• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

रामलला हम आएंगे, मंदिर बाद में पहले सबको हिन्दू बनाएंगे !

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 24 मई, 2017 09:14 PM
  • 24 मई, 2017 09:14 PM
offline
उत्तर प्रदेश के फैजाबाद क्षेत्र में बीते दिनों 43 मुस्लिम लोगों को उनकी घर वापसी कराकर दोबारा हिन्दू बनाया जा रहा है. मुस्लिम से हिन्दू हुए ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर से हैं जिन्हें फैजाबाद लाकर आरएसएस के लोगों द्वारा आर्य समाज मंदिर परिसर में हिन्दू बनाया गया है.

रामलला हम आएंगे.

मंदिर का तो पता नहीं मगर सबको हिन्दू हम बनाएंगे.

जो स्वेच्छा से हिन्दू बन गए वो लड्डू संग पेड़े भी खाएंगे.

जिन्होंने किया विरोध वो पहली फुर्सत में पाकिस्तान भेजे जाएंगे.

हाँ तो साहेबान, कद्रदान, मेहरबान मैं जानता हूं, आज जिन 4 पंक्तियों से बात शुरू करी गयी है वो निहायती घटिया तुकबंदी की परिचायक हैं. साथ ही ये पंक्तियां ऐसी हैं कि अवश्य ही इन्होंने आपके अन्दर, व्हाट्सऐप पर सोये हुए कट्टर हिन्दू या मुसलमान को जगा दिया होगा. कान में रुई ठूस कर गहरी नींद में व्हाट्सऐप पर सोया हुआ हिन्दू या मुसलमान जब जागता है तो वहां उधर मंगल ग्रह पर पानी निकलता है. बुध ग्रह पर बियर खुलती है. बृहस्पति ग्रह पर चखना चलता है और फिर यहां धरती पर मौजूद संचार के एक माध्यम सोशल मीडिया में क्रांति होती है.

क्रांति भी ऐसी कि क्या कहने. कोई गालियों के तीर चला रहा है, कोई स्लैंग्स के रॉकेट छोड़ रहा है. कहीं कोई हिंदी में गरिया रहा है तो कहीं कोई अंग्रेजी या अन्य किसी क्षेत्रीय भाषा में. क्रांति हो रही है बस हुए जा रही है.

उत्तर प्रदेश में संघ ने 43 मुसलमानों को बनाया हिन्दू

धर्म के मामले में हम भारतीय बड़े भोले हैं. हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वर्मा जी का लड़का आई.आर.एस में सिलेक्ट होकर इनकम टैक्स कमिश्नर बन गया है. न ही हमें इस बात की परवाह है कि गुप्ता जी की बड़ी बेटी 'पिंकी' ने पहले ही एटेम्पट में सीपीएमटी क्वालीफाई कर देश के विकास की तरफ अपना पहला कदम बढ़ा दिया है. इससे बड़ी शर्म की बात हमारे लिए क्या होगी कि आज 21 वीं शताब्दी में भी हम व्यक्ति को उसके धर्म और नाम के आधार पर देखते हैं.

एक बेहतर इंसान बनने की अपेक्षा हम इस बात पर...

रामलला हम आएंगे.

मंदिर का तो पता नहीं मगर सबको हिन्दू हम बनाएंगे.

जो स्वेच्छा से हिन्दू बन गए वो लड्डू संग पेड़े भी खाएंगे.

जिन्होंने किया विरोध वो पहली फुर्सत में पाकिस्तान भेजे जाएंगे.

हाँ तो साहेबान, कद्रदान, मेहरबान मैं जानता हूं, आज जिन 4 पंक्तियों से बात शुरू करी गयी है वो निहायती घटिया तुकबंदी की परिचायक हैं. साथ ही ये पंक्तियां ऐसी हैं कि अवश्य ही इन्होंने आपके अन्दर, व्हाट्सऐप पर सोये हुए कट्टर हिन्दू या मुसलमान को जगा दिया होगा. कान में रुई ठूस कर गहरी नींद में व्हाट्सऐप पर सोया हुआ हिन्दू या मुसलमान जब जागता है तो वहां उधर मंगल ग्रह पर पानी निकलता है. बुध ग्रह पर बियर खुलती है. बृहस्पति ग्रह पर चखना चलता है और फिर यहां धरती पर मौजूद संचार के एक माध्यम सोशल मीडिया में क्रांति होती है.

क्रांति भी ऐसी कि क्या कहने. कोई गालियों के तीर चला रहा है, कोई स्लैंग्स के रॉकेट छोड़ रहा है. कहीं कोई हिंदी में गरिया रहा है तो कहीं कोई अंग्रेजी या अन्य किसी क्षेत्रीय भाषा में. क्रांति हो रही है बस हुए जा रही है.

