यह साल और भी यादगार रहा. मैदान पर विराट ने कप्तानी की जिम्मेदारी के साथ ही रनों का भी अंबार लगा दिया. इस दौरान विराट ने कई रिकार्ड्स भी अपने नाम किये. यह साल विराट के व्यक्तिगत जीवन में काफी यादगार रहा. इस साल विराट ने जहां अनुष्का के साथ सात फेरे लिए तो साथ ही विज्ञापन की दुनिया में भी सबसे बड़े ब्रांड बनकर उभरे.

कंगारुओं को उनकी ही पिच पर मात देना मुश्किल है

हालांकि साल 2018 की शुरुआत में ही साउथ अफ्रीका दौरे की कठिन चुनौती भारतीय टीम के सामने है. यह सही है कि साल 2017 में भारतीय टीम के टेस्ट में रिकार्ड्स बहुत शानदार हैं, मगर यह भी एक सच है कि इस साल भारतीय टीम ज्यादातर भारतीय उपमहाद्वीप में ही खेली और घरेलु पिचों पर भारतीय टीम हमेशा से ही बेहतर प्रदर्शन करते आयी है.

मगर साल 2018 की शुरुआत ही दक्षिण अफ्रीका दौरे से होने वाली है. इस दौरे पर टीम 3 टेस्ट, 6 वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने हैं. ऑस्ट्रेलिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका ही वो देश है, जहां भारतीय टीम अभी तक कोई भी टेस्ट सीरीज जीतने में नाकाम रही है. भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2010-11 में रहा था, जब धोनी के नेतृत्व में टीम तीन मैचों की सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराने में सफल रही थी.

इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की धरती पर भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी...

साल 2017 के अपने आखिरी मैच में श्रीलंका के खिलाफ T20 में शानदार जीत दर्ज कर भारतीय टीम ने साल का सुखद अंत किया. यह पूरा साल भारतीय टीम के लिए किसी स्वर्णिम काल की तरह रहा. एक तरफ जहां भारत ने ना कोई टेस्ट सीरीज गंवाई और ना ही भारत को किसी द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा. हालांकि भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जरूर हार मिली थी.

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के लिहाज से तो यह साल और भी यादगार रहा. मैदान पर विराट ने कप्तानी की जिम्मेदारी के साथ ही रनों का भी अंबार लगा दिया. इस दौरान विराट ने कई रिकार्ड्स भी अपने नाम किये. यह साल विराट के व्यक्तिगत जीवन में काफी यादगार रहा. इस साल विराट ने जहां अनुष्का के साथ सात फेरे लिए तो साथ ही विज्ञापन की दुनिया में भी सबसे बड़े ब्रांड बनकर उभरे.

कंगारुओं को उनकी ही पिच पर मात देना मुश्किल है

हालांकि साल 2018 की शुरुआत में ही साउथ अफ्रीका दौरे की कठिन चुनौती भारतीय टीम के सामने है. यह सही है कि साल 2017 में भारतीय टीम के टेस्ट में रिकार्ड्स बहुत शानदार हैं, मगर यह भी एक सच है कि इस साल भारतीय टीम ज्यादातर भारतीय उपमहाद्वीप में ही खेली और घरेलु पिचों पर भारतीय टीम हमेशा से ही बेहतर प्रदर्शन करते आयी है.

मगर साल 2018 की शुरुआत ही दक्षिण अफ्रीका दौरे से होने वाली है. इस दौरे पर टीम 3 टेस्ट, 6 वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने हैं. ऑस्ट्रेलिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका ही वो देश है, जहां भारतीय टीम अभी तक कोई भी टेस्ट सीरीज जीतने में नाकाम रही है. भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2010-11 में रहा था, जब धोनी के नेतृत्व में टीम तीन मैचों की सीरीज को 1-1 से ड्रॉ कराने में सफल रही थी.

इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका की धरती पर भारतीय टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. भारत ने अफ्रीका में खेले गए 17 टेस्ट मैचों में केवल 2 में जीत दर्ज की है. जबकि 8 में उसे हार का सामना करना पड़ा है और 7 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं. हालांकि साउथ अफ्रीका के खिलाफ विराट के रिकार्ड्स अच्छे रहे हैं. विराट ने दक्षिण अफ्रीका में खेले गए दो टेस्ट मैचों में 68 की औसत से 272 रन बनाये हैं, जबकि 119 उनका सर्वश्रेष्ट स्कोर रहा है.

विराट के अलावा चेतेश्वर पुजारा ही साउथ अफ्रीका में बेहतर प्रदर्शन कर सके हैं. पुजारा ने अफ्रीका में खेले गए 4 मैचों में 45 की औसत से 311 रन बनाये हैं. इन दोनों के अलावा भारतीय बल्लेबाज अफ्रीका के उछाल भरी पिचों पर संघर्ष करते ही दिखे हैं. ऐसे में भारतीय कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री पर यह दारोमदार होगा की साउथ अफ्रीका में भारतीय टीम के जीत के सूखे को ख़त्म करें. हालांकि हाल के वर्षों भारत के युवा खिलाडियों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है उससे यह उम्मीद की जा सकती है कि भारत इस बार अफ्रीका की धरती पर बेहतर प्रदर्शन करेगी.

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