उत्तर प्रदेश में संघ ने 43 मुसलमानों को बनाया हिन्दू

धर्म के मामले में हम भारतीय बड़े भोले हैं. हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वर्मा जी का लड़का आई.आर.एस में सिलेक्ट होकर इनकम टैक्स कमिश्नर बन गया है. न ही हमें इस बात की परवाह है कि गुप्ता जी की बड़ी बेटी 'पिंकी' ने पहले ही एटेम्पट में सीपीएमटी क्वालीफाई कर देश के विकास की तरफ अपना पहला कदम बढ़ा दिया है. इससे बड़ी शर्म की बात हमारे लिए क्या होगी कि आज 21 वीं शताब्दी में भी हम व्यक्ति को उसके धर्म और नाम के आधार पर देखते हैं.

एक बेहतर इंसान बनने की अपेक्षा हम इस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं कि हमारा धर्म क्या है? न जाने हम ये बात क्यों भूल जाते हैं कि हमारे हिन्दू या मुसलमान होने में हमारा अपना कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं है. हम हिन्दू या मुसलमान सिर्फ इसलिए है कि हमारे पिता, उनके पिता और उनके भी पिता या तो हिन्दू थे या फिर मुसलमान थे.

बहरहाल, अब बात उत्तर प्रदेश की. जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा का उदय हुआ है और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं प्रदेश में कौमी सौहार्द की स्थिति जरा दूसरी हो गयी है. प्रदेश में मुद्दा, लोगों का हिन्दू या मुसलमान होना है. वादे के मुताबिक घर वापसी का दौर पुनः शुरू हो गया है. जी हाँ बिलकुल सही सुना आपने, हम आज जिस मामले की बात कर रहे हैं वो कथित 'घर वापसी' का मामला है और उत्तर प्रदेश से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने 43 मुस्लिम व्यक्तियों को मुसलमान से हिन्दू बनाया है. साथ ही भविष्य में भी 100 अन्य मुसलमानों को हिन्दू बनाने की इनकी योजना है.

गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के लोगों विशेषकर अल्पसंख्यकों के बीच पहचान का संकट खड़ा हो गया है. अपनी पहचान पर छाए इस संकट के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यकों को एक अजीब से डर का सामना करना पड़ रहा है. सूत्रों कि मानें तो अल्पसंख्यकों के बीच उपजा ये डर ही आरएसएस और कट्टर हिन्दू छवि वाले लोगों के लिए रामबाण का काम कर रहा है और वो अपनी मनमर्जी चलाने के लिए साम, दाम, दंड भेद का रास्ता अपना रहे हैं.

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के फैजाबाद क्षेत्र में बीते दिनों 43 मुस्लिम लोगों को उनकी घर वापसी कराकर दोबारा हिन्दू बनाया जा रहा है. मुस्लिम से हिन्दू हुए ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर से हैं जिन्हें फैजाबाद लाकर आरएसएस के लोगों द्वारा आर्य समाज मंदिर परिसर में सम्पूर्ण विधि विधानों से हिन्दू बनाया गया है. मंदिर परिसर के लोगों कि मानें तो आने वाले समय में और 100 लोगों को वापस मुसलमान से हिन्दू बनाया जायगा.

मुसलमान हिन्दू बन चुके हैं, घर वापसी हो चुकी हैं अंत में हम अपनी बात खत्म करते हुए इतना ही कहेंगे कि उत्तर प्रदेश में ना कभी विकास, शिक्षा, रोजगार जैसे मुद्दों पर बात हुई थी न कभी होगी. राज्य के लोगों के लिए धर्म ही सर्वोपरी था और शायद भविष्य में भी रहेगा. अब वक्त आ गया है कि प्रदेश के लोग इस बात को जल्दी से जल्दी समझ लें कि प्रदेश का विकास मुसलमान से हिन्दू और हिन्दू से मुसलमान बनने पर नहीं है बल्कि विकास तब है जब राज्य के लोगों को रोज़गार मिले, शिक्षा मिले अन्यथा हिन्दू मुस्लिम का खेल बरसों से चला आ रहा है, आगे भी चलेगा. लोग इसी बिंदु पर नफरत की खाद डालके आएंगे और उन्हें यूं ही ठग कर चले जाएंगे. 

ये भी पढ़ें -

धार्मिक प्यार के आगे सबकी किडनी फेल हो जाती है!

ट्रिपल तलाक बैन मत करो, ये हक महिलाओं को भी दे दो

अगर नेताओं ने नहीं अपनाई धर्मनिरपेक्षता तो हिन्दुओं में भी बढ़ सकती है कट्टरता !

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